रविवार, 1 सितंबर 2019

इंटरपोल महासचिव ने केन्द्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की, आतंक के खिलाफ संघर्ष में इंटरपोल के सहयोग का आश्वासन दिया...

संवाददाता: नई दिल्ली 


      इंटरपोल महासचिव जुरगेन स्टॉक ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने शाह द्वारा व्यक्त प्रतिबद्धता और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आतंक के खिलाफ संघर्ष में इंटरपोल के यथा संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि इंटरपोल  आतंकवाद, संगठित और उभरते हुए अपराधों और साइबर अपराधों पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा है।



बैठक के दौरान, शाह ने 2022 में भारतीय स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के समारोह के हिस्से के रूप में नई दिल्ली में इंटरपोल महासभा की मेजबानी का प्रस्ताव रखा। उन्होंने सहायता के साथ आधारभूत संरचना देकर इंटरपोल ग्लोबल एकेडमी का क्षेत्रीय केन्द्र बनने की भारत की इच्छा व्यक्त की।


स्टॉक के साथ बातचीत में, गृह मंत्री ने नशीले पदार्थों की तस्करी, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, डर्टी मनी और मनी लॉन्ड्रिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेन्‍स दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इंटरपोल से इन खतरों से लड़ाई को सबसे अधिक प्राथमिकता देने का आह्वान किया। शाह ने न केवल एशियाई क्षेत्र में बल्कि दुनिया भर में इन खतरों से लड़ने के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक कार्य योजना बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल किया।


शाह ने बताया कि भारतीय खुफिया और जांच एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दशकों पुरानी लड़ाई में समृद्ध और विविध अनुभव हासिल किए हैं। इस विशेषज्ञता का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए इंटरपोल का भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने के लिए स्वागत है। उन्होंने यूएपीए में हाल के संशोधनों का भी उल्लेख किया।


गृह मंत्री ने रेड नोटिस के प्रकाशन में देरी के बारे में चिंता व्यक्त की और रेड नोटिस का शीघ्र प्रकाशन सुनिश्चित करने के लिए पूर्व परामर्श की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सहयोग से भारत रसूख वाले भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आतंकवादियों का तेजी से पीछा कर सकेगा।


स्टॉक ने गृह मंत्री को इंटरपोल के डेटाबेस से अवगत कराया जिसमें 100 मिलियन रिकॉर्ड, सुरक्षित वैश्विक डेटा संचार चैनल (I-24/7) और अन्य उपकरण हैं जिनके माध्यम से इंटरपोल दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता कर रहा है। उनका कहना था कि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां विशेष रूप से सीमा नियंत्रण बिन्दुओं पर​​ इंटरपोल के उपकरणों और डेटाबेस का व्यापक उपयोग कर सकती हैं। श्री स्टॉक ने परिचालन सहयोग बढ़ाने का भी आश्वासन दिया।