मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

दिव्‍यांगजनों के खिलाफ भेदभाव की प्रवृत्तियों को खत्‍म करना उन्‍हें सशक्‍त बनाने की दिशा में पहला कदम होना चाहिए: उपराष्‍ट्रपति

संवाददाता : नई दिल्ली 



             उपराष्ट्रपति,एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि दिव्‍यांगजनों के सशक्तीकरण का काम उनके प्रति भेदभावपूर्ण प्रवृत्तियों को पूरी तरह खत्‍म करके शुरु किया जाना चाहिए।  वे आज नई दिल्ली में निशक्‍तजनों द्वारा "पहियों पर चमत्‍कार " के नाम से प्रस्‍तुत एक सांस्‍कृतिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन पुष्प विहार अय्यप्पा सेवा समिति द्वारा किया गया था।


उन्‍होंने इस अवसर अयप्‍पा सेवा समिति की सामुदायिक कल्‍याण और सामाजिक सेवा से जुड़ी गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि सामुदायिक कल्‍याण की भावना भारत के दार्शनिक चिंतन सर्वजनासुखिनोभवंतु का मूल आधार है।


उन्‍होंने कहा कि दूसरों के प्रति संवेदनशीलता और मिलबांटकर जीना भारत की सांस्‍कृतक परंपरा का आधार रहा है।  केन्‍द्र और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा निशक्‍तजनों के लोगों के कल्याण के लिए की गई कई पहलों के बारे में बोलते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगजनों की मदद करना और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सशक्त बनाना सरकार और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।


नायडू ने जोर देकर कहा कि दिव्‍यांगजनों को  सहानुभूति, प्रोत्साहन, सुविधा और सशक्तीकरण की जरुरत है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रवृत्तियों को समाप्त करना उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में पहला कदम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समाज के रूप में हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि शारीरिक अक्षमता को किसी तरह का सामाजिक अभिशाप न समझा जाए। हमें यह भी समझने की जरूरत है कि निशक्‍तजनों के रूप में हमारें पास एक मूल्‍यवान मानव संसाधन है।           


उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों का खजाना है जिस पर हम सभी गर्व कर सकते हैं। उन्होंने सभी लोगों से भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और उसे प्रोत्‍साहित करने तथा देश की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा के मूल में निहित शांति, करुणा और समग्रता के संदेश को बढ़ावा देने की अपील की।उपराष्‍ट्रपति ने उम्‍मीद जताई कि अयप्‍पा सेवा समिति जैसे संगठन इस तरह के आयोजनों के माध्‍यम से मानव जीवन की गुणवत्‍ता में सुधार लाने का काम करते रहेंगे जो हर व्‍यक्‍त‍ि में निहित दिव्‍य आलोग को अभिव्‍यक्‍त करता है।


आयोजन के अवसर पर पुष्पविहार अयप्पा सेवासमिति के  सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के राममूर्ति, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति  राजीव शखधर, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव  श्री विजय कुमार देव, पुष्पविहार अयप्पा सेवासमिति के  वरिष्ठ अधिवक्ता और समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री मोहन परासरन और अन्‍य लोग भी उपस्थित थे।