शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

मुख्यमंत्री ने की मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक...

संवाददाता : पटना बिहार 


      मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मद्य निषेध से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की । 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित इस समीक्षा बैठक में आई.जी प्रोहिबिषन, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। प्रेजेंटेशन के माध्यम से मद्य निषेध पर वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट एवं वर्तमान छह महीने की स्थिति से संबंधित तुलनात्मक विवरणी प्रस्तुत की गयी। शराब के अवैध कारोबार में लिप्त धंधेबाजों के खिलाफ की गयी कार्रवाई, दोषी पुलिसकर्मियों पर की गयी कार्रवाई, गिरफ्तारी, प्रोहिबिशन कॉल सेंटर की कार्य पद्धति, चेकपोस्ट पर सक्रियता, जिलावार शराब की जब्ती, बिहार के अलावा विभिन्न राज्यों से बिहार आने वाली शराब की खेप एवं उसकी जब्ती का विस्तृत ब्योरा दिया गया। आई.जी प्रोहिबिषन द्वारा प्रस्तुतीकरण के क्रम में यह बताया गया कि सी.सी. टीवी कैमरे एवं सफरेन डाॅग की मदद से शराब के कारोबारियों पर निगरानी रखी जा रही है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने अपने प्रस्तुतीकरण में समेकित अभियोजन प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से बेहतर ढ़ंग से किये जा रहे कार्यान्वयन की जानकारी दी।

 


 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जो लोग शराब के अवैध कारोबार में पकड़े जा रहे हैं, वे पहले किस धंधे में लगे थे या शराबबंदी से पहले जो शराब के कारोबार में लगे थे, वे अब शराबबंदी के बाद कौन सा व्यवसाय कर रहे हैं, इस पर भी पूरी नजर बनाये रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि माफिया और असल धंधेबाज पकड़े जायेंगे, तभी शराब के अवैध कारोबार पर पूरी तरह पाबंदी लगेगी। उन्होंने कहा कि अब तक जिनलोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं, वे कौन लोग हैं, उनका विष्लेषण कर उनके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करें। शराब के अवैध धंधे में लिप्त बड़े कारोबारियों एवं सप्लायरों को चिह्नित करें तथा उनके विरूद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करें।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को स्थायी रूप से कारगर बनाने के लिए निरंतर अभियान चलाने की आवश्यकता है। शराबबंदी के कारण बिहार में सामाजिक परिवर्तन आया है और महिलाओं एवं बच्चों को काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि सिर्फ रूटीन काम से कामयाबी नहीं मिलेगी बल्कि इसके लिए प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे का समय निकालकर इसकी माॅनिटरिंग करनी होगी। बेहतर कार्यान्वयन के लिये आपसी समन्वय पर काम करना होगा। आई.जी प्रोहिबिशन के साथ-साथ एक्साइज, स्पेशल ब्रांच और पुलिस, आई.टी विभाग सभी आपस में बैठक कर सफल कार्यान्वयन के लिये काम करें। तकनीकी स्तर में भी अगर कुछ कमी आ रही है तो उसे जल्द से जल्द दूर करें।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी थानों से शपथ पत्र लिया गया है ताकि उस इलाके में शराब का अवैध कारोबार न हो, इसका अनुपालन हो रहा है या नहीं, इसे देखना होगा। राज्य के सभी मंत्री, अधिकारी अपनी आमदनी का ब्योरा देते हैं। कुछ लोगों की मानसिकता होती है कि भ्रष्टाचार के कामों में लिप्त रहकर अवैध धन प्राप्ति के लिये गड़बड़ कार्य करते हैं। लोगों को पता है कि कफन में जेब नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले शराब के वाहन तो पकड़े ही जा रहे हैं, उसके वास्तविक कारोबारी को पकड़ने के लिये सीमावर्ती राज्यों के पदाधिकारियों से भी सहयोग लेते रहें। सिर्फ वाहन चालक और खलासी को गिरफ्तार करने से काम नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जिलों में कार्यषाला आयोजित कर पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को मद्य निषेध नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु किये गये कार्यों की जानकारी दी गयी है। इस तरह की कार्यषाला सभी जिलों में आयोजित किये जाने की आवष्यकता है ताकि लोग और अधिक जागरूक हो सकें।

 

बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, ए.डी.जी स्पेशल ब्रांच जे.एस गंगवार, ए.डी.जी मुख्यालय जितेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, आई.जी प्रोहिबिषन रत्न संजय, आयुक्त मद्य निषेध एवं निबंधन बी कार्तिकेय धनजी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित राज्य पुलिस मुख्यालय, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।