गुरुवार, 17 सितंबर 2020

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगभग 133 करोड़ रुपए की 40 योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन/ शिलान्यास किया...

संवाददाता : रांची झारखंड


      राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और  विकास योजनाओं को धरातल में उतारा जा रहा है. इसी सिलसिले में दुमका में पिछले दो दिनों के दौरान विभिन्न पंचायतों में आय़ोजित जनता आपके द्वार कार्यक्रम में 133 करोड़ 58 लाख 49 हजार 150  रुपए की लागत से कई योजनाओं का  उद्घाटन एवं शिलान्यास के अतिरिक्त परिसंपत्तियों का वितरण किया गया.  मुख्यमंत्री ने इंडोर स्टेडियम में विभिन्न योजनाओं  का उद्घाटन एवं शिलान्यास और लाभुकों के बीच परिसंपत्ति वितरण समारोह में यह बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास योजनाओं को गति देने का सिलसिला तेजी से जारी रहेगा.


कोरोना और लॉकडाउन ने व्यवस्थाएं ध्वस्त कर दी


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना और लॉक डाउन ने भारत समेत कई देशों की व्यवस्थाएं ध्वस्त कर दी. अर्थव्यवस्था पर इसका व्यापक असर पड़ा. कई फैक्ट्रियां, कंपनियां और प्रतिष्ठान बंद हो गए. लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए. नई नौकरी नहीं मिल रही है. झारखंड प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है, लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ इस चुनौती से निपटने की दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है. नए सिरे से झारखंड के निर्माण की दिशा में काम शुरू हो चुका है. इसका परिणाम आपको बहुत जल्द देखने को मिलेगा.



गरीबी और बेरोजगारी से निपटने के लिए कई योजनाएं शुरू


मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है. यहां मजदूरों समेत ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं. लेकिन, कोरोना के कारण इनके कमाने-खाने पर भी संकट आ गया. ऐसे में राज्य सरकार ने इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने  के लिए मनरेगा के तहत तीन नई योजनाएं शुरू की है. ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए जा रहे हैं  . शहरों में भी श्रमिकों को रोजगार देने की योजना शुरू की जा रही है. इसके अलावा कोरोना पीरएड में भूख से एक भी मौत नहीं हो, इसके लिए पंचायत स्तर पर दाल-भात केंद्रों और थानों में सामुदायिक किचन के माध्यम से लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया. सरकार ने हाईवे पर भी राहगीरों के लिए भोजन की व्यवस्था की.


प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित वापस लाया गया


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट शुरू होने के साथ विभिन्न राज्यों में  झारखंड के  मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया गया. उन्हें बेबस छोड़ दिया गया. ऐसे में हमारी सरकार ने इस प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों और हवाई जहाज  से वापस लाने का काम किया. इन्हें रोजगार भी उपब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य था, जिसने देश के दुरस्थ और जटिल इलाकों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित वापस लाकर देश के सामने मिसाल पेश की.


खाली पदों को भरने की तैयारी


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में हजारों रिक्तियां हैं. उसकी अधिकारियों के साथ समीक्षा की है. इन पदों को भरने की दिशा में प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस बाबत झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आय़ोग के कार्यों की भी समीक्षा की जा रही है, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया को ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से संचालित किया जा सके.


40 योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन –शिलान्यास


इंडोर स्टेडियम में आय़ोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 96 करोड़, 97 लाख, 72 हजार 900 रुपए की लागत से 40 योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इसमें लगभग 80 करोड़ की 32 योजनाओं का उद्घाटन एवं लगभग 16 करोड़ की 8 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है. इस मौके पर दुमका शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एक करोड़ रुपए दिए गए. कार्यक्रम में 13 लोगों को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. वहीं रोड मरम्मति के लिए 6.50 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री ने प्रदान किए. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजन ,अंबेडकर आवास योजना, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना, निःशक्तों को श्रवण यंत्र, जाहेरथान की घेराबंदी, कौशल विकास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, जोहार परियोजना समेत कई और योजनाओं के लाभुको को सांकेतिक रुप से स्वीकृति पत्र व लाभ प्रदान किया


इस कार्यक्रम में विधायक स्टीफन मरांडी,  बसंत सोरेन, डीआईजी, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत जिला प्रशासन के कई पदाधिकारी उपस्थित थे.