मंगलवार, 29 जनवरी 2019

बड़ा सवाल : कैसे जीतेंगे हरीश रावत...

संवाददाता : हरिद्वार  उत्तराखंड 





 आगामी 2019 लोकसभा चुनाव आखिरी कैसे जीतेंगे हरीश रावत। यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता नजर आ रहा है। क्योंकि उनके समर्थकों द्वारा जो माहौल लोकसभा चुनाव को लेकर बनाए जा रहा है, वही कतिपय कारणों से बिखरता नजर आ रहा है। चाहे वह गंगा-गन्ना यात्रा रही हो या फिर किसानों के समर्थन में उनके समर्थकों द्वारा आहूत की गई सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना प्रदर्शन। इससे से लगता है कि हरीश रावत भले ही चुनाव लड़ने की सोच रहे हो, परंतु माहौल उनके पक्ष में बनता नजर नहीं आ रहा है।


चाहे वह गंगा-गन्ना यात्रा रही हो या फिर किसानों के समर्थन में उनके समर्थकों द्वारा आहूत की गई सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर धरना प्रदर्शन। इससे से लगता है कि हरीश रावत भले ही चुनाव लड़ने की सोच रहे हो, परंतु माहौल उनके पक्ष में बनता नजर नहीं आ रहा है।


इतना ही नही उनके धुर समर्थक और उनके मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश पदाधिकारी व पूर्व विधायक रहे सिपहसलाहकर रहे कांग्रेसी नेताओं ने भी अब कमर कस ली है और दबी जुबान से यह भी कहते है कि क्या कांगेस में शिर्फ और शिर्फ हरीश रावत ही बचे है लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए। इतना ही नही हरीश रावत के द्वारा आयोजित गंगा-गन्ना यात्रा और अब किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन का फ्लॉप होना !आगामी लोकसभा चुनाव में हरीश रावत के लिए खतरे की घंटी बजती नजर आ रही है। क्योंकि लोकसभा चुनाव सर पर है और कांग्रेस किसानों के लिए जिस तरह आंदोलन चला रही है, उसके बावजूद किसानों द्वारा दूरी बनाना रावत के लिए टेढ़ी खीर नजर आ रही है ।


वही हालात व समीकरण हरीश रावत के पक्ष में बनते नजर नही आ रहे है।जिसका प्रमाण उनके समर्थक जयचंदो व जनता ने विगत विधानसभा चुनाव में हार का मुंह दिखा कर कर दिया था।उसी का कारण रहा कि स्वयं मुख्यमंत्री रहते हुए भी हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण से विधानसभा चुनाव हार गए।और लगातार एक के बाद एक फ्लॉप कार्यक्रमो के कारण चाहे वह गंगा-गन्ना यात्रा हो या फिर किसानों की समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन।वही किसानों के लिए आहूत की गई धरना-प्रदर्शन में स्वयं हरीश रावत सहित उत्तराखंड कांगेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह पंवार को आना था पर दोनो ही नही पहुचे उर पहुचे तो शिर्फ किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील राठी के अलावा विधायक ममता राकेश,फुरकान अहमद,पूर्व विद्यायक तस्लीम अहमद, सतपाल ब्रह्मचारी और राव अफाक।वही किसानों के लिए आयोजित कार्यक्रम से किसानों ने ही दूरी बनाए रखी।जो एक बड़ा सवाल है?इतना ही नही प्रीतम कांगेस पदाधिकारी भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी।तो सवाल उठता है कि जब किसानों को इस कार्यक्रम में नही आना था तो फिर उनके समर्थकों ने यह कार्यक्रम रखा ही क्यो?इतना ही नही हरिद्वार के कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तो यह तक कहते नजर आते है कि क्या


हरिद्वार लोकसभा से शिर्फ हरीश रावत ही चुनाव लड़ने के है ।अब उन्हें (हरीश रावत) यहां से चुनाव नही लड़ने दिया जाएगा।ऐसे में हरीश रावत के हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है।जबकि हरिद्वार महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल की माने तो उन्हें किसानों के आयोजित इस कार्यक्रम की जानकारी ही नही थी।ऐसे में एक और बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि जब महानगर अध्यक्ष को ही कार्यक्रम की जानकारी नही है तो आयोजको द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के आने और कार्यक्रम में शिरकत करने की बात क्यो कहि गई।