रविवार, 1 सितंबर 2019

सीपीडब्ल्यूडी के कार्य आदेश 1,50,000 करोड़ रुपए रहे...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” ने सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक प्रभाकर सिंह को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर के प्रतिष्ठित पूर्व विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रभाकर सिंह को यह पुरस्‍कार आईआईटी खड़गपुर में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान एक विशिष्ट टेक्नोक्रेट और विभिन्‍न पदों पर सीपीडब्ल्यूडी में 37 वर्ष की राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट और अनुकरणीय सेवा के लिए प्रदान किया गया। सिंह ने अभियांत्रिकी के हर क्षेत्र जैसे योजना, अनुमान, संरचनात्मक डिजाइन, परियोजना प्रबंधन, अनुबंध प्रबंधन, वित्त प्रबंधन के अलावा गुणवत्ता आश्वासन, प्रशासन और सतर्कता में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है। वह आईआईटी, खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्‍नातक और देश के एक प्रीमियर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से एमबीए हैं। सिंह वर्तमान में 165 से अधिक वर्षों की शानदार विरासत वाले विभाग, सीपीडब्ल्यूडी के कार्यों का प्रबंधन कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में, सीपीडब्ल्यूडी को एक आधुनिक, कुशल और केंद्रित संगठन रूप में परिवर्तित किया गया है।



सिंह के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में सीपीडब्ल्यूडी ने अपने कार्य क्षेत्र में एक अभूतपूर्व प्रतिमान स्‍थापित करते हुए एक के बाद एक त्वरित सकारात्‍मक बदलाव की भूमिका को अंजाम दिया है। सीपीडब्ल्यूडी ने अपनी दूरदृष्टि और अभियान पर स्पष्ट ध्‍यान केंद्रित करते हुए विकास के एक नए चरण में प्रवेश किया है। सीपीडब्ल्यूडी सरकारी विभागों/सार्वजनिक उपक्रमों/स्वायत्त निकायों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए के लिए सबसे प्रतिष्ठित गंतव्य बन गया है। यह भारत सरकार के प्रधान तकनीकी सलाहकार के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहा है।


सीपीडब्ल्यूडी केंद्र सरकार की विकासात्मक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सिंह के इस विभाग की बागडोर संभालने के बाद से पिछले वर्षों की तुलना में विभाग के कार्यक्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रगति और पाइपलाइन में कार्यों सहित 150000 करोड़ रुपए तक की उच्‍च सीमा के अनेक नए आदेश बुक किए गए हैं। 6500 करोड़ रुपये की लाग‍त से 1100 से अधिक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 600 से अधिक विभागों/मंत्रालयों के 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 2,000 से अधिक परियोजनाओं को निष्‍पादित किया जा रहा है। पिछले दिनों में सीपीडब्ल्यूडी को 15000 करोड़ रुपए के नए कार्यभार सौंपे गए हैं। यह सीपीडब्ल्यूडी की उच्च क्षमता और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को दर्शाता है।


उनके नेतृत्व के दौरान ऊर्जा कुशलता और स्थायी आवासों के अभिनव विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने हरित भवनों के निर्माण को बढ़ावा देने और निर्माण में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों और विभिन्न ऊर्जा दक्षता और संरक्षण उपायों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


माननीय प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप वर्ष 2019-20 को 'निर्माण प्रौद्योगिकी का वर्ष' के रूप में मनाने के संकल्‍प के साथ पुरस्कार ग्रहण करते सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी ने इस दिशा में एक अग्रणी भूमिका निभाई है। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा कार्य में तेजी लाने और पारिस्थितिक रूप से स्‍वच्‍छ एवं सुंदर निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए 16 अभिनव और नवीन तकनीकों को अपनाया गया है। निर्माण उद्योग में नवीन प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 14 जून, 2019 को नई दिल्ली में "निर्माण में नवीन प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों के उपयोग" पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दिशा में आगे कदम बढ़ते हुए, आर्किटेक्चर डिज़ाइन और नियोजन के क्षेत्र में नवीनतम विकास और क्षमता निर्माण के ज्ञान को साझा करने के लिए "सार्वजनिक वास्तुकला में उभरते रुझान" पर एक और राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 18 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में किया जाएगा।


सीपीडब्ल्यूडी देश में निर्माण की भावना को आगे ले जाने के लिए इस वर्ष के दौरान भी विभिन्न कार्यक्रमों को प्रारभ करने की मंशा रखती है। सिंह ने कहा कि वह सीपीडब्ल्यूडी को एक अत्याधुनिक तकनीकी से युक्‍त सुव्‍यवस्थित संगठन बनाने हेतु मानव संसाधन के सुव्यवस्थित अभियांत्रिक उपयोग और कुशल संचालन के लिए प्रतिबद्ध हैं।