शनिवार, 11 जुलाई 2020

10,000 किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्धन के लिए नए परिचालन दिशा-निर्देश जारी...

संवाददाता : नई दिल्ली


      केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए की गई नवीनतम पहलों पर चर्चा करने के लिए 10 जुलाई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के साथ बैठक की।


बैठक में कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला एवं कैलाश चौधरी, लगभग सभी राज्यों के कृषि मंत्री एवं कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने 10,000 किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्धन के लिए नए प्रचालनात्मक दिशा-निर्देशों की बुकलेट जारी की। राज्यों के साथ विचार-विमर्श के दौरान कार्यान्वयन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।  



माननीय मंत्री ने आगे जोर दिया कि सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड संतृप्तता अभि‍यान चलाया गया था और वर्ष के अंत तक ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत 2.5 करोड़ केसीसी जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। पीएम-किसान योजना तथा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 14.5 करोड़ प्रचालनात्मक फार्म होल्डिंग्‍स में से अब तक लगभग 10.5 करोड़ के आंकड़े पीएम-किसान के अंतर्गत संग्रह कर लिए गए हैं। वर्तमान में लगभग 6.67 करोड़ सक्रिय केसीसी खाते हैं। फरवरी, 2020 में केसीसी संतृप्तता  अभियान के शुरू होने के बाद नए केसीसी खातों के लिए लगभग 95 लाख आवेदन प्राप्‍त हुए जिनमें से 75 लाख आवेदनों को स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है।


इसके अलावा, माननीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023-24 तक कुल 10,000 एफपीओ का गठन किया जाना है तथा 5 वर्षों के लिए प्रत्‍येक एफपीओ को सहायता जारी रखनी है।प्रस्‍तावित स्कीम की लागत 6,866.00 करोड़ रुपये है। उन्‍होंने राज्‍यों को आश्‍वस्‍त किया कि राज्‍यों को आवश्‍यक मदद/सहायता दी जाएगी ताकि कृषि अवसंरचना के विकास को तेज गति दी जा सके तथा एफपीओ को बढ़ावा दिया जा सके एवं केसीसी के माध्‍यम से किसानों को दी गई ऋण सुविधाओं में वृद्धि की जा सके।


कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग द्वारा कृषि अवसंरचना निधि, केसीसी संतृप्तता अभियान तथा नई एफपीओ नीति पर प्रस्‍तुति दी गई ।


बैठक में कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि देशभर में 90 हजार से ज्यादा सहकारी समितियां हैं, जिनमें से 60 हजार के पास जमीन भी है और वे सक्षम भी हैं। इनके जरिए एफपीओ का गठन करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए।  


10,000 किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्धन के लिए जारी नए परिचालन दिशा-निर्देशों को हिंदी में जानने के लिए यहां लिंक को क्लिक करें