गुरुवार, 28 मई 2020

सर्तकता और सावधानी के साथ प्रदेश में अब सप्ताह में 6 दिन खुलेंगी दुकानें : भूपेश बघेल

संवाददाता : रायपुर छत्‍तीसगढ़


      मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में प्रदेश में कोविड-19 के नियंत्रण और लॉक-डाउन के बाद ठप्प पड़ी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने बुधवार उच्च स्तरीय बैठक में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सभी मंत्रीगण और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने और समाज के सभी वर्गों को राहत देने के उपायों पर चर्चा की गई।



लोगों की दिक्कतों का देखते हुए अब वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति तहसीलदार देंगे। अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया जा रहा है। रेड जोन और कंटेंनमेंट एरिया में कोई छूट नहीं मिलेगी। भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार माल, सिनेमा घर, राजनैतिक सभाएं, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध पूर्व की तरह ही जारी रहेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण और लॉक-डाउन की परिस्थितियों में जन-जीवन को राहत पहुंचाने छत्तीसगढ़ में अच्छा काम हुआ है। सभी विभागों ने बेहतर समन्वय के साथ काम करते हुए जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाई है। शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के साथ गांव-गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए शासन-प्रशासन ने मुस्तैदी से काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच, इलाज और रोकथाम के लिए जितनी भी राशि की जरूरत होगी, स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जाएगी।


बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक दो लाख 12 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया है। अब तक 53 श्रमिक स्पेशल ट्रेन आ चुकी हैं और 68 प्रस्तावित हैं। जिला कलेक्टरों को राज्य आपदा निधि से 18 करोड़ 20 लाख रूपए और मुसीबत में फंसे मजदूरों की सहायता के लिए करीब चार करोड़ रूपए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के बैंक खातों में 66 लाख 73 हजार रूपए का भुगतान भी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को भी राज्य आपदा निधि से 75 करोड़ रूपए दिए गए हैं।


बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया,  समाज कल्याण विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।