शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

राजस्थानी लिटरेचर फेस्टिवल को ‘साहित्य के कुम्भ‘ के रूप में पहचान मिले : कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान 


      राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की राजधानी जयपुर में आगामी वर्ष में राजस्थानी लिटरेचर फेस्टिवल का वृहद स्तर पर आयोजन किया जाएगा। कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने गुरूवार को शासन सचिवालय में राज्य के वर्ष 2019-20 के बजट में की गई घोषणा के तहत इस लिटरेचर फेस्टिवल को आयोजित करने के सम्बंध में बैठक ली।

 

बैठक में डॉ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि राजस्थान में आयोजित होने वाले इस लिटरेचर फेस्टिवल को 'साहित्य के कुम्भ' के रूप में पहचान मिले। आने वाले वर्षों में यह नियमित गतिविधि बने और प्रतिवर्ष देश और विदेश में साहित्यिक जगत के लोग ऎसे आयोजन का बेसब्री से इंतजार करे। 

 


 

कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रदेश में कला, साहित्य और संस्कृति की गतिविधियों को बढ़ावा देने पर पूरी तरह फोकस है। उन्होंने कहा कि राजस्थान कला, साहित्य और संस्कृति का केन्द्र है, यहां कला, साहित्य और संगीत के साथ-साथ अलग-अलग भाषाओं की अकादमियां है। प्रदेश की साहित्यकारों, लेखकों, कवियों और विद्वानों के केन्द्र के रूप में भी अपनी अलग पहचान है। इन सभी को एक मंच प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस आयोजन का निर्णय लिया है। 

 

डॉ. कल्ला ने बैठक में उपस्थित कला, साहित्य और संस्कृति जगत के प्रतिनिधियों से इस आयोजन की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के सम्बंध में चर्चा की और उनसे आगामी दिनों में अपने सुझाव कला, साहित्य और संस्कृति विभाग को भिजवाने का आग्रह किया। इसके आधार पर इस फेस्टिवल की कार्य योजना तैयार की जाएगी। 

 

बैठक में कला, सािहत्य एवं संस्कृति विभाग, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, पर्यटन विभाग, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग, अलग-अलग एकेड्मीज के प्रतिनिधि राजस्थानी एवं हित्दी भाषा के वरिष्ठ लेखक, कवि व साहित्यकार तथा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी मौजूद थे।