मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा थाइलैंड की यात्रा (17 से 19 अप्रैल, 2019) पर...

संवाददाता : नई दिल्ली 



                     नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी, 17 से 19 अप्रैल 2019 तक थाईलैंड की द्विपक्षीय यात्रा पर जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और थाईलैंड के बीच समुद्री द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करना और आगे बढ़ाना तथा रक्षा सहयोग की नई संभावनाएं तलाशना है।


इस यात्रा के दौरान एडमिरल सुनील लांबा जनरल पोंपिपत बेन्याश्री, चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज, रॉयल थाई आर्म्ड फोर्सेज, एडमिरल लुचाई रूडिट, कमांडर इन चीफ रॉयल थाई नेवी और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।महत्वपूर्ण मामलों पर द्विपक्षीय विचार-विमर्श करने के अलावा, एडमिरल बैंकॉक में रॉयल थाई नेवी और रॉयल थाई आर्म्ड फोर्सेज के मुख्यालय और फुकेट में थर्ड नेवल एरिया कमांड भी जायेंगे।


भारत और थाइलैंड के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना 1947 में हुई थी। बीतते समय के साथ भारत और थाइलैंड के बीच रक्षा संबंध भी प्रगाढ़ होते गए। दोनों देशों ने जनवरी 2012 में रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में वार्षिक उच्च स्तरीय रक्षा संवाद के माध्यम से प्रगति हो रही है जिसके 7वें संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में मार्च, 2019 में हुआ।


भारतीय नौसेना कई मोर्चों पर रॉयल थाई नेवी के साथ सहयोग करती है, जिसमें प्रचालन संबंधी संपर्क, प्रशिक्षण का आदान-प्रदान और हाइड्रग्रैफिक सहयोग शामिल है। दोनों नौसेनाओं के बीच इन गतिविधियों का समन्वय नेवी-टू-नेवी स्टाफ वार्ता के माध्यम से किया जा रहा है, जिसके 11 संस्करण का आयोजन बैंकॉक में मार्च, 2019 में हुआ था। 


रॉयल थाई नेवी भी हिंद महासागर नौसेनिक संगोष्ठी (आईओएनएस) की सदस्य है और तीन आईओएनएस कार्य समूहों यथा 'मानवीय सहायता और आपदा (एचएडीआर)', 'समुद्री सुरक्षा' और 'सूचना साझा करना और पारस्परिकता' सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।