सोमवार, 6 अप्रैल 2020

कोविड-19 के विरुद्ध जंग में ड्यूटी करने वाले पुलिस मुलाजि़मों के सम्मान के लिए विशेष अवॉर्ड शुरू करने का फ़ैसला...

संवाददाता : चंडीगढ़ पंजाब 


      कोविड-19 के विरुद्ध जंग में अगली कतार में लड़ रहे पुलिस मुलाजि़मों का सम्मान करने और उत्साह बढ़ाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डी.जी.पी. को मौजूदा संकट में अपनी ड्यूटी से आगे बढक़र विलक्षण काम करने वाले पुलिस जवानों के लिए नया अवॉर्ड शुरू करने के लिए अधिकारित किया है।



डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि समाज के प्रति ‘मिसाली सेवा निभाने के लिए डी.जी.पी. के मान और सम्मान’ के लिए पहले दो मुलाजि़मों में मोगा के ए.एस.आई. (एल.आर.) बिकर सिंह और कांस्टेबल सुखजिन्दर पाल सिंह को चुना गया है। इन दोनों पुलिस जवानों ने दो दिन पहले धर्मकोट की एक गर्भवती महिला को देर रात बहुत से अस्पतालों द्वारा दाखि़ल करने से इन्कार कर देने के बाद बच्चे के जन्म लेने के मौके पर उसकी मदद की थी। इसके अलावा डी.जी.पी. ने अमृतसर के कोट खालसा के इंस्पेक्टर एस.एच.ओ. संजीव कुमार को तीसरे अवॉर्ड के लिए चुना जो सेवा की भावना से गरीब और भूखे लोगों को भोजन खिला रहा है।


डी.जी.पी. के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मौजूदा लॉकडाउन के दौरान राज्य में लोगों की सहायता के लिए पंजाब पुलिस द्वारा किये जा रहे मिसाली कामों के प्रकाश में यह अवॉर्ड शुरू करने का फ़ैसला किया गया है। पंजाब में आज कफ्र्यू 14वां दिन है।


लगभग 50,000 पुलिस जवान लोगों ख़ासकर गरीब, बेसहारों, बेरोजग़ारों और बेघरों की सहायता के लिए मैदान में उतरे हुए हैं और यहाँ तक वह अपनी जेब से भी खर्चा कर रहे हैं। इस कठिन समय में पुलिस मुलाजि़मों द्वारा साझे और व्यक्तिगत रूप में दिहाड़ीदारों और प्रवासी मज़दूरों, जिनके पास भोजन या रहने के लिए कोई पैसा भी नहीं है, के लिए भाईचारे को संगठित करने में नेतृत्व करने की भूमिका निभाई है।


कफ्र्यू के कारण जब लोग टीकाकरण, डिलीवरी जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी बाहर नहीं निकल सकते, उस समय पर सभी रैंकों के हज़ारों पुलिस मुलाजि़म, समाजसेवक और देखभाल करने वाले बने हुए हैं।


पुलिस के जवान ग़ैर-सरकारी संस्थाओं और धार्मिक संस्थाओं ख़ासकर गुरुद्वारा साहिबान के साथ नज़दीकी तालमेल कर रहे हैं जिससे इन सभी लोगों की सुरक्षा और देखभाल को यकीनी बनाया जा सके। अब तक राज्य के लोगों को लगभग 3.2 करोड़ भोजन की सप्लाई की जा चुकी है जो राज्य की कुल जनसंख्या से भी अधिक है।