गुरुवार, 7 मई 2020

मनरेगा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पटरी पर ,मुख्यमंत्री की पहल और निर्देश पर एक महीने में ही 1.23 करोड़ रोजगार सृजन...

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      कोविड-19 के चलते विपरीत परिस्थितियों में श्रमिकों के हाथों में राशि पहुंचने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ा है। इसने रोजगार की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीणों की क्रय-क्षमता भी बढ़ाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने वर्तमान कठिन परिस्थितियों में गांवों को राहत पहुंचाने व्यापक संख्या में मनरेगा कार्य शुरू करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर राज्य की मनरेगा इकाई और ग्राम पंचायतों ने मिशन मोड पर काम करते हुए अप्रैल माह में ही एक करोड़ 23 लाख मानव दिवस से अधिक का रोजगार सृजन किया है।


नए वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले दिन 1 अप्रैल को प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की संख्या केवल 57 हजार 536 थी। लॉक-डाउन के मौजूदा दौर में गांवों में काम की जरूरत को देखते हुए सरकार द्वारा जोर-शोर से मनरेगा कार्य शुरू कराए गए। मैदानी अमले और सरपंचों की सक्रियता से महीने के आखिर में 30 अप्रैल को यह संख्या 19 लाख 85 हजार 166 जा पहुंची।



इस दौरान मनरेगा जॉबकॉर्डधारी 10 लाख 24 हजार परिवारों को एक करोड़ 23 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया। मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण कर श्रमिकों को त्वरित भुगतान भी किया गया। अप्रैल माह में काम करने वालों को 200 करोड़ रूपए से अधिक का मजदूरी भुगतान किया गया है।


प्रदेश में अभी संचालित मनरेगा कार्यों में कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के सभी उपायों और केंद्र एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। मनरेगा टीम और पंचायतों के सहयोग से सभी कार्यस्थलों में सामाजिक एवं शारीरिक दूरी बरतते हुए मास्क या कपड़े से चेहरा ढंकने तथा साबुन से हाथ धुलाई के निर्देशों का गंभीरता से पालन करवाया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा कार्यस्थलों का सतत निरीक्षण कर इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है।