मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

2019- विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों का वर्ष...

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश


      मध्यप्रदेश के लोकोन्मुखी प्रशासनिक इतिहास में नि:संदेह, वर्ष 2019 विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों तथा सार्थक आयोजनों के वर्ष के रूप में याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री के रूप में कमल नाथ के नेतृत्व वाली नई सरकार ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का अपना पहला साहसिक निर्णय लिया। नतीजतन, लगभग 20 लाख किसानों को अब तक राहत मिली और बाकी को राहत मिलना जारी है। यह एक बहुप्रतीक्षित निर्णय था। किसानों द्वारा की गई आत्म-हत्याओं के लिए मुख्य रूप से ऋणग्रस्तता और प्राकृतिक आपदाओं से फसलों की विफलता जैसे कारण बताए गए थे। प्रासंगिक राजस्व कानूनों के तहत किसानों को सामान्य प्रावधानों से अलग हटकर राहत की जरूरत महसूस की जा रही थी।



इस वर्ष अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से गरीब तबके के लोगों के लिए 10 प्रतिशत का आरक्षण करके लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी की गई। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले वास्तव में आम आदमी के सबसे बड़े दुश्मन हैं। मिलावट-मुक्त भोजन का उपयोग करने के बारे में दुनिया में लोगों में चेतना बढ़ रही है। दुनिया भर में सरकारें लोक स्वास्थ्य के प्रति चेतना और साक्षरता बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। मध्यप्रदेश जैसे राज्य लोक स्वास्थ्य को खतरे में डालकर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की अनुमति के लिए कभी तैयार नहीं हो सकते। हाल ही में, मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ एक सतत अभियान चलाने का दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय लिया गया। इस अभियान को खुले मन से लोगों का  समर्थन मिल रहा है।


इसी वर्ष रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर गाइड-लाइन दर को 20 प्रतिशत तक कम करने की रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई। सबसे उत्साहजनक उपलब्धि मध्यप्रदेश को तब मिली, जब टाइगर राज्य का दर्जा दोबारा हासिल हुआ।  इसका श्रेय नि:संदेह रणनीतिक वन्य-जीव संरक्षण प्रयासों और राष्ट्रीय उद्यानों के कुशल प्रबंधन को  जाता है। इंदौर में मैग्नीफिसेन्ट मध्यप्रदेश, छिंदवाड़ा में कॉर्न फेस्टिवल और भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेले जैसे आयोजनों की  काफी चर्चा रही।


वर्षांत में सरकार ने अपना 'विजन-टू-डिलीवरी'' रोडमैप 2020-25 बनाया। इसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया।  डॉ. सिहं ने आर्थिक प्रगति तेज करने की सोच  और प्रयासों की स्पष्टता के लिए राज्य सरकार की सराहना की। एक वर्ष के कम समय में 365 वादे पूरे हुए।