रविवार, 28 अप्रैल 2019

श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट करने वाले इन दो इब्राहिम भाइयों की कहानी...

संवाददाता : नई दिल्ली 


               21 अप्रैल को श्रीलंका में जोरदार 8 सीरियल बम ब्लास्ट हुए जिसमें 350 से ज्यादा लोग मारे गए। इन बम धमाकों ने अचानक से आकर काफी लम्बे समय से शांत श्रीलंका की शांति छीन ली। आखिर इस हमले के पीछे किन लोगोें का हाथ था। न्यूज एजेंसी रॉयटर के मुताबिक इन आत्मघाती हमलों के पीछे ऐसे दो भाइयों का हाथ था जो कि महावेला गार्डन्स में 'वाइट हाउस' में रहते थे। तीन चर्चों और चार होटलों पर हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) मिलिटेंट ग्रुप ने ली है।



33 वर्षीय इंसाफ इब्राहिम एक कॉपर फैक्ट्री का मालिक था। उसके परिवार के सूत्रों से न्यूज एजेंसी ने यह पता लगाया कि उसने सांगरीला होटल में विस्फोटक के साथ खुद को उड़ा लिया था, जब पुलिस उसके घर रेड डालने पहुंची, तो उसके छोटे भाई इल्हाम इब्राहिम ने भी खुद को बम से उड़ा लिया और इस ब्लास्ट में पत्नी के अलावा उसके तीन मासूम बच्चे भी मारे गए।


पड़ोसी ने बताया कि वे भले लोगों की तरह दिखने वाले लोग थे। श्रीलंका की स्थानीय मीडिया में भी इन दोनों भाइयों की काफी चर्चा है। ये दोनों भाई मोहम्मद इब्राहिम के बेटे थे जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लोग उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे। वह अपने इलाके में इस बात के लिए जाने जाते थे कि वह गरीबों को खाना खिलाने के साथ साथ पैसे देकर उनकी मदद भी करते थे।


इल्हाम इब्राहिम की तुलना में बड़ा करोबारी भाई इंसाफ आधुनिक और खुले विचारों का था, वह अपने स्टाफ का बहुत ख्याल रखता था। उन्हें डोनेशन देता था, वह भी अपने पिताजी की तरह गरीब लोगों की मदद करता था। उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी।
इंसाफ की फैक्ट्री में काम करने वाले बांग्लादेशी वर्कर का कहना है कि- 'वह दयालु थे, वह दूसरे बॉस की तरह नहीं थे, उनके लिए काम करके मैं खुश था, वह चले गए अब मैं क्या करूंगा'।


इस बीच श्रीलंका के सुरक्षा सचिव एच.फर्नांडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पुलिस प्रमुख पी. जयसुंदरा और सुरक्षा सचिव एच.फर्नांडो से इस्तीफा देने को कहा था।


 



श्रीलंका के सुरक्षा सचिव एच.फर्नांडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने पुलिस प्रमुख पी. जयसुंदरा और सुरक्षा सचिव एच.फर्नांडो से इस्तीफा देने को कहा था।