शनिवार, 29 जून 2019

दिल्ली में अपशिष्ट मानकों के नियमो का उल्लंघन करने वाले 12 अस्पताल बन्द होंगे..

प्रदीप महाजन : नई दिल्ली


          दिल्ली केअस्पतालों में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने छापे मारकर जांच की तो कई अस्पतालों में बॉयोमेडिकल अपशिष्ट मानकों का अस्पताल के संचालन उल्लंघन कर रहे थे जिसपर बड़ी कार्यवाही करते हुए प्रदूषण समिति ने 12 अस्पतालों को बंद करने का आदेश जारी किया।



 गौरतलब है कि अस्पतालों से हर कई टन कूड़ा-कचरा निकलता है।ये कचरा अधिक नुकसान दायक होता है। अस्पतालों से निकलने वाला ये कचरा अस्पताल के मरीजो से सम्बंधित होता है,औसतन अस्पताल में भर्ती हर रोगी से प्रतिदिन डेढ़ किलोग्राम कचरा निकलता है। अस्पताल से निकलने वाले कुल कचरे में से 47 प्रतिशत जीव-चिकित्सा सम्बन्धी होता है। यह खतरनाक होता है क्योंकि इसमें रोग फैलाने वाले कीटाणु होते हैं।


मनुष्यों और पशुओं के अवशेष, खून और मानव शरीर के द्रव से तर-बतर अन्य सामग्री, रद्दी चिकित्सा उपकरण, दूषित रुई, प्लास्टर, ड्रेसिंग एवं शल्य-चिकित्सा और शव परीक्षा का कचरा स्वास्थ्य के लिए गम्भीर खतरा हो सकता है क्योंकि ये वस्तुएँ जीवाणु, वायरस और अन्य सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण पेश करती हैं। रोगों को जन्म देने वाले एसचेरीचिया, सेलमोनीला, विबरियो हेपेटाइटिस के कीटाणु तब तक सक्रिय रहते हैं जब तक उन्हें जलाकर नष्ट नहीं कर दिया जाता।


इन रोगों के कीटाणु विभिन्न एजेंटों के जरिए दूर-दूर तक ले जाए जा सकते हैं। शल्य चिकित्सा और शव परीक्षा का कचरा, अगर वह अनुपचारित है तो बहुत संक्रामक होता है।इन कचरे की वजह से जो स्वास्थ्य व्यक्ति होता है वह भी इस बीमारी की चपेट में आ जाता है, इससे एड्स,कैंसर आदि जैसी घातक बीमारियां भी जन्म ले सकती है।इसलिए बॉयोमेडिकल कचरे के लिए कई कड़े नियम और मानक तय किये गए हैं, लेकिन अस्पताल संचालक इन नियमो का उल्लंघन करने से बाज़ नही आते।