रविवार, 3 मई 2020

न प्रधानमंत्री और न गृहमंत्री सामने आए, न राष्ट्र को संबोधन किया,आया तो केवल एक आधिकारिक आदेश : कांग्रेस 

संवाददाता : नई दिल्ली


      गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर 17 मई, 2020 तक लॉकडाऊन 3.0 लागू कर दिया। न प्रधानमंत्री सामने आए, न राष्ट्र को संबोधन किया, न गृहमंत्री आए, यहां तक कि कोई अधिकारी भी नहीं आया। आया तो केवल एक आधिकारिक आदेश। 


देश को न कुछ बताया, न सुझाया, न रास्ता बताया, न समयसीमा बताई और न ही मुश्किलात का हल। न देशवासियों के मन की बात सुनी, न अपनी कही और न ही देश के मन में उठ रहे लाखों सवालों का जवाब दिया।



130 करोड़ भारतवासी जानना चाहते हैं:-



  1. लॉकडाऊन 3.0 के पीछे क्या लक्ष्य है, क्या उद्देश्य है, क्या रणनीति है व क्या रास्ता है ? 

  2. क्या लॉकडाऊन 3.0 आखिरी है और 17 मई,2020 को खत्म हो जाएगा? या फिर, लॉकडाऊन 1.0 के बाद लॉकडाऊन 2.0, फिर लॉकडाऊन 3.0 की तरह लॉकडाऊन 4.0 व लॉकडाऊन 5.0 भी आने वाला है? यह पूर्णतया खत्म कब होगा?

  3. 17 मई, 2020 तक कोरोना संक्रमण व आर्थिक संकट से उबरने की गोलपोस्ट क्या है? मोदी सरकार ने 17 मई, 2020 तक संक्रमण, रोजी रोटी की समस्या व आर्थिक संकट से निपटने के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं? उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 17 मई तक क्या सार्थक व निर्णायक कदम उठाए जाएंगे?

  4. लॉकडाऊन 3.0 से बाहर आकर (Exit Strategy) देश को सुचारू रूप से पटरी पर लाने की दिशा व रास्ता क्या है? देश के भविष्य को लेकर मोदी जी की सोच व नीति क्या है? किसान की फसल कटाई, MSP के भुगतान के साथ साथ खरीफ फसलों की बुआई व खाद-बीज-कीटनाशक दवाईयों की उपलब्धता का रोडमैप क्या है? 40 करोड़ से अधिक गांव-शहर के मजदूरों की रोजी रोटी व राशन की क्या व्यवस्था है?11 करोड़ नौकरी देने वाले 4.25 करोड़ MSME इकाईयों को राहत कैसे देंगे? मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा लोगों की बर्खास्त होती नौकरियों व काटी जा रही तनख्वाहों को रोकने का क्या रास्ता है? टूरिज़्म व होटल इंडस्ट्री, कपड़ा उद्योग, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री, ऑटोमोबाईल व IT इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट व एविएशन इंडस्ट्री के नुकसान की भरपाई कर पुनः चालू करने की क्या रणनीति है?

  5. 8-10 करोड़ मजदूरों की सुरक्षित व सुगम ‘घर वापसी’ की टाईमलाईन व तरीका क्या है? 


कांग्रेस के 7 सुझाव:-


सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने बार बार ‘फाईनेंशल एक्शन प्लान पार्ट 2’ की वकालत की है तथा अनेकों पत्र लिखे हैं। 



  1. लाखों मजदूरों की 15 दिन में घर वापसी के लिए निशुल्क यानि बगैर किराए सैनिटाईज़्ड ट्रेन का इंतजाम मोदी सरकार करे।

  2. देश के गरीबों-मजदूरों-किसानों के जन-धन खातों, पीएम किसान योजना खातों, एमजी नरेगा मजदूर खातों व बुजुर्ग-महिला-विकलांगों के खातों में सीधे 7500 रु. डाले जाएं व प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज, 1 किलो दाल तथा आधा किलो चीनी दी जाए।

  3. किसानों का एक एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदें व 24 घंटे के अंदर भुगतान हो।गन्ना किसान हो या अन्य किसान, सबके हजारों करोड़ के बकाए का 7 दिन में भुगतान हो। किसान का ब्याज माफ कर कर्ज वसूली एक साल के लिए स्थगित की जाए।

  4. 11 करोड़ नौकरी देने वाली 4.25 करोड़ सूक्ष्म, लघु व माध्यमिक इकाईयों (MSME) को फौरन 2 लाख करोड़ का तनख्वाह व क्रेडिट पैकेज दिया जाए। 

  5. मध्यम वर्गीय व नौकरीपेशा लोगों का ‘तनख्वाह व नौकरी प्रोटेक्शन पैकेज’ सुनिश्चित हो तथा बर्खास्त होती करोड़ों नौकरियों व मनमाने तरीके से काटी जा रही तनख्वाहों पर अंकुश लगे। 

  6. कोरोना की टेस्टिंग को कई गुना बढ़ाया जाए।डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों को पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्विपमेंट (पीपीई) मुहैया करवाएं व विशेष आर्थिक मदद दें। यही सुविधा पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों व जरूरी सेवाओं में लगे कर्मियों को भी मिले।

  7. केंद्र सरकार अपनी फिजूलखर्ची पर फौरन अंकुश लगाए। प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी बगैर विलंब के 20,000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट, 1,10,000 करोड़ के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, 8,458 करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए खरीदे जा रहे जहाज व भारत सरकार के बेफिजूल खर्चों पर 30 प्रतिशत की कटौती करे। इस प्रकार से बचाए पैसे से प्रांतों को कोरोना से जंग लड़ने के लिए 1,00,000 करोड़ का पैकेज दे व उद्योगों को सेक्टर-स्पेसिफिक पैकेज दिया जाए।


कोरोना से जंग मिलकर लड़ी जाएगी, न कि भाजपा सरकार के एकछत्र रवैये से ।