रविवार, 1 मार्च 2020

हरियाणा में इस वर्ष 1710 विद्यार्थियों ने प्रदेश के मैडिकल कॉलेजों में दाखिला लिया है...

संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा


      हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुए हमने मैडिकल कॉलेजों में प्रवेश की सीटे बढाई और इस वर्ष 1710 विद्यार्थियों ने प्रदेश के मैडिकल कॉलेजों में दाखिला लिया है जबकि वर्ष 2014 में जब भाजपा सरकार बनी उस समय मैडिकल में दाखिले के लिए हर वर्ष 750 सीटें थी। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मैडिकल में प्रवेश की सीटे 2500 प्रतिवर्ष तक ले जाना चाहते हैं।


मनोहर लाल गुरूग्राम जिला के गांव बुढेड़ा में स्थित एसजीटी युनिवर्सिटी के 7वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यतिथि बोल रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्जवलित करके इस समारोह का शुभारंभ किया। दीक्षांत समारोह में आज 172 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई जिनमें 137 को एमबीबीएस, 21 को एमडी अथवा एमएस तथा 7 को पीएचडी की डिग्रियां शामिल थी। इनके अलावा, दो व्यक्तियों को मानद पीएचडी की डिग्री दी गई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया।



अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में चिकित्सा शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। विश्व मानकों के अनुसार 1000 जनसंख्या पर एक चिकित्सक होना चाहिए। हरियाणा की कुल जनसंख्या लगभग 2.75 करोड़ है, इस लिहाज से यहां पर सरकारी अस्पतालों तथा निजी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों को मिलाकर 27500 चिकित्सक होने चाहिए। वर्तमान में लगभग 13 हजार चिकित्सक ही हैं। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार ने चाहे पुराने मैडिकल कॉलेजों में सीटे बढाई या नए कॉलेज खोले, जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष मैडिकल की 1710 सीटें हो गई हैं जबकि पहले वर्ष 2014 में हर वर्ष 750 सीटें ही होती थी। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मैडिकल में प्रवेश की सीटे 2500 प्रतिवर्ष तक ले जाना चाहते हैं।


गत दिवस पेश किए गए हरियाणा प्रदेश के बजट का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर वित्तमंत्री बजट बनाते समय सीएम अर्थात् मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं की चिंता करते हैं। श्री मनोहर लाल ने कहा, मैं मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रदेश का वित्तमंत्री भी हूं। इस बार मैंने वित्तमंत्री के तौर पर बजट पेश किया तो सीएम अर्थात् ‘कॉमन मैन’ की चिंता मुझे भी थी, उसकी चिंता हम सबको होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप सेवा करने के भाव से समाज में जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि बचपन में पढा करते थे ‘कम टू लर्न, गो टू सर्व‘  अर्थात् शिक्षार्थ आईए, सेवार्थ जाइए, इसे चरितार्थ करें।


समारोह में डॉक्टर सोनिया को एसजीटी विश्वविद्यालय की बैस्ट रिसर्चर साईंटिस्ट का अवार्ड दिया गया और मोहित को अरूण जेटली मैमोरियल अवार्ड से नवाजा गया है।


इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चांसलर पदमश्री राम बहादुर राय, चेयरपर्सन मधुप्रीत कौर चावला, मैनेजिंग ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला, सीईओ प्रोफेसर एसआर मुसान्ना, वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉक्टर गुरूप्रीत सिंह टुटेजा, प्रो-चांसलर प्रोफेसर डा. श्याम लाल सिंगला सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।