मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

दूसरे प्रदेशों में फंसे झारखंडवासियों और यहां फंसे अन्य राज्यों के मजदूरों को राहत देने की हुई समीक्षा...

संवाददाता : रांची झारखंड


      राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम, बचाव और बेहतर इलाज को लेकर सजग, सतर्क और कृतसंकल्पित है। इस सिलसिले में कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं. इसमें जो कमियां नजर आ रही है, उसे त्वरित  दूर किया जा रहा है. इसके साथ भविष्य में अगर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो इससे कैसे निपटा जाए, इसकी रणनीति भी बनाई जा रही है। सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए जो कदम उठाए हैं, उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।


मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री आवास में वित्त, वाणिज्यकर एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल के साथ कोरोना महामारी और लॉक डाउन के अनुपालन तथा राज्य में रहने वाले लोगों तथा दूसरे राज्यों में फंसे झारखंडवासियों को जरुरी और मूलभूत सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए सरकार द्वारा की जा रही पहल की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से निजात पाने लिए राज्यवासियों का सहयोग अपेक्षित है. सरकार ने इस बाबत जो व्यवस्था बनाई है, उसका लोग पालन करें. हम सभी के प्रयासों से कोरोना वायरस पर विजय हासिल करने में कामयाब होंगे। 



उच्चस्तरीय बैठक में इन मामलों की हुई समीक्षा


मुख्यमंत्री और मंत्रियो के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक में राशन की उपलब्धता औऱ वितरण, गरीबों, असहायों औऱ जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए खोले गए दाल-भात केंद्रों, मुख्यमंत्री दीदी किचन, सीएम कैंटीन और पुलिस थानों और पिकेटों में चल रहे भोजन वितरण केंद्र के अलावा दूसरे प्रदेशों में फंसे झारखंडवासियों को मूलभूत सुविधा एवं राहत देने को लेकर की जा रही कार्रवाइयों की समीक्षा की गई. इसके अलावा कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए क्वारेंटीन सेंटर और आइसोलेशन वार्ड की उपलब्धता, जरुरत और वहां उपलब्ध सुविधाओं पर भी विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। 


राशन कार्ड हो अथवा नहीं, सभी को दिया जा रहा अनाज


वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि जो भी जरुरतमंद या गरीब हैं. अगर उनके पास राशन कार्ड हो या नहीं, उन्हें सरकार द्वारा दो माह का अग्रिम राशन दिया जा रहा है. गरीबों औऱ असहायों को दाल-भात केंद्रों और मुख्यमंत्री दीदी किचन अथवा अन्य माध्यमों से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. दूसरे प्रदेशों में फंसे झारखंडवासियों तथा यहां फंसे अन्य राज्यों के लोगों को भोजन, दवा समेत अन्य जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. दाल-भात केंद्रों तथा मुख्यमंत्री दीदी किचन की संख्या बढ़ाने पर भी सरकार विचार कर रही है। 


जांच किट के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया पत्र


मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमितों की जांच में तेजी लाने के लिए सरकार गंभीर है. जांच किट उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के संदिग्ध और संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है. लोगों को इस महामारी से बचाव और उनकी सुरक्षा के लिए भी सभी जरुरी पहल की गई है. अगर संक्रमण बढ़ता है तो उसपर नियंत्रण करने के लिए भविष्य की रणनीति भी बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। 


किसानों और पशुपालकों को हो रही परेशानियों को लेकर सरकार गंभीर


कृषि मंत्री बादल ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से किसानों और पशुपालकों को हो रही परेशानी को लेकर सरकार गंभीर है. किसानों औऱ पशुपालकों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जो निर्देश जारी किए हैं, उसमें कहा गया है कि मुर्गे-मुर्गियों, मांस और मछली के खाने से कोरोना संक्रमित होने का खतरा नहीं है. ऐसे में इनकी बिक्री पर पाबंदी हटाई जा रही है. इस बाबत पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।