शनिवार, 25 मई 2019

नरेंद्र मोदी 29 मई को ले सकते हैं शपथ...

सुरेश चौरसिया : नई दिल्ली



       भारत में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव संपन्न हो गए। इस चुनाव में 'मोदी सुनामी' के आगे किसी की नहीं चली।भाजपा संसदीय बोर्ड ने गुरुवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर एक प्रस्ताव पारित किया और लोगों को पार्टी के एजेंडे का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शनिवार (25 मई) को भाजपा के सभी नवनिर्वाचित सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और उनके नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति के समक्ष दावा पेश करेंगे। सूत्र ने बताया कि नई सरकार 29 मई को शपथ ले सकती है।

 

पार्टी ने अपने प्रस्ताव में जीत की वजह मोदी द्वारा गरीब लोगों के विकास के लिए बनाई गई नीतियों, राष्ट्रीय सुरक्षा में क्लियर स्टैंड, अपना मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास' बातया। साथ ही संसदीय बोर्ड ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर लोगों को बीच असमंजस की स्थिति पैदा करने की कोशिश करने और ईवीएम पर सवाल उठाने का आरोप लगाते हुए हमला किया। भाजपा ने कहा कि विपक्ष के नकारात्मक एजेंडे को जनता ने नकार दिया। साथ ही हिंसा पश्चिम बंगाल की जनता को भी साथ देने के लिए धन्यावाद दिया।

 

इस चुनाव में एनडीए जहां 350 सीट पर जीतने के करीब पहुंच गई है। वहीं, यूपीए 86 और अन्य के खाते में 106 सीटें जाती दिख रही है। यदि सिर्फ दो बड़ी पार्टियों की बात करें तो पिछले चुनाव का रिकॉर्ड तोड़ते हुए भाजपा 303 सीटें जीतने के करीब है। वहीं, कांग्रेस 52 पर सिमट चुकी है। इस प्रचंड बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश में भाई-बहन (राहुल गांधी-प्रियंका गांधी) की जोड़ी अपने पारंपरिक सीट अमेठी को भी नहीं बचा पायी। वहीं, बिहार में पहली बार ऐसा हुआ कि लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के एक भी प्रत्याशी संसद नहीं पहुंच पाए। करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा राज्यों में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त करते हुए भाजपा ने कुल 42 सीटों में से 18 जीती। वहीं, तृणमूल 22 पर अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब हो सकी। कांग्रेस को 2 सीट से ही संतोष करना पड़ा। दिल्ली से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक हर जगह भगवा पार्टी ने अपना झंडा फहराया।