शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

एआईआईए और जर्मनी की फ्रैंकफर्टर इनोवेशन्‍सजेन्‍ट्रम बायोटेक्‍नोलॉजी के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर...

संवाददाता: नई दिल्ली 


      आयुष मंत्रालय के अधीनस्‍थ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान (एआईआईए) और जर्मनी की फ्रैकफर्टर इनोवेशन्‍सजेन्‍ट्रम बायोटेक्‍नोलॉजी, जीएमबीएच (एफआईजेड) के बीच नई दिल्‍ली में एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए गए।


एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसारी और फ्रैकफर्टर इनोवेशन्‍सजेन्‍ट्रम बायोटेक्‍नोलॉजी, जीएमबीएच (एफआईजेड) के प्रबंध निदेशक डॉ. क्रिश्चियन गार्बे द्वारा हस्‍ताक्षरित एमओयू पर सहमति एफआईजेड में इस वर्ष सितम्‍बर के दौरान 'स्‍वास्‍थ्‍य सेवा क्षेत्र में वर्तमान घटनाक्रमों के बारे में जर्मन/भारतीय ज्ञान के आदान-प्रदान' विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर जताई गई थी। यह सहमति डॉ. गार्बे और आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा द्वारा जताई गई थी।



इस अवसर पर डॉ. गार्बे ने कहा कि विगत कई वर्षों से भारत के साथ विविधतापूर्ण संपर्क रहे हैं, ताकि हमारे नेटवर्क में संबंधित अनुभवों एवं जानकारियों को साझा करने के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से किफायती तकनीकी ज्ञान प्रदान करने को बढ़ावा मिल सके। उन्‍होंने विस्‍तार से बताया कि अनुभवजन्‍य चिकित्‍सा और सटीक चिकित्‍सा आगे चलकर उत्‍पादक साझेदार बन जाएंगी।


अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा कि आयुर्वेद दरअसल समय की कसौटी पर खरा उतरा विज्ञान है, जिसके तहत पर्यावरणीय कारकों सहित विभिन्न पहलुओं को ध्‍यान में रखते हुए शरीर, मन और आत्मा की पूर्णता के माध्यम से स्वस्थ जीवन प्रदान करने पर फोकस किया जाता है।