शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ भोजपुरी परिषद के सदस्यों ने की मुलाकात...

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहाँ उनके विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय कक्ष में छत्तीसगढ़ भोजपुरी परिषद भिलाई के सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात कर स्मृति चिन्ह भेंट किये। इस अवसर पर विधायक देवेन्द्र यादव एवं छत्तीसगढ़ी भोजपुरी परिषद के संरक्षक संजय ओझा भी उपस्थित थे।



मानव जीवन के प्रत्येक पहलू में समाहित है विज्ञान : सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      शासन सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मुग्धा सिन्हा ने कहा कि विज्ञान का महत्व पुरातन समय से ही है और इसका प्रभाव हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू में समाहित है। उन्होंने कहा कि भारत के महान वैज्ञानिकों ने भारतीय विज्ञान को विश्व में नई ऊचाईया प्रदान की है और आज विश्व के प्रमुख वैज्ञानिक शोध संस्थानों में हमारे वैज्ञानिक निरन्तर समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। सिन्हा शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर शास्त्री नगर स्थित रीजनल साइंस सेन्टर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आने वाला समय विज्ञान का ही है। अतः विज्ञान को सही दिशा मिले यह हम सबका कर्तव्य है। 

 


 

इस अवसर पर प्रो.बी. के शर्मा, भौतिक विज्ञानी ने कहा कि रमन इफेक्ट की खोज के साथ विज्ञान में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सीवी रमन का विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बहुमूल्य है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। चंद्रशेखर वेंकट रमन के जन्मदिन को विज्ञान दिवस के रूप में मनाकर हम उनके योगदान को याद करते है। उन्होंने सी. वी. रमन के साथ स्वयं के अनुभवों को साझा किया।

 

उन्होंने कहा कि रमण की वैज्ञानिक उपलब्धियों के द्वारा ही हमें पता चला है कि प्रकाश जब अणु के साथ संपर्क करता है तो प्रकाश अणु को थोड़ी मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है, आज रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी, जो उंगलियों के निशान पर निर्भर है, का उपयोग अणुओं की पहचान करने और जीवित कोशिकाओं और ऊतकों का विश्लेषण करने के लिए दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में किया जाता है ताकि कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाया जा सके।

 

 प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और तप को सलाम करने का दिन है। उनके अभिनव उत्साह औरअग्रणीशोध ने भारत और दुनिया को वैज्ञानिक रूप से उन्नत बनाया है, भारतीय विज्ञान का विकास जारी है और हमारे युवा दिमाग विज्ञान के प्रति और अधिक जिज्ञासा विकसित कर सकते हैं।

 

 कार्यक्रम के दौरान अपराध और फोरेंसिक विज्ञान से लोगों को अवगत कराने के लिए लिए अपराध और फोरेंसिक विज्ञान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। फोरेंसिक विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राखी खन्ना ने कार्यशाला में दर्शकों को बताया कि अपराध रहस्यों को कैसे सुलझाया जा सकता है। उन्होंने फोरेंसिक लैब परीक्षण के क्षेत्र में तस्वीरों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। डॉ. राखी ने बताया कि अपराध स्थल का निरिक्षण कैसे करना चाहिए ।

 

 उन्होंने यौन उत्पीड़न मामलों के सबूत संग्रह किट के बारे में जानकारी दी कि कैसे ये बलात्कार के मामलों को आसानी से हल करने के लिए उपयोगी है। डॉ. बीजू माथुर ने पोस्को के बारे में जानकारी दी। डॉ.माथुर ने डीएनए और मिनट के साक्ष्य के महत्व के बारे में भी बताया जो आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए बहुत उपयोगी है। कार्यक्रम के अंत में राजस्थान की विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हाने प्रोफेसर शर्मा को मोमेंटो देकर सम्मानित किया।

 

 कार्यक्रम में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय “विज्ञान, इतिहास, कला और संस्कृति” था। विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में भाग लिया और छात्रों द्वारा सुंदर रचनात्मक अभिव्यक्ति की गयी।

नरेंद्र सिंह तोमर ने 11वें राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र सम्मेलन का उद्घाटन किया...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने क्षेत्र में कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया है कि वे सीमांत किसानों तक भी पहुंचें। आज यहां 11वें राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र सम्मेलन-2020 का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों को न केवल संपन्न, साधन संपन्न और प्रगतिशील किसानों की सेवा करनी चाहिए बल्कि छोटे और वंचित किसानों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। केवीके के पास प्रयोगशालाओं का लाभ खेतों तक ले जाने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में पर्याप्त अनुसंधान और विकास किए गए हैं।


बेहतर फसल प्रजातियां जारी की गई हैं, किसानों के लिए 171 मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं और तीन लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर  खोले गए हैं, लेकिन अब गरीब से गरीब किसानों पर भी ध्‍यान दिया जाना चाहिए। तोमर ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए  यह बहुत महत्वपूर्ण है।



तोमर ने कहा कि ई-नाम पोर्टल का सृजन किया गया है ताकि किसानों को उनके उत्‍पाद का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त हो सके। ई-नाम पोर्टल पर पहले ही 585 मंडियां शामिल की जा चुकी हैं और नियत समय में 415 अन्‍य मंडियों को भी शामिल किया जाएगा। ई-नाम पोर्टल पर 91 हजार करोड़ रूपये का ई-व्‍यापार हो चुका है। तोमर ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की हिस्‍सेदारी अपने आप में कम है। लेकिन यह चिंता की बात है कि इस क्षेत्र के अंदर अकेले कृषि का योगदान बागवानी, मत्स्य पालन और यहां तक कि पशुपालन की तुलना में भी कम है। उन्‍होंने कहा कि सरकार का उद्देश्‍य प्रत्‍येक ब्‍लॉक में कम से कम दो कृ‍षक उत्‍पादक संगठनों की स्‍थापना करना है।


उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक खाद्यान्नों की उपज के तीन प्रमुख कारक हैं- पहला किसानों की मेहनत, दूसरा कृषि वैज्ञानिकों, प्रयोगशालाओं एवं विश्वविद्यालयों की भूमिका और तीसरा केन्द्र एवं राज्य सरकारों की किसान कल्याण नीतियां, योजनाएं और प्रोत्साहन। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी आदर्श स्थिति बनानी होगी, जिससे कृषि क्षेत्र को आकर्षक बनाया जा सके। तोमर ने कहा कि किसानों को अपने उत्तराधिकारियों के लिए न केवल जमीन के टुकड़े, बल्कि एक पेशे के रूप में कृषि की विरासत भी सौंपनी होगी।


कमजोर वर्ग के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं औद्योगिक समूह...

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश


      मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि समाज और देश में हर स्तर पर समानता लाने के लिए औद्योगिक समूहों को कमजोर वर्ग के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इससे उद्योगों के साथ-साथ देश के विकास में भी तेजी आएगी। श्री कमल नाथ इंदौर में कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के 125वें वार्षिक अधिवेशन में 'बिजनेस एण्ड बियोन्ड' विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर गृह मंत्री बाला बच्चन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट उपस्थित थे।



समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों को सशक्त बनायें


मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आज संपन्नता के अस्तित्व के लिए प्रयास करने की बजाए हमें समाज के गरीब, पिछड़े लोगों को हर स्तर पर आगे लाने की आवश्यकता है। इससे देश और समाज स्वत: शक्तिशाली बन जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन में सुधार लाने के साथ-साथ व्यवहार में भी सुधार लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में निरंतर परिवर्तन हो रहा है। जरूरतों के साथ लोगों की अपेक्षाएँ भी बढ़ रही हैं। सीआईआई बदलती हुई दुनिया के साथ इंडस्ट्री प्रेरक होने की भूमिका निभाए। इस दिशा में काम करना चाहिए। कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए यह जरूरी है। उद्योग-व्यवसाय से जुड़े और स्टार्टअप उद्यमी अपनी कार्य-प्रणाली को आदर्श बनाएं, जिससे मध्यप्रदेश की देश और दुनिया में एक आदर्श औद्योगिक क्षेत्र की छवि स्थापित हो सके।


नई तकनीक को अपनाने के लिए नई रणनीति की जरूरत


मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने मनुष्य का स्थान ले लिया है। इसे दृष्टिगत रखते हुए औद्योगिक इकाइयों को अपने काम करने की नई रणनीति बनाना होगा।


उद्यानिकी राजधानी बनने से लाभांवित होंगे किसान और उद्योग


मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश उद्यानिकी क्षेत्र में देश का दूसरा राज्य है। हमारे यहाँ उद्यानिकी में व्यापक संभावनाएँ हैं। थोड़े से प्रयासों से हम मध्यप्रदेश को देश की उद्यानिकी राजधानी बना सकते हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेशक प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना करें, जिससे हम बाजार में बेहतर उत्पाद उपलब्ध करवा सकें। इससे किसानों और औद्योगिक इकाइयों, दोनों को लाभ मिलेगा।


लॉजिस्टिक हब की सारी विशेषताएँ प्रदेश में मौजूद


मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक हब बनाने की सारी विशेषताएँ मध्यप्रदेश में मौजूद हैं। हम प्रदेश को ड्रायपोर्ट के रूप में विकसित कर सकते हैं। वायु सेवाओं का विस्तार करके उद्योग की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इस दिशा में राज्य सरकार सुनियोजित प्रयास कर रही है। सीआईआई मध्यप्रदेश भी इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार करे। सरकार उसके आधार पर आवश्यक निर्णय लेगी।


मुख्यमंत्री ने इस मौके पर उद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए सीआईआई अवॉर्ड से सम्मनित किया। सीआईआई के चेयरमेन प्रवीण अग्रवाल एवं सुनील माथुर ने भी अधिवेशन को संबोधित किया।


पीयूष गोयल ने पीएमजी पोर्टल पर आधारभूत परियोजनाओं की समीक्षा की...

संवाददाता : नई दिल्ली


      वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 27 फरवरी को नई दिल्ली में उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की बैठक में 17 बड़ी आधारभूत परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में वाणिज्य तथा उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश, डीपीआईआईटी के वरिष्ठ अधिकारी कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और झारखण्ड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। रेलवे, विद्युत, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ इनवेस्ट इंडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।



परियोजना निगरानी समूह की संस्थागत व्यवस्था है। इसका उद्देश्य भारत में पांच सौ करोड़ रुपये से ऊपर की परियोजनाओं की समस्याओं का समाधान करना और नियामक बाधाओं को दूर करना है। इनवेस्ट इंडिया पीएमजी को लागू करने में समर्थन देता है। इनवेस्ट इंडिया राज्यों के साथ समस्याओं को चिन्हित करता है। पीएमजी सभी सार्वजनिक निजी तथा सार्वजनिक निजी साझेदारी  परियोजनाओं के अनसुलझे विषयों को देखता है और स्वीकृति में तेजी, क्षेत्र को नीतिगत विषयों और बाधाओं को दूर करने का काम करता है। अभी तक पीएमजी ने 809 परियोजनाओं में 3500 से अधिक समस्याओं का समाधान किया है और 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक की प्रत्याशित वित्तीय निवेश का मार्ग प्रशस्त किया है। पीएमजी और इनवेस्ट इंडिया 260 परियोजनाओं में 588 विषयों से निपट रहे हैं इनमें 10 लाख करोड़ रुपये का कुल प्रत्याशित निवेश है।


बैठक में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक महत्व की गंभीर परियोजनों की समीक्षा की। 17 परियोजनाओं में 36 विषयों की समीक्षा की गई। ये परियोजनाएं 32910 करोड़ रुपये की प्रत्याशित निवेश की हैं।


बजट 2020 ने पंजाब के हर वर्ग को किया निराश : हरपाल सिंह चीमा आप विधायक

संवाददाता : पंजाब


       विधानसभा के बजट सत्र के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।जिसमें विधायक हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने कहा कि इस बजट ने हर वर्ग को निराश किया है। चाहे वह दलित वर्ग हो, कर्मचारी हो विद्यार्थी हो या किसान हो सभी को इस बजट ने निराश किया है। उन्होंने कहा कि वह 2 दिन बजट की बरी किया पढ़ेंगे और विधानसभा में इस बाबत चर्चा भी करेंगे।



आप के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि 3 साल पहले 2017 में पंजाब पर 1 लाख 82 हजार करोड़ रुपए का कर्जा था। जो कांग्रेस की 3 साल की सरकार ने 2 लाख 49 हजार करोड़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब सरकार माइनिंग,शराब, ट्रांसपोर्ट और केवल माफिया पर कंट्रोल करती, तो हर साल होने वाला 23 से 24 हजार करोड़ का कर्जा पंजाब पर न पड़ता। उन्होंने कहा कि पंजाब बिजली बोर्ड 80 करोड़ के फायदे में है, तो सरकार के 3 साल के कार्यकाल में बिजली के रेट 18 बार क्यों बढ़े।


उन्होंने कहा कि पंजाब की इकोनामी को सही दिशा में लाने के लिए सरकार ने कोई भी रोड मैप नहीं बनाया है। जिससे पंजाब की अर्थव्यवस्था में स्थिरता नज़र आए। उन्होंने कहा कि अभी तक के बजट सेशन में बजट में पंजाब के हर वर्ग को निराश किया है, और कई ऐसे पॉइंट है जिन्हें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भूल गए हैं।


मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों पुलवामा में शहीद हुए राहुल रैंसवाल जी के चंपावत स्थित घर जाकर उनके माता पिता से भेंट की...

आशुतोष ममगाई @ देहरादून उत्तराखंड


      पिछले दिनों पुलवामा में शहीद हुए राहुल रैंसवाल जी के चंपावत स्थित घर जाकर उनके माता पिता से भेंट की। शहीद राहुल की पत्नी को शीघ्र ही योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। राजकीय इंटर कॉलेज चंपावत का नाम अब शहीद राहुल रैंसवाल राजकीय इंटर कॉलेज होगा।



भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के उपरान्त पहली बार अपने गृह जिला पहुंचे जगत प्रकाश नड्डा का झण्डूता में भव्य स्वागत किया...

संवाददाता : शिमला हिमाचल


      भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के उपरान्त पहली बार अपने गृह जिला पहुंचे जगत प्रकाश नड्डा का झण्डूता में भव्य स्वागत किया गया।

 

इस अवसर पर अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित करते हुए जगत प्रकाश नड्डा ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए क्षेत्र के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लोगों का प्यार उन्हें पार्टी की मजबूती के लिए और अधिक प्रतिबद्धता और समर्पण की भावना से कार्य करने की प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय वरिष्ठ नेताओं ने उन पर विश्वास जताते हुए यह बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है।

 


 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कि आज देश में केवल भाजपा ही ऐसा राजनीतिक दल है, जो एक विचारधारा से चल रहा है और पूरे देश में इसकी मौजूदगी है। यह केवल भाजपा में ही संभव है कि उनके जैसा एक छोटा कार्यकर्ता भी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भाजपा और मजबूती के साथ उभरेगी।

 

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत पांच ट्रिलियन डाॅलर की आर्थिकी बनने की ओर अग्रसर है। आज भारत विश्व की पांचवीं आर्थिक शक्ति बन गया है और आगामी कुछ वर्षों में देश की आर्थिक व्यवस्था शीर्ष पर होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टंªप ने अपने भारत दौरे के दौरान दिए गए 28 मिनट के भाषण में लगभग 20 मिनट नरेन्द्र मोदी के बारे में ही बात की, जिससे पता चलता है कि विश्व भर में उनका कितना सम्मान है।

 

उन्होंने कहा कि यह संभवतः पहली बार है कि प्रधानमंत्री के अनुरोध पर अमेरिकी राष्ट्रपति 8000 किलोमीटर की दूरी तय कर केवल भारत के दौरे पर आए और अन्य किसी देश का दौरा नहीं किया। इससे साबित होता है कि भारत की आज विश्व भर में पूछ है और यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जोशपूर्ण और सशक्त नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है। यहां तक की इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने कहा था कि वह दिन दूर नहीं है जब यूनाईटिड किंगडम का प्रधानमंत्री भारतीय मूल को होगा।

 

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि देश के लोगों ने शासन की बागडोर भाजपा को सौंपी है, जिसके परिणामस्वरूप देश और प्रदेश प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश के लोग भाग्यशाली हैं कि श्री नड्डा विश्व की सबसे बड़े राजनीतिक दल के अध्यक्ष बने हैं। यह सब उनके कठिन परिश्रम, समर्पण और प्रदेशवासियों के अथाह स्नेह के कारण संभव हुआ है। आज प्रदेश में छः मेडिकल काॅलेज हैं, जिनमें से चार श्री नड्डा के प्रयासों से प्राप्त हुए। यही नहीं, उनके प्रयासों से ही प्रदेश को एम्स मिला, जिसका निर्माण बिलासपुर जिला में किया जा रहा है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता ने भाजपा को भरपूर सहयाग दिया है, जिसका स्पष्ट प्रमाण है कि भाजपा ने चारों लोकसभा सीटों पर रिकाॅर्ड अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दोनों विधानसभा उप-चुनावों पर भी जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा के कुशल नेतृत्व में भाजपा नई ऊंचाईयों को छुएगी।

 

राज्य भाजपा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल ने कहा कि यह प्रदेश का सौभाग्य है कि जय राम ठाकुर के रूप में एक गतिशील एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री मिला है, जो सदैव प्रदेश के समग्र विकास के लिए तत्पर रहते हैं। आज प्रदेश हर क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है और देश के बड़े राज्यों के लिए भी एक आदर्श बना है।

 

केन्द्रीय वित्त एवं काॅर्पोरेट मामले के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के 72 लाख लोगों के लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि जगत प्रकाश नड्डा उस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में सत्तासीन है।

 

स्थानीय विधायक जीत राम कटवाल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि झण्डूता के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां का धरती पुत्र विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना है। यह सब उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है।

 

झण्डूता के समग्र विकास को प्राथमिकता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए जीत राम कटवाल ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में प्रदेश के दो सबसे लम्बे पुल निर्माणाधीन हैं।

 

विधायक राजेन्द्र गर्ग एवं सुभाष ठाकुर, पूर्व मंत्री रिखी राम कौंडल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल और जिला भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

विकास कार्यो में व्यय के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहला : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए एक हजार 625 करोड़ 65 लाख 61 हजार 600 रूपए की तृतीय अनुपूरक अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित कर दी गई। इसके साथ ही मुख्य बजट और तीनों अनुपूरक बजट मिलाकर वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट का आकार एक लाख 06 हजार 413 करोड़ रूपए हो गया है।



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तृतीय अनुपूरक मांगों पर सदन में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य के तृतीय अनुपूरक बजट में प्रदेश के किसानों, महिलाओं एवं बच्चों सहित सभी वर्गो के हित में प्रावधान किए गए हैं। श्री बघेल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार विकास मूलक कार्यो में व्यय की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य के कुल बजट में से 77.8 प्रतिशत व्यय विकास मूलक कार्यो पर किया जा रहा है। इसी तरह प्रदेश के बजट में से 46.1 प्रतिशत व्यय सामाजिक क्षेत्र पर किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राज्य की कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों से न्यूनतम है। इसी प्रकार कुल बजट में से कमिटेड व्यय मात्र 19.3 प्रतिशत है, जो की सभी राज्यों से न्यूनतम है।


मुख्यमंत्री ने तृतीय अनुपूरक बजट के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम अंश हेतु 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्य बजट की राशि मिलाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रीमियम के लिए कुल 516 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर व स्ट्रॉबेलर की खरीदी के लिए 2 करोड़ 87 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कटाई के बाद खेत में बचा पैरा निकालने के लिए हर विकासखण्ड में स्ट्रॉबेलर की व्यवस्था करने की योजना है। किसान खेत में बचे पैरा को जलाते हैं, इससे प्रदूषण होता है। स्ट्रॉबेलर की मदद से इस पैरे को इकठ्ठा कर गौठान में लाकर पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा सकेगी।


पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सकेगा और जमीन की उर्वरा शक्ति भी बची रहेगी। श्री बघेल ने बताया कि तृतीय अनुपूरक में दुग्ध उत्पादकों को परिवहन अनुदान के लिए 7 करोड़ 67 लाख रूपए, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को वेतन भत्ते के लिए 10 करोड़ रूपए, अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों के राशनकार्डधारियों को चना वितरण के लिए 107 करोड़ 28 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। चना वितरण के लिए मुख्य बजट की राशि मिलाकर कुल 278 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सभी राशनकार्डधारियों को शक्कर वितरण के लिए 202 करोड़ 97 लाख रूपए तथा मुख्य बजट सहित कुल 303 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बस्तर क्षेत्र में ग्रामीण सड़क कार्यक्रम (आरआरपी) फेस-2 के अंतर्गत 31 ग्रामीण सड़कों के निर्माण तथा नाबार्ड की सहायता से जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत बस्तर क्षेत्र में 14 पुलों और सरगुजा क्षेत्रों में 9 पुलों का निर्माण किया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने बताया कि तृतीय अनुपूरक में ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 202 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 508 करोड़ रूपए, बिजली बिल आधा योजना के लिए 177 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 977 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री सहज बिजली (सौभाग्य) योजना के लिए 35 करोड़ रूपए, एकीकृत बाल विकास योजना में बच्चों के आधार पंजीयन के लिए 9 करोड़ 90 लाख रूपए, एकीकृत बाल सेवा योजना में बच्चों के सुपोषण की निगरानी हेतु उपकरण क्रय के लिए 15 करोड़ 40 लाख रूपए, सूक्ष्म औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए लागत पूंजी अनुदान मद में 44 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 119 करोड़ रूपए, औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु ब्याज अनुदान के लिए 6 करोड़ रूपए, मुख्य बजट सहित कुल 44 लाख रूपए, चौदहवें वित्त आयोग के अंतर्गत नगरीय निकायों को अनुदान के लिए 205 करोड़ रूपए और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए अंतर्जातीय प्रोत्साहन विवाह योजना एवं जातिगत भेदभाव के आधार पर होने वाली प्रताड़ना पर आर्थिक सहायता हेतु 20 करोड़ 76 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।


बूंदी बस दुखान्तिका घटना से हर प्रदेशवासी गमगीन, दुःख की इस घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ ः मुख्यमंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान


      मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बूंदी (मेज नदी) बस हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में उन परिवारों के साथ है, जिन्होंने अपनों को खोया है। इतनी बड़ी हृदयविदारक घटना की संवेदना को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। पूरे प्रदेश में शोक की लहर है और इस घटना के बाद हर प्रदेशवासी गमगीन है। 

 


 

सौम्य को सीने से लगाया

 

गहलोत शुक्रवार को कोटा में मेज नदी बस हादसे के मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आयोजित शोकसभा के दौरान शाब्दिक श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। अपने माता-पिता, भाई और दादाजी को खो चुके 11 वर्षीय सौम्य के सिर पर उन्होंने आत्मीयता से हाथ रखा और सीने से लगाया। सौम्य अपने नाना के साथ शोकसभा में अपनों को श्रद्धांजलि देने आया था। गहलोत हादसे के अन्य पीड़ित परिजनों से भी मिले और सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में कोई अपने को अकेला ना समझे।

 

संभागीय आयुक्त करेंगे जांच, 7 दिन में रिपोर्ट देंगे

 

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि हादसे की जांच संभागीय आयुक्त कोटा को सौंपी गई है, जो 7 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देंगे। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर सरकार आगे निर्णय लेगी। ऎसे कदम उठाये जाएंगे जिनसे भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।

 

जिन बच्चों ने माता-पिता को खोया है, उनकी परवरिश में कोई कमी नहीं आने देंगे


गहलोत ने कहा कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है, उनकी पढ़ाई और परवरिश में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने कई घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं को अमलीजामा पहनाते हुए इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश जारी किये जाएंगे ताकि पीड़ित परिवारों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। 

 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने शोकसभा में पहुंचकर बस दुखान्तिका के सभी मृतकों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

 

स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि हाड़ौती ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता पीड़ित परिवारों के साथ है। सरकार ने पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री इस घटना से व्यथित हैं। उन्होंने घटना का पता चलते ही तुरंत जिला प्रशासन को सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश देकर सहायता राशि स्वीकृत की। राज्य सरकार ने मृतकों के आश्रितों को पहले 2-2 लाख रूपये की सहायता राशि दी है। अब 5-5 लाख रूपये प्रति परिवार सहायता और दी जायेगी। इसकी घोषणा राज्य सरकार द्वारा विधानसभा के पटल पर की जा चुकी हैं। उन्होंने राज्य विधानसभा के पटल पर की गई अन्य घोषणाएं भी पढकर सुनाईं। 

 

राज्य सरकार द्वारा की गई अन्य घोषणाएं

 

• दुर्घटना की जांच संभागीय आयुक्त, कोटा करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेंगे।

• पीड़ित परिवारों के समस्त पढ़ने योग्य बच्चों को पालनहार एवं छात्रवृति योजना का लाभ दिया जाएगा।

• पीड़ित परिवारों के पढ़ने वाले बच्चों को कॉलेज तक की पढ़ाई एवं छात्रावास की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।

• पीड़ित परिवारों के व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसे वृद्धावस्था एवं विधवा पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा।

• आश्रित परिवारों को पात्रता के अनुसार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।

• मृतक आश्रित बालिकाओं के विवाह पर अनुदान सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।

मध्यप्रदेश को फॉर्मास्युटिकल हब बनाया जाएगा : मुख्यमंत्री कमल नाथ

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश


      मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश को फॉर्मास्युटिकल हब बनाया जाएगा। कमल नाथ ने इससे जुड़ी औद्योगिक इकाइयों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश आएं और निवेश करें। मुख्यमंत्री इंदौर में पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।


मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में फॉर्मास्युटिकल के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ है। इससे जहाँ एक ओर इससे जुड़ी कंपनियों को जरूरत के संसाधन उपलब्ध होंगे, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा। श्री कमल नाथ ने बताया कि सन फार्मा कंपनी ने रिसर्च का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में उपलब्ध जड़ी-बूटियों की मदद से कैंसर के ईलाज की दवा का 70 प्रतिशत अनुसंधान कार्य पूरा कर लिया गया है। 



मुख्यमंत्री ने सभी औद्योगिक इकाइयों से कहा कि वे अपने संस्थान में सोलर प्लांट लगवाएं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई नई तकनीक भी आई हैं, जिसमें सोलर से उत्पादित बिजली को स्टोर करने की तकनीक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन इसके लिए अनुदान भी दे रही है। मुख्यमंत्री ने पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी अपेक्षाओं और जरूरतों के बारे में जानकारी प्राप्त की। 


इस मौके पर गृह मंत्री बाला बच्चन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं पीथमपुर औद्योगिक संगठन के श्री गौतम कोठारी तथा अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।


प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैज्ञानिकों को बधाई दी...

संवाददाता : नई दिल्ली


      प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा, ‘‘राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और दृढ़ता का अभिवादन करने का अवसर है। अविष्‍कार करने के उनके जोश और पथप्रदर्शक अनुसंधान ने भारत और दुनिया की सहायता की है। मेरी कामना है कि भारतीय वैज्ञानिक लगातार कामयाब होते रहें और हमारे युवा मस्तिष्‍क विज्ञान के प्रति अधिक जिज्ञासा रखें।  



भारत में अनुसंधान और नई खोजों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए हमारी तरफ से, सरकार अनेक प्रयास कर रही है। इस वर्ष के शुरू में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान मैंने विज्ञान से जुड़े पहलुओं की चर्चा की थी। उन्‍हें मैं फिर साझा कर रहा हूं।










Narendra Modi
 

@narendramodi




 




National Science Day is an occasion to salute the talent and tenacity of our scientists. Their innovative zeal and pioneering research has helped India and the world. May Indian science continue to thrive and may our young minds develop even greater curiosity towards science.












Narendra Modi
 

@narendramodi




 

On our part, the Government of India is making numerous efforts to create an even better environment for research and innovation in India. I spoke about aspects relating to science during the Indian Science Congress earlier this year. Sharing it again…https://youtu.be/Rm-VoEe_q68








सभी प्रधानमंत्री किसान लाभार्थियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने का अभियान...

संवाददाता : नई दिल्ली


       प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 फरवरी, 2020 को चित्रकूट में देशभर में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों को लॉन्च करेंगे। छोटे और सीमांत किसानों की संख्या लगभग 86 प्रतिशत हैं, जिनके पास देश में 1.1 हेक्टेयर से कम औसत खेती है। इन छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें प्रौद्योगिकी, बेहतर बीज, उर्वरक, कीटनाशक और समुचित वित्त की समस्याएं शामिल हैं। इन किसानों को अपनी आर्थिक कमजोरी के कारण अपने उत्पादों के विपणन की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है।



एफपीओ से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों के सामूहीकरण में सहायता होगी, ताकि इन मुद्दों से निपटने में किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ सकें। एफपीओ के सदस्य संगठन के तहत अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे, ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सके और उनकी आजीविका तेजी से बढ़ सके।


पीएम-किसान के एक साल पूरे


इस अवसर पर पीएम-किसान योजना के लॉन्च होने का एक वर्ष पूरा हो जाने के मद्देनजर आयोजन भी किया जाएगा। मोदी सरकार ने किसानों के आय समर्थन के रूप में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना को लॉन्च किया था, ताकि किसानों को कृषि, संबंधित गतिविधियों और घरेलू आवश्यकताओं के खर्च वहन करने में सहायता हो सके।


योजना के तहत हर योग्य लाभार्थी को प्रति वर्ष 6000 रुपये की धनराशि दी जाती है। यह धनराशि दो-दो हजार रुपये के रूप में तीन बार चार माह की किस्तों में दी जाती है। यह भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के तहत योग्य लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे ऑनलाइन भेजी जाती है।


योजना 24 फरवरी, 2019 को लॉन्च की गई थी और उसने 24 फरवरी, 2020 को सफलतापूर्वक अपना एक साल पूरा कर लिया है।


अपनी पहली कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत मोदी 2.0 सरकार ने सभी किसानों को पीएम-किसान योजना का लाभ देने का निर्णय किया था।


पीएम-किसान लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने का विशेष अभियान


प्रधानमंत्री 29 फरवरी, 2020 को पीएम-किसान योजना के तहत सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के वितरण का अभियान लॉन्च करेंगे।पीएम-किसान योजना के तहत लगभग 8.5 करोड़ लाभार्थियों मे से 6.5 करोड़ से अधिक किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं।इस अभियान से यह सुनिश्चित होगा कि लगभग दो करोड़ पीएम-किसान लाभार्थियों को भी किसान क्रेडिट कार्ड वितरित कर दिए जाए।


सभी पीएम-किसान लाभार्थियों को रियायती संस्थागत ऋण तक पहुंच प्रदान करने के लिए 12 फरवरी से 26 फरवरी तक 15 दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत एक पन्ने के साधारण फॉर्म को भरा जाता है, जिसमें बैंक खाता नंबर, खेत रिकॉर्ड का विवरण जैसी बुनियादी जानकारी शामिल हैं। इसमें किसानों को यह घोषणा करनी है कि मौजूदा समय में वह किसी भी अन्य बैंक खाते से केसीसी का लाभार्थी नहीं है।


जिन पीएम-किसान लाभार्थियों के आवेदन 26 फरवरी तक प्राप्त हो गए है, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड देने के लिए 29 फरवरी को बैंक शाखाओं में बुलाया जाएगा।


GST पूर्व के बकाया समाप्त करने का सुनहरा अवसर...

संवाददाता : पटना बिहार


      GST पूर्व के बकाया समाप्त करने का सुनहरा अवसर बिहार कराधान विवाद समाधान योजना दिनांक 15.01.2020 से लागू आवेदन देने की अंतिम तिथि 25.03.2020 है।शीघ्र योजना का लाभ उठाएं।



गोल्ज्यू मैदान, चंपावत में चल रहे "चंपावत महोत्सव-2020" में शिरकत की...

संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड


        गोल्ज्यू मैदान, चंपावत में चल रहे "चंपावत महोत्सव-2020" में शिरकत की। इस दौरान जिले के लिए ₹116.26 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।



 


राज्य में खनन गतिविधियों को व्यवस्थित करने के निर्देश जारी...

संवाददाता : शिमला हिमाचल


      उद्योग विभाग के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि राज्य में खनन स्थलों से खनन और सामग्री की ढुलाई कोे व्यवस्थित करने के लिए सभी जिलों में तैनात खनन अधिकारियों द्वारा अनुपालना के लिए अतिरिक्त निर्देश जारी किए गए हैं। इससे अवैध खनन को रोकने में मदद मिलेगी।

 


 

उन्होंने बताया कि निर्देशों के अनुसार, खनन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खनन पट्टाधारकों द्वारा 25 मार्च 2020 तक सभी लघु खनिजों के डम्प को खनन पट्टा स्थलों से हटा दिया जाए और उन्हें खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर स्थानांतरित किया जाए। नए डम्प की अनुमति खनन पट्टा स्थल से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर ही दी जाए। डंपिग स्थलों पर सूचना बोर्ड लगा कर पट्टेदार का नाम, खनन पट्टे का नाम और खनन पट्टे की अवधि को दर्शाया जाना अनिवार्य होगा। यदि जेसीबी और पोकलेन जैसी यांत्रिक मशीनों द्वारा अवैध खनन किया जाता है तो ऐसे मामलों में जेसीबी मालिक/ड्राईवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेसीबी/मकैनिकल एक्सक्वेटर मशीनों को जब्त किया जाएगा।

 

अगर खनन पट्टाधारक स्वीकृत खनन योजना के नियमों और शर्तों के उल्लंघन करता है तथा जेसीबी, पोकलेन आदि जैसी यांत्रिक मशीन का उपयोग करके कोई अनाधिकृत खनन या अवैज्ञानिक खनन में लिप्त पाया जाता है, तो संबंधित खनन अधिकारी तुरंत एफआईआर दर्ज करवाकर और अवैध खनन गतिविधियों को बन्द करेगा और सक्षम प्राधिकारी को खनन पट्टे को समाप्त करने के लिए मामले की सिफारिश करेगा। ऐसे मामले जहां वाहन अवैध खनन सामग्री ले जाते हुए पकड़ा जाता हैं तो खनन अधिकारी ऐसे वाहनों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए संबंधित आरटीओ को लिखेंगे। खनन सामग्री के अवैध परिवहन में बार-बार संलिप्त पाए जाने वाले वाहनों को कोई पारगमन परमिट नहीं दिया जाएगा।

 

प्रवक्ता ने कहा कि खनन अधिकारी ओवरलोडिंग करने वाले पट्टाधारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उनका पट्टा समाप्त किया जाएगा तथा विस्तारित बाॅड़ी वाले वाहनों के खिलाफ संबंधित अधिनियम व नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए मामला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को भेजा जाएगा। विस्तारित बाॅड़ी वाले वाहनों को कोई भी पारगमन परमिट जारी नहीं किया जाएगा। खनन अधिकारी खनन गार्डों, सहायक खनन निरीक्षकों, खनन निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण के लिए रोस्टर जारी करेंगे, ताकि फील्ड कर्मचारियों की सेवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग और संवेदनशील क्षेत्रों, नदी के तल तथा अन्य क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

 

उन्होंने बताया कि खनन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी खनन पट्टे क्षेत्रों में लीज सीमा को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए बाउंडरी पिल्लर लगाए गए हैं। यदि पट्टाधारक बाउंडरी पिल्लर स्थापित नहीं करता है तो खनन गतिविधियों को निलंबित कर दिया जाएगा।

 

उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन के परामर्श से खनन अधिकारी उन स्थानों की पहचान करेंगे जहां बैरियर तथा तौल पुल लगाए जाने की आवश्यकता है ताकि सीमा पार जाने वाले वाहनों का निरीक्षण/तौल और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

 

खनन अधिकारी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट से धन के अनुमोदन और आवंटन के लिए संबंधित उपायुक्तों को प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे ताकि पर्यावरण संरक्षण और सतत् खनन गतिविधियों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकंे। इन प्रस्तावों को 31 मार्च, 2020 तक जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की गवर्निंग काउंसिल में प्रस्तुत किया जाएगा और उसके बाद शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

 

प्रवक्ता ने बताया कि सभी खनन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन निर्देशों का तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। ऐसा करने में विफल रहने को गंभीरता से लिया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

 

उन्होंने कहा कि राज्य भूविज्ञानी एक प्रारूप तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से खनन अधिकारी हर माह निदेशक, उद्योग को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए खनन अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी निदेशक उद्योग और राज्य भूविज्ञानी द्वारा की जाएगी।

आज शुरू होगी देश की पहली निःशुल्क ‘नालसा’ विधिक सहायता हेल्प लाईन 15100...

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      भारत की पहली निःशुल्क लीगल एड हेल्प लाईन नंबर 15100 जिला न्यायालय परिसर रायपुर में 29 फरवरी को प्रारंभ होगी। यह हेल्प लाईन कानूनी सलाह देने के लिए पूरी तरह से निःशुल्क हेल्प लाईन होगी। जिला न्यायालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति पी.आर. रामचंद्र मेनन, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायमूर्ति श्री प्रशांत कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा इस हेल्प लाईन को प्रारंभ किया जाएगा। साथ ही न्यायालय परिसर में ए.डी.आर. भवन और न्याय सदन का भूमि पूजन किया जाएगा।



जिला न्यायालय परिसर रायपुर में यह कार्यक्रम प्रातः 10 बजे प्रारंभ होगा। इस कार्यक्रम में रायपुर जिला न्यायालय के समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण उपस्थित रहेंगे। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।


राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देश पर रायपुर में प्रारंभ हो रही यह हेल्प लाईन भारत की पहली समेकित और प्रतिनिधित्व प्रणाली पर आधारित निःशुल्क विधिक सहायता हेल्प लाईन है, जिसकी मदद लेने वाले सभी व्यक्तियों को बेहतर ढ़ंग से विधिक सलाह और सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। यह हेल्प लाईन प्रदेश के अन्य सभी हेल्प लाईन नंबर और विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरतमंद लोगों को यथाशीघ्र सहायता उपलब्ध कराएगी। यह हेल्प लाईन वर्तमान में सखी वन स्टॉप सेंटर और 181 महिला हेल्प लाईन के साथ संयोजित है और उनके द्वारा उपलब्ध सुविधा एवं सेवा लोगों को तुरंत उपलब्ध करायी जा सकती है।


प्रस्तावित ए.डी.आर. भवन और न्याय सदन का निर्माण हो जाने के बाद न्यायालय आने वाले पक्षकारों को अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी। ‘न्याय सदन’ में निःशुल्क विधिक सेवा व सलाह एवं सहायता, लोक अदालत का आयोजन, विभिन्न प्रकार के विधिक साक्षरता शिविर आदि आयोजित किए जा सकेंगे। इस बिल्डि़ग में गरीब, असहाय, मजदूर वर्ग, तथा समाज के पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए तथा दूर-दराज से आने वालों लोगों के लिए रात्रिकालीन रहने की व्यवस्था रहेगी ।


इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होंगे। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति पी.आर. रामचंद्र मेनन कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय बिलासपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति बिलासपुर के अध्यक्ष और न्यायाधिपति न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी कार्यक्रम में विशेष अतिथि होंगे। कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष राम कुमार तिवारी, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सदस्य सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल एवं अमन सत्या कचरू ट्स्ट के संस्थापक प्रोफेसर श्री राजेन्द्र कचरू, जिला न्यायालय रायपुर के न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण व कर्मचारीगण उपस्थित रहेंगे।


सकारात्मक प्रयासों को दिया जाएगा पूर्ण संरक्षण और सहयोग...

संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश


          राज्यपाल लालजी टंडन ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा है कि राष्ट्र सेवा के लिए किये जा रहे बड़े बदलावों को दृढ़ता और निर्भीकता के साथ लागू करें। सकारात्मक प्रयासों को पूरा संरक्षण और समर्थन दिया जाएगा। राज्यपाल राजभवन में कुलपतियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय द्वारा म.प्र. विश्वविद्यालय संगठन विश्वविद्यालय कंर्सोटियमका प्रस्तुतिकरण दिया गया।



राज्यपाल टंडन ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के लिए किये जा रहे कार्य क्रांतिकारी प्रयास हैं। यह समय-सीमा में पूर्ण हों, यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कार्य पूर्णता पर मिलने वाले परिणाम उच्च शिक्षा व्यवस्था के प्रेरणा के स्त्रोत होगे। राज्यपाल ने कहा कि कार्य के सुचारू संचालन के लिए जरूरी है कि कुलपति पूर्ण आत्म-विश्वास के साथ अधिकारिता के अनुसार स्वतंत्र रूप से कार्य करें। कार्य में आने वाली समस्याओं का समाधान भी करें। राज्यपाल ने कहा कि वित्तीय संसाधनों के लिए विश्वविद्यालयों में पराधीनता की व्यवस्था नहीं चलेगी। इसे बदलने के लिये आत्म-निर्भरता ही एक मात्र विकल्प है, जो संसाधन और आपसी सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का स्वरूप आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर हो।


राज्यपाल ने इस अवसर पर एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन व्यवस्था के निर्माण में सहयोग देने वाले आई.टी. विशेषज्ञ संचालक, मुक्त एवं दूरवर्ती शिक्षा संस्थान संजय गुलाटी,  सिस्टम प्रोग्रामर प्रभारी आई.टी.सेल. डॉ. नंदन त्रिपाठी  बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी एन.आई.सी. राजभवन जितेन्द्र कुमार पाराशर, प्राध्यापक, रसायनशास्त्र विभाग, प्रो. विजय कुमार अग्रवाल, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर एप्लीकेशन,  डॉ.पी.के.राय अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रभारी, कम्प्यूटर केन्द्र, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय डॉ. निरंजन श्रीवास्तव और   प्रभारी कम्प्यूटर केन्द्र रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय डॉ ए.के. गुप्ता को पुरस्कृत किया।


बैठक में सचिव मनोहर दुबे, अपर सचिव अभय वर्मा और शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।


मामल्लपुरम में वास्तुशिल्प और मूर्तिकला कॉलेज के छात्रों से बातचीत की...

संवाददाता : नई दिल्ली


      उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज सभी वास्तुकारों और शहरी योजनाकारों से आग्रह किया कि वे अपनी योजनाओं के लिए संरक्षण और निरंतरता पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने कहा कि निर्माण वातावरण में सुधार लाने के लिए परम्परा तथा प्रौद्योगिकी का समायोजन करें तथा दीर्घकालीन विकास की दिशा में काम करें।


तमिलनाडु के मामल्लपुरम में वास्तुशिल्प और मूर्तिकला कॉलेज के छात्रों से बातचीत करते हुए नायडू ने उनसे आग्रह किया कि वे देश की मूल्यवान संस्कृति और विरासत को प्रोत्साहन देने और उसकी सुरक्षा करने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि छात्रों को पारम्परिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।



मामल्लपुरम के विश्व धरोहर स्थल का उल्लेख करते हुए नायडू ने कहा कि यह स्थान भारत की महान परम्परा का परिचायक है तथा मामल्लपुरम की पल्लव मूर्तिकारी और तटीय मंदिर, रथ मंदिर, गुफा मंदिर तथा अर्जुन का प्रायश्चित या गंगा अवतरण शैल वास्तुकला का शानदार नमूना होने के साथ-साथ दुर्लभ गरिमा को भी प्रदर्शित करते हैं।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि वास्तुशिल्प और मूर्तिकला कॉलेज इससे बेहतर स्थान पर नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि यहां के वास्तुशिल्प से महान विविधता के साथ-साथ इन स्मारकों का कर्मिक विकास भी नजर आता है।


पर्यावरण अनुकूल हरित भवनों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल देते हुए नायडू ने कहा कि इन इमारतों में पानी का कम उपयोग होता है और ऊर्जा का आदर्श इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने आग्रह किया कि नई इमारतों का डिजाइन तैयार करते समय डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरा फायदा उठाया जाए, ताकि ‘स्मार्ट बिल्डिंग’ का निर्माण हो सके।


नायडू ने वास्तुशिल्प के छात्रों से आग्रह किया कि वे तेज शहरीकरण के समाधान के लिए नवाचारों का उपयोग करें तथा शहरी क्षेत्रों के सामान ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधाएं प्रदान करने के तरीके खोजें। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अधिक से अधिक साहित्य और कला रूपों का अध्ययन करें तथा अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करें। उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि वे मूर्तिकला सहित सभी भारतीय कला रूपों के प्रति अपनी समक्ष में इजाफा करें।


उपराष्ट्रपति ने वास्तुशिल्प कॉलेज जैसे संस्थानों से आग्रह किया कि वे शोध और नवाचार को प्रोत्साहन दे, ताकि हमारे शहर सुरक्षित और सुविधाजनक बन सकें तथा हमारी इमारतें सस्ती और पर्यावरण अनुकूल निर्मित हो सकें। उपराष्ट्रपति ने छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तमिलनाडु सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार छात्रों को इस दिशा में बहुत प्रोत्साहन दे रही है।


इसके पूर्व उपराष्ट्रपति ने परिसर में सुधाई, प्रस्तर, धातु और काष्ठ मूर्तिकला स्टूडियो, वास्तुशिल्प स्टूडियो तथा पारम्परिक चित्रकारी स्टूडियो का दौरा किया। उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति का भी अवलोकन किया।


नायडू ने कहा कि मूर्तिकला भारतीय संस्कृति को प्रस्तुत करने का बेहतरीन कला रूप है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं में निहित कौशल को पहचान कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है। इसके लिए उपराष्ट्रपति ने मशवरा दिया कि शिक्षा प्रणाली में शिक्षण और कौशल निर्माण का समायोजन किया जाना चाहिए।


उपराष्ट्रपति ने नक्काशी के लिए छेनी और हथोड़ी वाली तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए मामल्लपुरम के मूर्तिकारों की सराहना की। उन्होंने पल्लव युग की जटिल कला की प्रतिकृति तैयार करने के लिए मूर्तिकारों की क्षमता और उनके कौशल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘मुझे वास्तुशिल्प और मूर्तिकला कॉलेज के छात्रों द्वारा किए गए काम को देखकर अति प्रसन्नता हो रही है। कला और वास्तुशिल्प के इस उत्कृष्ट केन्द्र का दौरा करके मैं ऊर्जावान हो गया हूं।’


अपने आगमन के दौरान उपराष्ट्रपति ने संस्थान के परिसर में संत कवि और दार्शानिक थिरुवल्लुवर की प्रतिमा का अनावरण भी किया।


छात्रों के साथ उपराष्ट्रपति की बातचीत के दौरान तमिल आधिकारिक भाषा, तमिल संस्कृति और वास्तुशास्त्र मंत्री के.के. पांडियाराजन, तमिलनाडु सरकार के अवर मुख्य सचिव अशोक डोंगरे और महाबलीपुरम के गर्वमेंट कॉलेज ऑफ आर्कीटेक्चर एंड स्कल्पचर के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्रन और अन्य अध्यापक उपस्थित थे।


जालंधर में खूनी बंदर ने 15 लोगों को काट खाया...

संवाददाता : जालंधर पंजाब


      जालंधर के गुजा पीर में एक बंदर ने 4 दिनों से उत्पात मचा रखा है। जिसने लगभग 15 लोगों को काट लिया। बंदर ने कुत्ते को भी काटा, जिसके 60 टांके लगे। लोगों ने प्रशासन से अपील कि है की इस खूनी बंदर से उनका पीछा छुड़ाया जाए। पिछले 4 दिनों से गुज्जा पीर के आस-पास के क्षेत्रों में एक बंदर ने 15 के  करीब लोगों को अपना शिकार बना लिया है। एक कुत्ते के साथ उसकी लड़ाई की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है। इलाके के निवासियों ने बताया कि एक बंदर उनके क्षेत्र में पिछले 4 दिनों से घूम रहा है।अब उसके मुंह को खून लग चुका है। जो खूनी दरिंदे की तरह लोगों पर हमला कर रहा है।



अशोक मेहरा ने बताया कि बंदर उनके घर में घुस आया था। जिसकी उनके कुत्ते के साथ 15 मिनट तक लड़ाई होती रही। उनके पास वाला घर उनके चाचा का है। वहां पर भी बंदर ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया। जिनके 15 टांके लगे हैं। अशोक ने कहा की बंदर की दहशत इलाके में लगातार बढ़ रही है। वन विभाग वाले भी उनको पूरा सहयोग दे रहे हैं। पर जब वन विभाग की टीम इलाके में आती है, तो बंदर कहीं और भाग जाता है। मोबाइल पर बात करने वाला और अकेला घूम रहा बच्चा बंदर का टारगेट बन जाता है।


नितिन सैनी ने कहा कि बंदर की दहशत से पूरे इलाके में सन्नाटा छाया हुआ है। कोई भी अपने घर के बाहर नहीं निकल रहा। बच्चे, बूढ़े सभी सहम कर घरों में ही बैठे हुए हैं। उनकी प्रशासन से अपील है कि जल्द से जल्द इस बंदर को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए। पीड़ित राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि बंदर उनके घर के टंकी के पास बैठा हुआ था। जो उन्हें देखकर उनके पास आ गया। जिसे उन्होंने गुड़ व चने खिलाऐ और बंदर ने चने खाते- खाते उनके दोनों हाथों पर काट लिया और भाग गया।


पीड़ित लोगों और इलाके का हाल देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है, कि बंदर किस हद तक खूंखार बन चुका है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द बंदर को पकड़कर जंगलों में छोड़ा जाए तकि इलाके के निवासी चैन की सांस ले सकें।


राष्‍ट्रपति ने कहा कि आइए हम अपने वैज्ञानिक उद्यम की गुणवत्‍ता और प्रासंगिकता बढ़ाने का संकल्‍प लें...

संवाददाता : नई दिल्ली


      राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने वैज्ञानिक उद्यम की गुणवत्ता और प्रासंगिकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि हमारे विज्ञान को देश के लोगों के विकास और भलाई में योगदान देकर जनता के लिए काम करना चाहिए। कोविंद विज्ञान और प्रौ‍द्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा नई दिल्‍ली में आयोजित राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।  



राष्‍ट्रप‍ति ने कहा कि हमें अपने विश्‍वविद्यालय और प्रयोगशाला  में सभी उपकरणों, ज्ञान, मानव शक्ति और बुनियादी ढांचे के साथ विज्ञान और वास्‍तव में समाज के सभी हितधारकों तक पहुंचने का लक्ष्‍य निर्धारित करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि कॉरपोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी की तर्ज पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी वैज्ञानिक सामाजिक जिम्‍मेदारी की अवधारणा को विकसित कर रहा है और इसे नीति में शामिल कर रहा है। इस नीति में वैज्ञानिक बुनियादी ढांचा साझा करने कॉलेज के संकाय को परामर्श देना, अनुसंधान संस्‍कृति को बढ़ावा देना और शीर्ष प्रयोगशालाओं में युवा छात्रों की यात्राओं का आयोजन करना शामिल हैं।


राष्‍ट्रपति ने कहा कि राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्‍य विज्ञान के महत्‍व के संदेश का प्रचार करना है। इसके दो पहलू हैं – अपने आप में विज्ञान, शुद्ध ज्ञान की खोज के रूप में और समाज में विज्ञान, जीवन की गुणवत्‍ता बढ़ाने के लिए एक उपकरण के रूप में। वास्‍तव में दोनों ही पहलू आपस में जुड़े हुए हैं, क्‍योंकि इन दोनों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एक ही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से ही हम पर्यावरण, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, उचित आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा, भोजन एवं जल सुरक्षा तथा संचार आदि की चुनौतियों का प्रभावी रूप से समाधान कर सकते हैं।


आज हमारे सामने अनेक प्रकार की जटिल समस्‍याएं हैं। विभिन्‍न संसाधनों की मांग और आपूर्ति के बढ़ते हुए असंतुलन से भविष्‍य में टकराव की संभावना है। हम सभी को इन चुनौतियों के स्‍थायी समाधान की अपनी तलाश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा। 


पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी ने दिल्ली हिंसा को बताया आप सरकार की लापरवाही...

संवाददाता : मलेरकोटला पंजाब


      मलेरकोटला में नागरिक संशोधन अधिवेशन के विरोध में  एक समारोह में उपस्थित हुए पटियाला के पूर्व सांसद  डॉ धर्मवीर अधिवेशन का विरोध जताया और कहा कि यह एक्ट संविधान के साथ छेड़छाड़ कर बनाया गया है। यह देश के लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने वाला अधिवेशन है।



डॉ धर्मवीर गांधी ने दिल्ली कि आम आदमी पार्टी सरकार पर हिंसा को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर केजरीवाल सरकार हिंसा के समय कोई ठोस कदम उठाती, तो दिल्ली में इतनी कतलों गारत न होती और दिल्ली इतने बड़े नुकसान से बच जाती है। गांधी ने कहा कि इस सभी प्रकरण में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की अनदेखी रही है। जिस वजह से दिल्ली को इतना बड़ा संताप भोगना पड़ा।


उन्होंने कहा कि हर स्टेट की सरकार की जिम्मेवारी होती है, कि वह अपने राज्य में शांति और खुशी बनाए रखें। पर आम आदमी पार्टी दोबारा सत्ता में आते ही लापरवाह लग रही है। दिल्ली हिंसा की आग आम लोगों की जान की आफत बन गई।


शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

आईपीएस एस एन श्रीवास्तव होंगे दिल्ली पुलिस के नए मुखिया...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


       आईपीएस एस एन श्रीवास्तव होंगे दिल्ली पुलिस के नए मुखिया कल संभालेंगे नई जिम्मेदारी। गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक कल रिटायर हो रहे हैं। अमूल्य पटनायक को पिछले महीने ही एक महीने का एक्सटेंशन मिला था। एसएन श्रीवास्तव को पुलिस कमिश्नर बनाने की हरी झंडी गृह मंत्रालय ने दे दी है। इसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश जारी कर दिया है।अमूल्य पटनायक 29 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। 


              


एसएन श्रीवास्तव AGMUT 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। दिल्ली में हिंसा के बीच फिलहाल उनकी तैनाती दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) के तौर पर की गई थी। इससे पहले वो जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ में तैनात थे। 



इससे पहले भी वो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में रह चुके हैं। स्पेशल सेल में रहते हुए एसएन श्रीवास्तव ने दिल्ली में IPL मैच में फिक्सिंग का खुलासा किया था। तब वो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में विशेष पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 


मध्यप्रदेश बनेगा फिल्म जगत और कलाकारों का डेस्टिनेशन...

प्रजा दत्त डबराल @ भोपाल मध्यप्रदेश


         राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति- 2020 को लागू कर प्रदेश को आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने की क्रान्तिकारी शुरूआत की है। अब वह दिन दूर नहीं, जब फिल्म जगत को हर विषय की फिल्म बनाने के लिए केवल मध्यप्रदेश ही सर्वश्रेष्ठ वेन्यू दिखाई देगा। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने फिल्म जगत के लिये मध्यप्रदेश के दरवाजे खोलकर फिल्में के माध्यम से प्रदेश के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।



पर्यटन नीति 2020 लागू कर मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बनाया जा रहा है। नीति में फिल्मों के लिए प्रदेश को सेंट्रल हब बनाने का भी निर्णय लिया गया है। फिल्म निर्माण के लिये बुनियादी ढाँचा तैयार कर फिल्म निर्माताओं और फिल्मों से जुड़े उद्योगों को निवेश के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रदेश के पर्यटन स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा फिल्म शूटिंग की अनुमति की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है, जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक फिल्मांकन को प्रोत्साहन मिलेगा।


सलाहकार/साधिकार समिति का गठन


फिल्म पर्यटन नीति के क्रियान्वयन के लिए स्पष्टीकरण/ व्याख्या विवाद निराकरण के लिये राज्य-स्तरीय समिति प्राधिकृत की गई है। इसमें फिल्म पर्यटन नीति 2020 मूलरूप से पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 को ही हिस्सा है। इसमें क्रियान्व्यन और निगरानी के कार्य को प्राथमिकता दी गई है।


फिल्म सुविधा सेल


मध्यप्रदेश में एक समर्पित फिल्म सुविधा सेल का गठन किया गया है। प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की अध्यक्षता में यह सेल फिल्म पर्यटन विकास के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। यह सेल स्टेक होल्डर्स के साथ फिल्म पर्यटन नीति के क्रियान्वयन, प्रक्रिया निर्धारण, आवेदनों के निराकरण संबंधी समन्वय करेगा तथा फिल्म उद्योग की अद्यतन प्रवृत्तियों के अनुसार नीति संबंधी सुझाव एवं नियामक सुधार के लिए समय-समय पर प्रस्ताव तैयार करेगा।


सिंगल विंडो क्लीयरेंस


मध्य प्रदेश में फिल्मों/धारावाहिकों/वेब सीरिज की शूटिंग करने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए वन-प्वाइंट एंट्रेस सिस्टम और समयबद्ध अनुमति तंत्र के लिए ऑनलाईन फिल्म वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है। यह पोर्टल फिल्म पर्यटन नीति के लिये सूचना-प्रसार के एक मंच के रूप में कार्य करेगा। इसमें फिल्म फेसीलिटेशन सेल द्वारा ऑल लाईन तरीके से वेब पोर्टल तैयार न होने तक ऑफ लाईन आवेदन लिये जायेंगे। अन्य सुविधाओं और सेवाओं से संबंधित जानकारी भी इस पोर्टल पर मिलेगी।। प्रत्येक जिले में एस.डी.एम.स्तर के अधिकारी को फिल्म पर्यटन नीति के क्रियान्वयन के लिये नोडल अधिकारी प्राधिकृत किया जायेगा। नोडल अधिकारी जिला स्तर पर सहयोग और समन्वय भी करेंगे।


प्रचार-प्रसार एवं प्रोत्साहन सहायता


फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार मनोरंजन उद्योग का विकास कर रही है। इसके अंतर्गत थीम पार्क और सेल्फी प्वाइंट बनाये जा रहे हैं। प्रदेश में राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय फिल्म समारोह, गोष्ठी और सेमीनार आयोजित किये जायेंगे। देश के प्रमुख फिल्म निर्माताओं के फेम टूअर्स आयोजित किये जायेंगे। प्रदेश के फिल्म शूटिंग स्थलों पर फिल्मांकित की गई फिल्मों और पर्यटन स्थल को पर्यटन उत्पाद के रूप में विकसित कर प्रचार-प्रसार किया जायेगा।


वित्तीय प्रोत्साहन


राज्य सरकार ने फिल्म पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी भी भाषा में फिल्म निर्माण के लिये प्रदेश में फिल्मों के अधिक से अधिक फिल्मांकन पर अनुदान के पात्रता मापदंड निर्धारित किये हैं। पहली फिल्म की शूटिंग के लिये अनुदान एक करोड़ रूपये तक अथवा फिल्म की कुल लागत का 25 प्रतिशत, जो भी कम हो, देय होगा। इसके लिये फिल्म के संपूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50 प्रतिशत शूटिंग दिवस मध्यप्रदेश में होना जरूरी है। इसी तरह, दूसरी फिल्म के लिये 1 करोड़ 25 लाख रूपये तक या फिल्म की कुल लागत का 25 प्रतिशत, जो भी कम हो, देय होगा। इसके लिये फिल्म के संपूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50 प्रतिशत शूटिंग दिवस मध्यप्रदेश में होना जरूरी होगा। इसके अलावा, तीसरी और आगे की फिल्मों के लिये 1 करोड़ 50 लाख रूपये तक या फिल्मों की लागत का 75 प्रतिशत, जो भी कम हो, देय होगा। इसके लिये फिल्म के संपूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50 प्रतिशत शूटिंग दिवस मध्यप्रदेश में होना जरूरी होगा। फिल्म पर्यटन नीति में प्रदेश में 75 प्रतिशत से अधिक शूटिंग दिवस वाली फीचर फिल्म के फिल्मांकन में मध्यप्रदेश को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है, ऐसी फिल्म को प्रोत्साहित करने वाली प्रत्येक श्रेणी (प्रथम/द्वितीय/तृतीय एवं आगामी फिल्म) में 50 लाख रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। इसका निर्णय फिल्म फेसेलिटेशन सेल द्वारा लिया जायेगा। प्रदेश पर आधारित कहानी/स्क्रिप्ट पर फिल्मांकन एवं फिल्म की परियोजना की लागत का 50 प्रतिशत या 5 करोड़ रूपये, जो भी कम हो, पर विशेष अनुदान दिया जायेगा। अनुदान का निर्णय फिल्म फेसेलिटेशन सेल द्वारा लिया जायेगा। यदि फिल्म निर्माण में मध्यप्रदेश के स्थानीय कलाकारों को काम के अवसर दे रहे है, तो तीन स्तर पर अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। कहानी के अनुसार प्रमुखता से प्रदर्शित होने वाले कैरेक्टर पर अधिकतम 25 लाख रूपये दिये जायेंगे।


इसी तरह, 5 द्वितीय स्तर पर कहानी के अनुसार प्रमुखता से प्रदर्शित होने वाले कैरेक्टर के अतिरिक्त अन्य प्रमुख कैरेक्टर के कलाकारों के लिए अधिकतम 10 लाख रूपये अथवा दोनों श्रेणियों के लिये कलाकारों के वास्तविक भुगतान की 50 प्रतिशत राशि, जो भी कम हो, दी जायेगी।


फिल्म सिटी


प्रदेश सरकार राज्य में फिल्म सिटी स्थापित करने का भी प्रयास करेगी, ताकि एक ही स्थान पर फिल्म निर्माताओं के लिये पूर्ण बुनियादी ढाँचा उपलब्ध हो सके। निजी क्षेत्र की सहायता से फिल्म सिटी/शहरों/फिल्म लैब की स्थापना की संभावनाओं का आंकलन करने के लिये राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा एक विशेषज्ञ एजेंसी के माध्यम से व्यवहार्यता अध्ययन कराया जाएगा तथा क्रियान्वयन के लिये एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


राज्य सरकार प्रदेश में फिल्म सिटी की स्थापना के लिये पर्यटन नीति 2016 (संशोधित 2019) के अनुसार भूमि भी प्रदान करेगी और सक्रिय बुनियादी ढाँचे के निर्माण में सक्रिय रूप से सहयोग भी देगी।


इस तरह अब मध्यप्रदेश फिल्म जगत और कलाकारों का गंतव्य बनेगा। इसमें उन्हें हर सुविधा मिलेगी। साथ ही, आर्थिक मदद भी।


मंत्रालय का करीब 93 प्रतिशत बजट अब तक वर्तमान वित्त वर्ष के लिए खर्च किया गया...

संवाददाता : नई दिल्ली


      केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय (डोनर) के काम-काज की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान डोनर सचिव डॉ. इन्द्रजीत सिंह और मंत्रालय तथा पूर्वोत्तर परिषद के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कार्य सूची में शामिल सभी विषयों की समीक्षा की गई।


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि कई वर्षों में पहली बार मंत्रालय का करीब 93 प्रतिशत बजट अब तक वर्तमान वित्त वर्ष के लिए खर्च कर लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस वित्त वर्ष के अंत तक शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें। इससे पूर्व मंत्रालय पूरे वर्ष में करीब 75 से 80 प्रतिशत बजट उपयोग में लाता था।



डॉ. सिंह ने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि वे नया बांस क्लस्टर खोलने और जम्मू/सांबा/कठुवा क्षेत्र में टेक्नोलॉजी केन्द्र खोलने के लिए संघ शासित जम्मू और कश्मीर के साथ जल्द से जल्द एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करें। यह समझौता ज्ञापन किसानों के क्षमता निर्माण में उन्हें तकनीकी सहयोग और मदद प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बांस उद्यमिता के लिए काफी संभावना है।


डॉ. जितेन्द्र सिंह को बताया गया कि जेएनयू में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए एक नए छात्रावास का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा हैं। डोनर मंत्रालय के तहत एनईसी द्वारा शुरू की गई परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों के लिए एक बड़ी मदद होगी। इसी प्रकार से द्वारका में पूर्वोत्तर क्षेत्र के पहले सम्मेलन केन्द्र का कार्य जल्दी ही शुरू कर दिया जाएगा।


डॉ. जितेन्द्र सिंह के ध्यान में यह बात लाई गई कि सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास कोष (एसआईडीएफ) के तहत 586.20 करोड़ रुपये की कुल राशि की तुलना में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा 587.17 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी जा चुकी है। इसमें से 504.10 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है और शेष राशि संबद्ध राज्य सरकारों से वास्तविक और वित्तीय रिपोर्ट प्राप्त होने पर जारी कर दी जाएगी।


पिछले छह महीनों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की उपलब्धियां


पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय द्वारा 3512.45 करोड़ रुपये की कुल 212 परियोजनाओं को इस प्रकार कार्यान्वित किया गया-



  • 1928.47 करोड़ रुपये की 115 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई

  • 677.90 करोड़ रुपये की 21 परियोजनाएं शुरू की गईं

  • 866.13 करोड़ रुपये की 70 परियोजनाएं पूरी की गईं

  • 39.95 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाएं चालू की गई


बांस औद्योगिक पार्क – पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहला बांस औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए सिद्धांतः मंजूरी दी गई। उन्हें असम के दीमाहसाओ जिले में मंदरदिसा में 50 करोड़ रुपये की लागत से 75 हेक्टयेर भूमि पर स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैंगलुरु के एचएएल परिसर में नए हलके लड़ाकू हेलिकॉप्टर उत्पादन हैंगर का उद्घाटन किया...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


       देश में मजबूत रक्षा और सुरक्षा अवसंरचना के निर्माण के मद्देनजर ‘भारत और विश्व’ के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूलमंत्र ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैंगलुरू के हिंदुस्तान एयरोनॉक्टिस लिमिटेड (एचएएल) में हैलिकॉफ्टर प्रभाग के नए हलके लड़ाकू हेलिकॉप्टर उत्पादन हैंगर का उद्घाटन करते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत सैन्य उपकरणों के स्वदेशी निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की है।



देश के आर्थिक विकास में रक्षा उद्योग द्वारा निभाई जाने वाली प्रमुख भूमिका का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने एचएएल जैसे रक्षा सार्वजनिक उपक्रम के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एचएएल ने भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में शानदार योगदान किया है। उसके प्रयासों से भारत 6 स्थानों की छलांग लगाते हुए आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात में बढ़ोतरी हुई है और वह पिछले दो सालों में 17,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। आने वाले वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विभिन्न प्लेटफार्मों के जरिए एचएएल इस मील के पत्थर को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।


राजनाथ सिंह ने एचएएल की सराहना करते हुए कहा कि वह भारतीय वायु सेना का मेरुदंड है और वह सैन्यबलों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘एचएएल ने पिछले पांच वर्षों में परिचालन और वित्त के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। उसने 7 प्लेटफार्मों पर परिचालन क्लियरेंस हासिल किया है, जिसमें हलका लड़ाकू युद्धक विमान और हलका लड़ाकू हेलिकॉप्टर शामिल है। इसके अलावा उसने हॉक और एसयू-30 एमकेआई जैसे प्लेटफार्मों को भी दुरुस्त किया है। राजनाथ सिंह ने इस बात की सराहना की कि मार्च, 2019 तक एचएएल ने 19,705 करोड़ रुपये का कारोबार किया और शेयरधारकों को 198 प्रतिशत का शानदार लाभांश दिया है।


निजी रक्षा उद्योगों द्वारा एचएएल को मिलने वाली कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हुए रक्षा मंत्री ने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम से आग्रह किया कि वह बदलते परिवेश को चुनौती के रूप में ले तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए अवसरों से लाभ उठाए। उन्होंने फिक्स्ड विंग और रोटरी एयरक्राफ्ट के क्षेत्र में भावी परियोजनाओं के लिए एचएएल को शुभकामनाएं दी और उन्होंने कहा कि एचएएल असैन्य एयरक्राफ्ट व्यापार में भी भारत का नेतृत्व करेगा।


इस अवसर पर एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा कि हलका लड़ाकू हैलिकाप्टर (एलसीएच) परिचालन के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके उत्पादन के लिए हैलिकाप्टर परिसर पूरी तरह चाक-चौबंद है। उन्होंने कहा कि इस नए उत्पादन हैंगर से एलसीएच उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा और प्रतिवर्ष 30 हैलिकॉप्टरों का उत्पादन संभव होगा। एचएएल ने रक्षा मंत्री को स्वदेशी बहु उद्देशीय हेलिकॉप्टर (आईएमआरएच) के नए डिजाइन और विकास कार्यक्रम की प्रगति से भी अवगत कराया। श्री राजनाथ सिंह के समक्ष इसका प्रदर्शन भी किया गया। आईएमआरएच के विषय में प्रस्ताव है कि वह एमआई 17, कामोव और सीकिंग्स जैसे मौजूदा मध्यम हैलिकॉप्टरों की जगह लेगा जिन्हें अगले 8 से 10 वर्षों के दौरान सेवा से हटाया जाना है।


एचएएल द्वारा विकसित और डिजाइन किया गया एलसीएच 5.5 टन वजन वाला लड़ाकू हेलिकॉप्टर है। इसमें दो शक्ति इंजर लगे हैं और उन्नत हलके हेलिकॉप्टर की कई तकनीकी विशेषताओं से यह लैस है। एलसीएच सियाचीन के अग्रिम ठिकानों तक पहुंचने में सक्षम है तथा वह समुद्र तल से 4,700 मीटर की ऊंचाई तक अपने साथ 500 किलोग्राम भारी सामान ले जा सकता है।  


समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना का कार्य पूर्ण

संवाददाता : समस्तीपुर बिहार


      समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना का कार्य पूर्ण के उपरांत लोगों द्वारा नल से शुद्ध जल उपयोग का कुछ दृष्य। 



 


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में 1 अरब 13 करोड 42 लाख की 78 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया...

प्रजा दत्त डबराल @ देहरादून उत्तराखंड


      मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में 1 अरब 13 करोड 42 लाख की 78 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।जिसमें 48 करोड 52 लाख, 68 हजार की 24 योजनाओं का लोकार्पण व 64 करोड, 89 लाख, 43 हजार की 54 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने महानगर हल्द्वानी की आन्तरिक सडकों हेतु 20 करोड रूपये की घोषणा भी की।


समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने वर्ग-4, वर्ग-1ख काबिज काश्तकारों को पट्टे, दीनदयाल आवास, आयुष्मती योजना के कार्ड लाभार्थियों को मुख्य मंच से ज्वाला दत्त, विशना देवी, धीरेन्द्र कुमार, दयाकिशन, कमला देवी, देवकी देवी, चम्पा, दीपा देवी, पार्वती, बबली आदि को वितरित किये।



मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार पारदर्शिता से विकास कार्य कर रही है। जिसका जनता को लाभ मिल रहा है। उन्होने कहा जनहित में शीघ्रता से नीतिगत निर्णय लिये जायेंगे। प्रदेश में विगत तीन वर्षो से केन्द्र सरकार के सहयोग से विकास की श्रृंखला गतिमान है जिससे प्रति व्यक्ति आय प्रतिवर्ष बढ रही है। उन्होने कहा कि कही भी पेयजल की कमी नही होने दी जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में 500 विद्यालयों मे वर्चुअल क्लासेज प्रारम्भ कर दी है, 700 विद्यालयों मे भी जल्द ही वर्चुअल क्लासेज प्रारम्भ की जायेंगी। उन्होने कहा प्रत्येक संचालित आंगनबाडी केन्द्र का अपना भवन होगा।


2022 तक प्रत्येक सडक जिसमें पुल की जरूरत है पुल बनाये जायेंगे। प्रदेश मे 2022 तक हर गांव को सडक से जोडने का लक्ष्य रखा गया है। गन्ना व धान की फसलों का बकाया भुगतान काश्तकारों को कर दिया गया है। साथ ही गेंहू का भुगतान काश्तकारों को चौबीस घंटे के भीतर भुगतान किया जायेगा। प्रदेश मे हैली सेवायें प्रारम्भ कर दी गई है। 27 एरोड्रम स्वीकृत हेतु भारत सरकार को भेजे गये है, प्रत्येक जनपद मे एरोड्रम बनाकर हैली सेवाये प्रारम्भ की जायेंगी। उन्होने कहा कि प्रदेश में ड्रोन एप्लीकेशन सेन्टर शुरू कर दिया गया है। इस ड्रोन एप्लीकेशन सेन्टर के प्रारम्भ होने से हमारे प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हांगे।


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हल्द्वानी में आईएसबीटी बनाना सरकार की प्राथमिकता में है। हल्द्वानी आईएसबीटी को सुन्दर व भव्य बनाया जायेगा। हल्द्वानी में 3.25 करोड का इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बनने जा रहा है जो प्रदेश का प्रथम शवदाह गृह है, शवदाह के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। उन्होने कहा सभी विधायक के कार्यो की रिपोर्ट 18 मार्च को प्रेजेन्टेशन के जरिये जनता को दी जायेगी साथ ही सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में विकास कार्यो की रिपोर्ट स्वयं भी जनता को देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की जनता सर्वगुण सम्पन्न है मगर हमें व्यवसायिक गुण को अपना कर विकास की ओर उन्मुख होना होगा ताकि हम सम्पन्न होकर देश के सामने प्रदेश को एक मॉडल के रूप में स्थापित कर सकें।


विधायक/ भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार लगातार विकास के कार्य कर रही है। विकास कार्यो में केन्द्र सरकार का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होने कहा कि दशकों से जमरानी बांध परियोजना को सरकार द्वारा स्वीकृत प्रदान कर दी गई है, जिससे तराई व भाबर को नवजीवन मिलेगा। उन्होने कहा भूमिहीनों को पटटा दिलाने, युवाओें, महिलाओं को समूहों के माध्यम से रोजगार को जोडने का कार्य सरकार के नेतृत्व मे किया जा रहा है जो सराहनीय है। सरकार गत तीन वर्षो से लगातार विकास कार्यो के साथ जनकल्याणकारी कार्य कर रही है जिससे जनता लाभान्वित हो रही है।


कार्यक्रम में जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल ने स्वास्थ्य, आवास,पोस्ट कार्ड गर्वेनेस, विद्यालयी शिक्षा, ग्राम्य विकास नैनीझील संवर्धन अभिनव पहल की डाटा प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारियां दी।


कार्यक्रम में विधायक दीवान सिह बिष्ट, नवीन दुम्का, संजीव आर्य, रामसिह कैडा, मेयर डा. जोगेन्द्र पाल सिह रौतेला,उत्तराखण्ड मण्डी अध्यक्ष गजराज बिष्ट, मण्डी अध्यक्ष मनोज साह, राज्यमंत्री प्रकाश हरर्बोला,डा. मजहर नईम नवाब, अजय राजौर, बहादुर सिह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र भण्डारी आदि उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से झारखंड मंत्रालय में साझा मंच, झारखंड के प्रतिनिधि मंडल ने शिष्टाचार मुलाकात की...

संवाददाता : रांची झारखंड


        मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से झारखंड मंत्रालय में साझा मंच, झारखंड के प्रतिनिधि मंडल ने शिष्टाचार मुलाकात की मंच ने अपनी मांगों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री को सप्रेम पुस्तक भेंट की मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में अफीफा अहमद , एम एन जुबैरी , आफरीन आजाद, इबरार अहमद , इलियास मजीद, मुख्तार अहमद और आई एच आलम शामिल थे। 



राज्यपाल ने गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की...

संवाददाता : शिमला हिमाचल


      राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सामाजिक कार्यों में सामाजिक परिवर्तन गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से संभव हो सकता है। उन्होंने सामाजिक कार्यों के लिए  गैर-सरकारी संगठनों की सराहना करते हुए कहा कि यह सब कार्य निष्ठा व लग्न से ही संभव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बैठक का उद्देश्य गैर सरकारी संगठनों की कठिनाइयों को जानना और उनसे प्रतिक्रिया लेना है ताकि सेवा क्षेत्र के काम को और बढ़ाया जा सके।

 

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इन सामाजिक कार्यों के माध्यम से आगे बढ़ने में बहुत मदद मिलती है और इन कार्यों के लिए धन की तुलना में समर्पण की अधिक आवश्यकता होती है, यह समाज के लिए बहुत योगदान दे सकते हैं। उन्होंने नशे के बढ़ते प्रचलन पर चिंता व्यक्त की और कहा कि नशे से न केवल मनुष्य बल्कि समाज पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसके लिए परिवेश में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता है और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, जो अवैध कारोबार में शामिल होते हैं।

 


 

उन्होंने राज्य में और अधिक पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नशे के खिलाफ अभियान में सभी के सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि नशे का सेवन आज राज्य में सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। इस अवसर पर उन्होंने सभी गैर सरकारी संगठनों से सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने में मदद करने का भी आग्रह किया।

 

इस मौके पर गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव दिए। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और अन्य लोगों का स्वागत किया तथा बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में राज्यपाल के दृष्टिकोण पर प्रस्तुतिकरण दिया और गैर-सरकारी संगठनों की भागीदारी से सामाजिक अभियान की राज्यव्यापी रणनीति तैयार करने के बारे में जानकारी दी ताकि विभिन्न सामाजिक मुद्दों का लक्षित तरीके से समाधान किया जा सके।

 

राज्यपाल के एडीसी मोहित चावला ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान को लिखा पत्र...

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


       मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिख कर इस वर्ष केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन की मात्रा 24 लाख टन से बढ़ाकर 31 लाख टन करने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने लिखा है कि राज्य शासन एवं भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एमओयू में राज्य में समस्त सरप्लस चावल भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपार्जन किए जाने का प्रावधान है।



बघेल ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में 18.20 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर कुल 82.80 लाख टन धान का उपार्जन किया गया है। प्रदेश में धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग चावल जमा करने का कार्य राज्य शासन एवं भारत सरकार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मध्य हुए एमओयू के अनुसार किया जाता है। राज्य में गत वर्ष किसानों का ऋण माफी किए जाने से खरीफ वर्ष 2019-20 में धान खरीदी हेतु पंजीकृत किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है, लगभग 4 लाख कालातीत किसानों का ऋण माफ होने के कारण उनमें से अधिकतर के द्वारा इस वर्ष धान खरीदी के लिए पंजीयन कराया गया है, जिससे धान खरीदी की मात्रा गतवर्ष 80.38 लाख टन से बढ़कर 82.80 लाख टन हो गई है।


मुख्यमंत्री ने लिखा है कि खाद्य एवं नागरिक सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार के पत्र क्रमांक 3(17)/2019-च्ल्ण्1 दिनांक 19 दिसम्बर 2019 में केएमएस 2019-20 में भारतीय खाद्य निगम में केन्द्रीय पूल अंतर्गत 24 लाख टन उसना चावल उपार्जन की अनुमति प्रदान की गई है। प्रदेश में केएमएस 2019-20 में कुल खरीदी 82.80 लाख टन धान से निर्मित होने वाले चावल 55.86 में से राज्य के द्वारा पीडीएस की आवश्यकता हेतु 25.40 टीएमटी चावल उपार्जन किया जावेगा। (सेंट्रल पुल 15.48 टीएमटी, स्टेट पूल 9.92 टीएमटी) एवं शेष 30.46 टीएमटी चावल सरप्लस होगा।


इसमें से भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम में 24 टीएमटी चावल उपार्जन की अनुमति दिए जाने से कुल उपार्जित धान में से 73 टीएमटी धान का ही निराकरण संभव हो सकेगा एवं लगभग 9.80 टीएमटी धान (अनुपातिक चावल 6.66 टीएमटी) अनिराकृत स्थिति में रहेगा, इससे राज्य शासन पर लगभग राशि रूपए 1500 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक व्ययभार आएगा।


बघेल ने लिखा है कि राज्य शासन एवं भारत सरकार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एमओयू की कंडिका 18 में समस्त सरप्लस चावल भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपार्जन किए जाने का प्रावधान है। कृपया उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए केएमएस 2019-20 में भारतीय खाद्य निगम में चावल उपार्जन की मात्रा 24 लाख टन से बढ़ाकर 31 लाख टन किए जाने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध है।


मुख्यमंत्री से मिलने आए न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने शिक्षा और स्वास्थ्य माँडल की जमकर सराहना की...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुके दिल्ली विकास माँडल का डंका अब विदेशों में भी बजने लगा है। इसकी झलक बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में दिखी। जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने आए न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स और उनके प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के विकास माँडल की जमकर सराहना की। वह खासकर शिक्षा और स्वास्थ क्षेत्र में हुए काम से बेहद प्रभावित थें। उन्होंने दिल्ली के शिक्षा माँडल पर बेहद गहरी रुचि भी दिखाई। खासकर दिल्ली के स्कूलों में चल रहे हैप्पीनेस क्लास से विंस्टन पीटर्स बेहद प्रभावित दिखें।

 

इसके अलावा उन्होंने दिल्ली सरकार के साथ उच्च शिक्षा, व्यापार और इंडस्ट्री में मिलकर काम करने की सहमति जताई। न्यूजीलैंड इज आँफ डूईंग बिजनेस में पूरी दुनिया में नंबर वन है। वह दिल्ली को इस क्षेत्र में बेहतर करने में सहयोग पर भी सहमत हुआ। ध्यान रहे कि इससे पहले अमेरिका की फस्ट लेडी मेलानिया ट्रंप भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चल रहे हैप्पीनेस क्लास की मुरीद हुई थीं। साथ ही दिल्ली के शिक्षा माँडल को देश के कई राज्य लागू भी कर रहे हैं। 

 


 

न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे न्यूजीलैंड की संसद सदस्य प्रियांका राधाकृष्णन, पूर्व संसद सदस्य महेश बिंद्रा, प्रधान सलाहकार ग्राहम मोशन, न्यूजीलैंड डिप्लोमेट माइकल एप्लीशन, चिफ प्रेस सेक्रेटरी एलेक्जेंडर मास्टर्स और विदेश मंत्रालय में उत्तर व उत्तर पूर्व डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर एंड्रयू नीड्स के साथ दिल्ली सचिवालय पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स व उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली सरकार के मंत्रियों की बैठक प्रारंभ हुई। जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन, डीडीसी वाइस चेयरमैन जस्मीन शाह व मुख्य सचिव मौजूद थें।

 

उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने सबसे पहले अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी। फिर दिल्ली के विकास माँडल की जमकर सराहना की। खासकर वह शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली में पिछले पांच साल में हुए काम को विस्तार से जाना। वह इस बात को जानने को बेहद उत्सुक दिखे कि पांच साल के अल्प काल में किसी सरकार ने कई क्षेत्रों में इतने बड़े स्तर पर किस तरह से बदलाव ला दिए। उन्हें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के क्षेत्र में आए क्रांतिकारी बदलाव के बारे में बताया।  मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा बजट को बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया है। साथ ही  दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को विदेश भेजा गया। उन्हें वहां से मिली बेहतर चीजों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लागू किया गया। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के स्कूलों में चल रहे हैप्पीनेस क्लास के बारे में विस्तार से बताया। जिसे लेकर उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स काफी उत्साहित थें। उन्होंने बैठक में कहा कि वह पहले स्कूल शिक्षक रह चुके हैं। इस कारण शिक्षा के क्षेत्र में हुए इस अनोखे प्रयोग से बेहद प्रभावित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रयोग न्यूजीलैंड के स्कूलों में कैसे लागू होगा, इसपर गंभीरता से विचार होगा। 

 

इसके बाद विंस्टन पीटर्स ने दिल्ली में सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। वह मोहल्ला क्लीनिक, पोली क्लीनिक और सरकारी अस्पताल में हुए बड़े बदलाव से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में हुए इस बदलाव के बारे में सुन रखे थें लेकिन विस्तार से जानकारी पाकर काफी खुश हैं। 

 

इसके बाद न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स और उनके साथ आई टीम के साथ इज आँफ डुइंग बिजनेस पर विस्तार से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व टीम के साथ बात हुई। विंस्टन पीटर्स ने इस क्षेत्र में न्यूजीलैंड के नंबर वन के कारणों को विस्तार से बताया । साथ ही इस क्षेत्र में दिल्ली सरकार को सहयोग करने पर सहमति जताई। जिससे दिल्ली इस क्षेत्र में और बेहतर कर सके। विंस्टन पीटर्स ने यह भी कहा कि अगर इज आफ डूईंग बिजनेस से करप्शन भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा उच्च शिक्षा, व्यापार और इंडस्ट्री में साथ मिलकर काम करने पर सहमति बनी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के उच्च शिक्षण संस्थानों के बेहतरी के लिए न्यूजीलैंड के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। इसके अलावा दिल्ली के सर्विस सेक्टर को मजबूत करने पर भी आम राय बनी। बैठक के दौरान भारत की राजनीति और आर्थिक क्षेत्र में दिल्ली के प्रभाव पर भी चर्चा हुई।

दिल्ली सरकार दंगा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आई, कई अहम फैसले लिए...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      दिल्ली में हुए दंगे की चपेट में आए लोगों को हर स्तर पर मदद देने के लिए दिल्ली सरकार ने कई अहम फैसले किए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दंगा प्रभावित सभी परिवारों को सरकार मदद देने का फैसला लिया है। दंगे में सभी घायलों के इलाज का फरिश्ते दिल्ली के योजना के तहत मुफ्त इलाज होगा। जो लोग प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, उनके इलाज का खर्च भी फरिश्ते योजना के तहत सरकार उठाएगी। सरकार ने दंगे में मारे गए लोगों के परिवार वालों के साथ घायलों को आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है। जिनके घर, दुकानें और वाहन जला दिए गए हैं, उन्हें भी सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजस्व और वित विभाग को तेजी से काम कर पीड़ितों को शीघ्र राहत पहुंचाने का निर्देश दिया है।

 


 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में दंगा पीड़ितों को यथा शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। इसके बाद दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के कुछ इलाकों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं, उसे लेकर हम सब चिंतित हैं और दिल्ली सरकार की तरफ से जो भी कदम उठाए जा सकते थे, वह उठाए गए। दंगे में सबका नुकसान हुआ है। हिन्दुओं का भी नुकसान हुआ है और मुसलमानों का भी नुकसान हुआ है। हमारे पुलिस के भी बहुत सारे कर्मचारी जख्मी हुए। एक पुलिस हेड कांस्टेबल रतन लाल जी की मौत हो गई और एक आईबी आफिसर की मौत हो गई। इस तरह की हिंसा से किसी का फायदा नहीं हुआ। कल से हिंसा की वारदातें कम हुई हैं। जिन इलाकों में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई थीं, वहां पर कल शाम को मैंने दौरा भी किया था। वहां कफ्र्यू लगा हुआ है। आज हमने कई बैठकें कर के दंगे से प्रभावित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए कई कदम उठाने का फैसला लिया गया है।

 

दंगे में सभी घायलों का इलाज का खर्च उठाएगी दिल्ली सरकार-  अरविंद केजरीवाल

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दंगे में घायल लोग सरकारी अस्पताल में आते हैं, तो उनका इलाज सरकार करा रही है, लेकिन जो लोग निजी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे है, उनका इलाज दिल्ली सरकार की फरिश्ते योजना के तहत किया जाएगा। यह स्कीम सड़क हादसों में घायल लोगों के लिए चलाई जा रही है। इसे दंगा पीड़ितों के लिए भी लागू कर दिया गया है। अब जो भी दंगा पीड़ित अपना प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराता हं, उसके इलाज का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। ऐसे पीड़ितों को इलाज का कोई खर्चा नहीं देना होगा। अभी जो लोग इलाज करा रहे हैं, उनको इसका फायदा मिलेगा।

 

कर्फ्यू वाले इलाकों में लोगों को खाना मुहैया करा रही सरकार- मुख्यमंत्री

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में पता चला है कि कुछ लोगों को परेशानी है। कर्फ्यू की वजह से वो लोग बाहर निकल नहीं पा रहे हैं। वहां पर दिल्ली सरकार ने खाना पहुंचाने का इंतजाम आज से शुरू कर दिया है। हम एनजीओ, आरडब्ल्यूए, स्थानीय विधायक, जन प्रतिनिधियों की मदद से खाना पहुंचा रहे हैं। इसके साथ, राहत और पुनर्वास के लिए 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं। सभी हेल्प डेस्क के लिए एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जो प्रभावित क्षेत्र हैं, वहां अभी 6 एसडीएम हैं। इसके अलावा वहां 12 और एसडीएम नियुक्त किए जा रहे हैं। इस तरह कुल 18 एसडीएम हो जाएंगे। ताकि गहन तरीके से राहत व पुनर्वास का कार्य किया जा सके। चार नाइट मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है। यदि किसी को रात को मदद की जरूरत पड़ेगी, तो वह मदद करेंगे।

 

दंगा पीड़ितों को सरकार देगी आर्थिक मदद - अरविंद केजरीवाल 

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दंगे में जिन लोगों की मौत हो गई है, उन सभी के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। जिसमें एक लाख रुपये शुरू में दे दिया जाएगा और 9 लाख रुपये डाक्युमेंट का सत्यापन होने के बाद दिया जाएगा। डेथ आॅफ माइनर में 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। दंगे में स्थाई दिव्यांगता पर 5 लाख, गंभीर चोट पर 2 लाख, मामूली चोट पर 20 हजार रुपये, अगर कोई अनाथ हो गया है, तो उसे 3 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। पशु हानि पर 5 हजार प्रति पशु, रिक्षा जलने पर 25 हजार, ई-रिक्शा पर 50 हजार, घर पूरी तरह से जल गया है, तो 5 लाख, अगर उसमें कोई किरायेदार है, तो उसे उस मुआवजे में से 1 लाख दिया जाएगा और 4 लाख मकान मालिक को मिलेगा। अगर घर का अधिकंाश हिस्सा क्षतिग्रस्त है, तो 2.5 लाख रुपये, दुकान जल गई है, तो 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा, जिन दुकानों का इंश्योरेंस नहीं है, उन्हें मिलेगा। जिन लोगों के घर पूरी तरह से जल गए और तत्काल राहत की जरूरत है, उन्हें 25 हजार रुपये तुरंत दिए जाएंगे, ताकि उनकी जिंदगी सुचारू रूप से चल सके।

 


 

लोगों को शीघ्र मदद देने के लिए सरकार जारी करेगी एप-  अरविंद केजरीवाल

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हेल्प डेस्क के अलावा सरकार एक एप भी विकसित कर रही है, जिसे तीन-चार दिनों में जारी कर दिया जाएगा। जिसके जरिए लोग अपने क्लेम दाखिल कर सकते हैं और उन्हें बुला कर सारी कागजी कार्रवाई कर ली जाएगी। कई लोगों के घर पूरी तरह से जल गए है और उनके आईडी कार्ड, आधार कार्ड, इनकम सर्टिफिकेट, प्रापर्टी के कागजात आदि जल गए हैं, तो उनके लिए राजस्व विभाग अलग-अलग से कैंम्प लगाएगा, ताकि उन्हें दुबारा कागज बनाने के लिए दिक्कत न हो। ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल काॅरपोरेशन को अपने क्षेत्र में दंगे की वजह से फैली गंदगी को सफाई करने के लिए कहा गया है। मोहल्ला स्तर पर हर जगह पीस कमेटी बनाई जा रही हैं। इसमें बहुत सारे लोगों की दुकानें जल गईं, हो सकता है कि उनके पास इंश्योरेंस हो। बहुत सारे लोगों के वाहन जल गए, उनके पास भी हो सकता है कि इंश्योरेंस हो। इसलिए वित विभाग को कहा गया है कि इंश्योरेंस कंपनी के साथ मिल कर कैम्प लगाएं, ताकि क्लेम को जल्द दिया जा सके। दिल्ली फाइनेंस काॅरपोरेशन को कहा गया है कि जिन लोगों के दुकानें व रोजगार खत्म हो गए, उन्हें आसान किस्तों पर लोन दिए जा सके।

 

दंगा प्रभावित छात्र दोबारा दे सकेंगे छूटी हुई परीक्षा -  अरविंद केजरीवाल 

 

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बच्चों की किताबें जल गई हैं। उनके स्कूलों को कहा जा रहा है कि उन बच्चों को किताबें और यूनिफार्म फ्री में दिए जाएंगे। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों को लाभ मिलेगा। जो बच्चे सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षा देने वाले थे और दंगे की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उन बच्चों की सूची बना कर बोर्ड को भेज दिया जाएगा। बोर्ड ने कहा है कि उन बच्चों की परीक्षा का दोबारा इंतजाम करेंगे।

 

दंगा पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से उठाए गए यह  कदम

 

- प्रभावित 2 जिलों में समन्वय बैठकें संबंधित डीसी के साथ अन्य विभागों व एजेंसियों जैसे एमसीडी, पुलिस, शिक्षा और एनजीओ के साथ प्रतिदिन सुबह आयोजित होंगी।

 

- शहादरा (नूर-ए-इलाही और कर्दमपुरी) और नॉर्थ-ईस्ट (ब्रह्मपुरी और मुस्तफाबाद) के लगभग 2000 लोगों को पका हुआ भोजन और लगभग 300 लीटर दूध दिया जा रहा है। लगभग 350 सिविल डिफेंस वालंटियर्स को सेवा में लगाया गया है।

 

- यह सेवा स्थानीय आरडब्ल्यूए, गैर सरकारी संगठनों, विधायकों, पार्षदों और अन्य जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर प्रभावित घरों तक पहुंचाई जा रही है। यह सेवा आकस्मिकता के आधार पर अन्य क्षेत्रों में विस्तारित की जाएगी।

 

- दो उपायुक्तों और 4 एसडीएम कार्यालयों में 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर स्थापित किया गया है। यह हेल्प लाइन नंबर और हेल्प डेस्क का उपयोग आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति के बीमार, घायल, मृत या किसी भी व्यक्ति के फायर फ्रीडरों और एम्बुलेंस की आवाजाही आदि के लिए किया जाएगा।

 

- एसडीएम को हेल्प डेस्क का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

 

 

हेल्पलाइन नंबर-

 

1077 - राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन का टोल फ्री नंबर

 

डीसी नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट - 011-22115289

 

एसडीएम (यमुना विहार) - 011-22574468

 

एसडीएम (सीलमपुर) - 011-22827367

 

एसडीएम (करावल नगर) - 011-22574469

 

डीसी शाहदरा - 011 - 22111077

 

एसडीएम शाहदरा - 011-22110029,

 

यह भी कदम उठाए गए-

 

- सभी सहायता, राहत और पुनर्वास गतिविधियों की देखरेख के लिए आज अतिरिक्त 12 एसडीएम (3 प्रति प्रभावित सब डिविजन) तैनात किए जा रहे हैं। संभागीय आयुक्त द्वारा आवश्यकता के आधार पर एसडीएम की संख्या को संशोधित किया जा सकता है। 2 एसडीएम भी रिजर्व में रहेंगे।

 

- 4 नाइट मजिस्ट्रेट (उपर्युक्त 12 एसडीएम के अलावा) राहत और पुनर्वास गतिविधियों के समन्वय और किसी भी आकस्मिक स्थिति में मदद देने के लिए आज से ही तैनात किए जाएंगे। वे रात के दौरान पुलिस अधिकारियों के साथ अपने संबंधित क्षेत्र में भी गश्त करेंगे।

 

-सब डिविजन प्रति दो एंबुलेंस आज से चैबीसों घंटे तैनात रहेंगी।

 

 

दंगा पीड़ितों को दी जाएगी आर्थिक मदद-

                                            

श्रेणी  राशि

 

मृतक को - 10 लाख, (1 लाख रुपये परिवार को शीघ्र दी जाएगी, 9 लाख रुपये डाॅक्युमेंट की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मिलेंगे)

 

डेथ आॅफ माइनर -  5 लाख रुपये

 

स्थाई अपंगता -      5 लाख

 

गंभीर चोट -  2 लाख

 

मामूली चोट - 20,000 रुपये

 

अनाथ -      3 लाख

 

पशु हानि -    5000

 

समान्य रिक्शा -     25,000

 

ई-रिक्शा -    50,000

 

आवासीय ईकाइयों का नुकसान

 

पूरा घर क्षतिग्रस्त होने पर -  5 लाख (1 लाख रुपये किराएदार है, तो उसे और शेष मकान मालिक को)

 

घर का अधिकांश हिस्सा क्षतिग्रस्त -  2.5 लाख, (50 हजार किराएदार और 2 लाख मकान मालिक को)

 

घर के मामूली क्षतिग्रस्त होने पर -   15,000

 

बिना इंश्योरेंस वाले व्यवसायिक ईकाइयों के क्षतिग्रस्त होने पर      अधिकतम 5 लाख रुपये