संवाददाता: विकासनगर उत्तराखंड
जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी.एम.वी.एन. के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2018-19 के लिए अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति मामले में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय स्तर से हुई भारी लापरवाही के चलते जनपद देहरादून के छात्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ा तथा अन्य जनपदों को भी इस लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि निदेशालय द्वारा जनपद देहरादून के 3826 छात्रों के सापेक्ष मात्र 877 छात्रों का सत्यापन किया गया तथा वहीं दूसरी ओर जनपद हरिद्वार में 15542 छात्रों को सापेक्ष 9463 छात्रों का सत्यापन हुआ।
इस प्रकार हरिद्वार में बहुत तेजी के साथ सत्यापन कार्य किया गया, लेकिन देहरादून के छात्रों के मामले में विभाग सोया रहा, जिसका नतीजा ये रहा कि मात्र 23 फीसदी छात्रों का ही सत्यापन हो पाया जबकि हरिद्वार जनपद के 61 फीसदी का सत्यापन हुआ, जबकि लगभग शत-प्रतिशत् लक्ष्य प्राप्त किया जाना चाहिए था। भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मन्त्रालय द्वारा प्रदेश को भरपूर राशि दी जा रही है, लेकिन अधिकारी छात्रों का शोषण करने में लगे हैं। नेगी ने कहा कि विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि इस मामले में विभाग का कहना है कि कतिपय संस्थानों एवं छात्रों के मोबाईल नम्बर बन्द होने के कारण सत्यापन नहीं हुआ, ऐसे में सवाल उठता है कि जनपद हरिद्वार के संस्थानों एवं छात्रों के मोबाईल नम्बर क्या खुले थे।
मोर्चा इस अनियमितता व विभागीय लापरवाही को लेकर शीघ्र शासन में दस्तक देगा तथा अधिकारियों की घेराबन्दी करेगा। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजयराम शर्मा, विनोद गोस्वामी, जयन्त चौहान, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।