गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

दिल्ली सरकार ने अपना 2019-20 का बजट पेश किया...

प्रजा दत्त डबराल : नई दिल्ली



दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री,मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली विधानसभा में 2019-20 के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश किया।


बजट के मुख्य अंश.


दिल्ली सरकार के वर्ष 2019-20 के बजट की कुल प्रस्तावित राशि के 60,000 करोड़ है:योजनाओं, कार्यकमों और परियोजनाओं के लिए बजट १ 27,000 करोड़ स्थापना बजट 33,000 करोड़ राजस्व बजट 44,781 करोड़ पूँजीगत बजट 15,219 करोड़


2019-20 के लिए 60,000 करोड़ का बजट 2018-19 के 53,000 करोड़ के बजट अनुमान से 13.21 प्रतिशत अधिक है और 50,200 करोड़ के संशोधित अनुमान से 19.52 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2019-20 के लिए 60,000 करोड़ के बजट का प्रस्ताव, 2014-15 की व्यय राशि 30940 करोड़ से लगभग दोगुना है। स्थानीय निकायों को वर्ष 2019-20 में कुल 6380 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रस्तावित है जिसमें योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए 2,331 करोड़ के रूप में है 2,244 करोड़ बुनियादी कर दायित्व के रूप में हैं और स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन शुल्क तथा एकबारगी पार्किंग शुल्क में 1805 करोड़ की हिस्सेदारी को प्रावधान किया गया है।



दिल्ली की अर्थव्यवस्था


वर्ष 2018-19 में दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वर्तमान मूल्यों पर 13 प्रतिशत की वृद्धि दर से पिछले वित्त वर्ष के र 6,90,098 करोड़ से बढ़कर 7,79,652 करोड़ हो जाने का अनुमान है। स्थिर मूल्यों पर दिल्ली की अर्थव्यवस्था का वर्ष 2018-19 में 8.61 प्रतिशत की वृद्धि दर से विकसित होने का अनुमान है, जबकि अर्थव्यवस्था की अखिल भारतीय वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत है। पिछले 4 वर्षों में जीएसडीपी की औसत वार्षिक वृद्धि दर 8.92 प्रतिशत रही है, जो दिल्ली की अर्थव्यवस्था में मजबूत आर्थिक आधारों का प्रमाण है।


दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में 3,65,529 रहने का अनुमान है, जो कि 2017-18 की औसत प्रति व्यक्ति आय 3,28,985 की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत अधिक है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से लगभग तिगुनी है जोकि वर्ष 2018-19 में 1,25,397 आंकी गई है।


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का प्रति व्यक्ति व्यय 2015-16 के रे 19,218 से बढ़कर 2019-20 में 30,369 हो गया है।


शिक्षा


शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत र 15,601 करोड़ के कुल परिव्यय प्रस्तावित है, जोकि वर्ष 2019-20 के कुल बजट का सबसे अधिक, 26 प्रतिशत है।


दिल्ली सरकार के स्कूलों, विश्वविद्यालयों, कालेजों, पोलीटेक्निक, आईटीआई तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा के छात्रों में व्यावसायिक सोच एवं रवैये को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019-20 में 42 करोड़ शिक्षा बजट में रखे गये हैं। इस कार्यक्रम के तहत 11वीं एवं 12वीं कक्षा के हर एक स्कूली छात्र को १ 1000 प्रतिवर्ष और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के छात्रों को 5000 प्रतिवर्ष की राशि दी जायेगी। इस राशि का प्रयोग कर छात्र अपना बिजनेस प्लान डेवलेप करेंगे और उसे वास्तविकता में अमल में लाकर उद्यमी होने का अनुभव भी प्राप्त करेंगे।


शिक्षा के क्षेत्र में दो नए प्रोग्राम प्रस्तावित हैं (1) राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों में डिजिटल लर्निग प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कम्प्यूटर टैबलेट उपलब्ध करवाए जायेंगे। (2) सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों में कला एवं संस्कृति में प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिभा फेलोशिप दी जाएगी।


प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 7वीं से 12वीं तक के उन सभी विद्यार्थियों को 2,500 प्रति विद्यार्थी वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी, जिन्होंने पिछली कक्षा में 80 प्रतिशत या अधिक अंक अर्जित किए हैं। इसके लिए परिवार की कोई आय सीमा नहीं रखी गयी है।


इसके लिए परिवार की कोई आय सीमा नहीं रखी गयी है। दिल्ली सरकार एक नई यूनिवर्सिटी University of Applied Sciences शुरू करेगी जिसमें कौशल विकास से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों को शुरू करके व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली सरकार टीचर्स ट्रेनिंग में विशिष्ट गुणवत्ता के लिए एक टीचर्स ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी भी बनायेगी।


दिल्ली की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 2019-20 में दो नए कार्यक्रम प्रस्तावित हैं - ये हैं दिल्ली कला केंद्र और युवा महोत्सव।


स्वास्थ्य


अस्पतालों में मौजूदा 10,000 बिस्तरों की कुल संख्या दोगुनी कर 20,000 करने के लिए जिसमें मुख्य रूप से अस्पताल परियोजनाओ जैसे अम्बेडकर नगर में 600 बिस्तरों के अस्पताल और बुराड़ी में 800 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। द्वारका में 1241 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त अस्पतालों के पुनर्गठन से 2601 नए बिस्तरों की व्यवस्था होगी।


के पुनर्गठन से 2601 नए बिस्तरों की व्यवस्था होगी। सरकार ने औषधालयों और सरकारी अस्पतालों में आने वाले रोगियों के लिए निःशुल्क दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की है, जिसके लिए सरकार ने दवाइयों की खरीद पर एक वर्ष में लगभग १ 300 करोड़ खर्च किए हैं। सरकार ने मरीजों को मुफ्त दवाईयां, जांच तथा सर्जरी इत्यादि में होने वाली समस्याओं को रिपोर्ट करने के लिए 1031 हेल्पलाईन की शुरूआत की है।


1031 शुरूआत की है। दिल्ली सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व आग में जलने वाले लोगों के लिए योजना की शुरूआत की थीइस योजना के अंतर्गत 3000 से ज्यादा लोगों का इलाज किया गया है।


पूर्वी दिल्ली में भीड़-भाड़ वाले इलाकों की संकरी गलियों में कम से कम समय में पहुंच पाने के लिए, फर्स्ट रेस्पोन्डर व्हीकल ऑन मोटर साइकिल सेवा शुरू की गई है,जो प्रशिक्षित कर्मी और मोबाइल डेटा टर्मिनल/जीपीएस उपकरणों से लैस होंगे।


वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य पर 7485 करोड़ प्रतिव्यय प्रस्तावित है। इसमें 6462 करोड़ का राजस्व बजट और 1023 करोड़ का पूंजीगत बजट शामिल है।


सामाजिक सुरक्षा और कल्याण


वरिष्ठ नागरिकों, विशेष आवश्यकता वाले लोगों और संकटग्रस्त महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना के अंतर्गत 2214 करोड़ की राशि निर्धारित की गयी है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में लाभार्थियों की संख्या लगभग 7 लाख 60 हजारं है जबकि 2015 में लाभार्थियों की संख्या 4 लाख 83 हजार थी।


संख्या 4 लाख 83 हजार थी। नई परियोजनाएं जैसेः लाडली योजना की तर्ज पर विशेष रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सावधि जमा योजना, दिव्यांग माता पिता की लड़कियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता, चलने फिरने में असमर्थ विद्यार्थियों को स्कूटर और उनकी जरूरतों के मुताबिक तैयार की गई मोटरचालित साइकिलों के मूल्य में रियायत और सरकारी स्कूलों में छठी से दसवीं कक्षा तक के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को नई अम्बेडकर पाठशाला योजना के तहत सुधारात्मक कोचिंग प्रदान की जाएगी।


प्रदान की जाएगी। वर्ष 2019-20 के बजट में दिल्ली के कानूनी समुदाय के लिए एक शानदार पहल के अंतर्गत “मुख्यमंत्री एडवोकेट वेलफेयर स्कीम के लिए है 50 करोड़ की निधि प्रस्तावित है। इस फंड का उपयोग जरूरतमंद अधिवक्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों की सामाजिक सुरक्षा के लिए विभिन्न सुविधाओं जैसे जीवन बीमा, मेडीक्लेम, स्कॉलरशिप आदि के लिए किया जायेगा।


राशन वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने राशन दुकानदारों का मार्जन मनी 70 प्रति क्विटंल से बढ़ाकर 200 प्रति क्विंटल कर दिया है।


आवास और शहरी विकास


बजट अनुमान 2019-20 में अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए जलापूर्ति और सीवरेज के लिए * 600 करोड़ सहित कुल १ 1600 करोड़ की राशि प्रस्तावित की गई है।


राशि प्रस्तावित की गई है। दिल्ली, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए विधायक के सहयोग से स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने वाला पहला राज्य है। इसके लिए MLALAD की राशि १ 4 करोड़ से बढ़ा कर १ 10 करोड़ की गई है। यह वृद्धि इस मद में किसी भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा की गई सबसे अधिक वृद्धि है।


सरकार द्वारा की गई सबसे अधिक वृद्धि है। डूसिब ने 640 जन सुविधा परिसर निर्मित किए हैंइनमें 20476 शौचालय सीटें हैं। पहली जनवरी 2018 से इन सुविधाओं का उपयोग निःशुल्क कर दिया गया है। डूसिब 212 रैन बसेरों में लगभग 17,595 आश्रयहीन लोगों को समुचित सुविधाओं सहित आश्रय उपलब्ध कराता है। 


जलापूर्ति और स्वच्छता


भू-जल में सुधार के लिए विभिन्न जीर्णोद्धार कार्यक्रमों के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के बजट में 100 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है।


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में स्थित जलाशयों के जीर्णोद्धार के लिए वर्ष 2019-20 में एक नई योजना “तालाबों के पुनरूद्धार संरक्षण और रख रखाव प्रस्तावित है।


द्वारका में 50 एमजीडी क्षमता का नया जल शोधन संयंत्र लगाने का प्रस्ताव


दिल्ली को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के द्वारा, 246 एमजीडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।


दिल्ली की 406 अनाधिकृत कॉलोनियों में पानी की पाईपलाईन पिछले चार साल में डाली गयी हैं और 142 में यह कार्य चल रहा है। इसके साथ ही पानी को दूषित होने से रोकने के लिए 2018-19 के दौरान करीब 127 कि. मी. लंबी जलापूर्ति की पुरानी पाइप लाइन को बदला गया।


लंबी जलापूर्ति की पुरानी पाइप लाइन को बदला गया। 345 अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर सुविधा प्रदान की गई है और 355 कॉलोनियों में तत्संबंधी कार्य प्रगति पर है।


कॉलोनियों में तत्संबंधी सड़क अवसंरचना


सड़क अवसंरचना मजबूत करने के लिए कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं - नजफगढ़ नाले के किनारे ढांसा रेगुलेटर से द्वारका मोड़ तक 25 किलोमीटर लंबी 4 लेन की सड़क का निर्माण कार्य एवं रामपुरा, त्रिनगर/इंद्रलोक और कर्मपुरा में राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर पुलों को चौड़ा करने का काम भी 2019-20 में किया जाएगा।


2019-20 में लोक निर्माण विभाग द्वारा रे 308 करोड़ की लागत से 6 खंडों पर स्ट्रीटस्केपिंग का काम पूरा किया जाएगा।


मेटकॉफ हाउस; यूसुफ सराय; अफ्रीका एवेन्यू, आली मोड, हरकेश नगर, मथुरा रोड; ओबेराय होटल पर 6 फुट ओवर ब्रिजों का निर्माण प्रस्तावित है।


दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो चुका है। बजट अनुमान 2019-20 में लगभग 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे (प्रति विधान सभा क्षेत्र 2000 कैमरे) के लिए रे 500 करोड़ का प्रस्ताव है।


 परिवहन


सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में कई योजनाएं शुरू की हैं जिसमें मुख्य रूप से कॉमन मोबिलिटी कार्ड की शुरुआत, आधुनिक बस टर्मिनलों और बस शेल्टरों का निर्माण, सभी सार्वजनिक बसों में जीपीएस, सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाना, सभी बसों का वैज्ञानिक रूट रैशनलाईजेशन करना ताकि हर यात्री को ज्यादा से ज्यादा 500 मीटर पैदल चलकर सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध हो।


दिल्ली के पब्लिक ट्रांस्पोर्ट सिस्टम में सरकार ने 4000 नई बसें सड़क पर लाने का काम शुरू कर दिया है और अगले वित्त वर्ष से अलग-अलग चरण में ये बसें चलनी शुरू हो जायेंगी।


सरकार ने दिल्ली मेट्रो परियोजना के 6 कॉरिडोर, के 103.93 किलोमीटर लंबे चौथे चरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। चौथे चरण के पूर्ण होने पर दिल्ली मेट्रो की कुल लंबाई 453.93 किलोमीटर हो जाएगी। जिसके लिए बजट 2019-20 में 500 करोड़ प्रस्तावित हैं।


बस यात्रियों को बदलते मौसम में सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए बस क्यू शेल्टर के निर्माण की नई योजना का प्रस्ताव है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था भी होगी। विभिन्न स्थानों पर 1397 बस क्यू शेल्टर बनाए जाएंगे।


पर्यटन


दिल्ली में प्रवेश करने वाले यात्रियों को एक सुखद अनुभूति देने के लिए प्रवेश स्थलों के सौंदर्गीकरण के पहले चरण में सौंदर्गीकरण के लिए गुरुग्राम सीमा, टीकरीकलां बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, अप्सरा बॉर्डर और कौशाम्बी के निकट आनंद विहार बॉर्डर में 5 प्रवेश स्थलों की पहचान की गई है।


यमुना नदी को विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए सिग्नेचर ब्रिज के आसपास के क्षेत्र को विकसित किए . जाने का कार्यक्रम है। इस स्थल के आसपास के प्राकृतिक दृश्यों को पर्यावरण अनुकूल ढंग से विकसित किया जाएगा। पर्यटन स्थल का यह विकास पर्यावरण अनुकूल होगा।


कृषि और ग्रामीण विकास


स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों की फसलों का दाम ‘एम एस पी' यानी न्यूनतम समथर्न मूल्य का निर्धारण करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य होगा, जिसके अंतर्गत किसानों को उनकी विभिन्न फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना एम एस पी के रूप में दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए वित्तीय सहायता के रूप में बजट में हैं 100 करोड़ का प्रावधान किया है।


सरकार एक नई योजना -"स्मार्ट कृषि योजना आरंभ करने जा रही है। इसके तहत किसानों को अधिक उपज और अधिक गुणवत्ता वाली कृषि फसलों के लिए प्रौद्योगिकी की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।