शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

कबूतरबाजी और धोखाधड़ी से विदेश में भेजने वाले लोगों के खिलाफ 370 एफआईआर दर्ज की गई : गृहमंत्री

संवाददाता : चंडीगढ़ हरियाणा

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि कबूतरबाजी और धोखाधड़ी से विदेश में भेजने वाले लोगों के खिलाफ 370 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके तहत आरोपियों की धरपकड़ करते हुए पुलिस ने 351 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा उनके कब्जे से 1.04 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की है।

विज ने कहा कि हरियाणा की धरती से कबूतरबाजी जैसे गोरखधंधे को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए राज्य स्तर पर ‘विशेष जांच दल’ (एसआईटी) का गठन किया गया है, जो ऐसे मामलों को निगरानी एवं जांच करेगी। इस दल में एक पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में 6 एसपी स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह टीम प्रदेश के युवाओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले तथा उनसे लाखों रुपये ऐंठकर गैरकानूनी तरीके से विदेशों में भेजने वाले कबूतरबाजों की जांच कर रही है। राज्य में सक्रिय रहे ऐसे अनेक कबूतरबाज साधारण युवाओं को विश्व के अनेक देशों में नाजायज तौर पर भेजने का काम रहे थे। इनमें अमेरिका, मलेशिया, मैक्सिको, दुबई इत्यादि देश शामिल हैं। उन देशों की सरकारों  द्वारा वापिस भारत भेजे गए लोगों में हरियाणा के कुल 421 नागरिक शामिल हैं।

गृहमंत्री ने बताया कि इस संबंध में टीम को सख्त एवं त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं । इसके फलस्वरूप पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी की है। इसके तहत विशेष अनुसंधान टीम को पिछले चार महिनों के दौरान 646 शिकायतें प्राप्त हुई हैं , जिनमें से 370 शिकायतों पर मुकदमे दर्ज किऐ गए हैं और 276 शिकायतें जांच के लिए सम्बन्धित जिलों में भेजी जा चुकी हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि इस टीम ने वर्ष 2018 व 2019 में दर्ज किए 51 मुकदमों और वर्ष 2020 के 370 मुकादमों की जांच करके कुल 351 आरोपियों को गिरफ्तार करने की बड़ी सफलता प्राप्त की है। इससे पहले वर्ष 2008 से 2019 तक के कालखंड में प्रवासी अधिनियम के तहत 163 मामले दर्ज किए गए थे परन्तु वर्ष 2020 में एसआईटी द्वारा दर्ज किए गए मामले लगभग 127 प्रतिशत अधिक हैं । इसी प्रकार पिछले 12 वर्षों में 24 इमीग्रेशन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कुल अभियुक्तों से जांच टीम द्वारा 94 प्रतिशत अधिक आरोपियों को पकड़ा है।

विज ने बताया कि करनाल जिले में सबसे अधिक 175 एफआईआर हुई हैं। इसी प्रकार कुरूक्षेत्र में 80, कैथल में 51, अम्बाला में 44 तथा भिवानी, दादरी, सिरसा, नारनौल तथा भिवानी में सबसे कम एफआईआर दर्ज किए गए हैं । इनके अलावा अन्य जिलों में इस प्रकार के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।