शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

अनुपस्थित शिक्षकों पर कठोर कार्यवाही करें : मुख्य सचिव

संवाददाता: भोपाल मध्यप्रदेश


      मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती ने शालाओं में शिक्षकों की उपस्थिति का विशेष ध्यान रखने को कहा है। उन्होंने शालाओं से अनुपस्थित रहने या अपने दायित्व के प्रति लापरवाह शिक्षकों पर कठोर कार्यवाही और शालाओं में चल रहे विशेष कॉपी चेकिंग अभियान का भी कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।



मुख्य सचिव ने कहा कि, प्रत्येक शाला में पाँच से दस प्रतिशत विद्यार्थियों की कॉपियाँ प्रधानाध्यापक द्वारा चेक करने की व्यवस्था को शत-प्रतिशत लागू किया जाए। निर्देशों का पालन न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करें। मोहन्ती ने कहा कि जिले की जिन शालाओं का दक्षता स्तर 90 प्रतिशत से अधिक है, उनकी उपलब्धियों का जिला स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश समग्र शिक्षा अभियान की कार्यकारिणी समिति की बैठक में बोल रहे थे।


मोहन्ती ने संकुल स्तर पर पंजीकृत समितियाँ गठित करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि शालाओं के अधोसंरचना सुधार और शालाओं को बेहतर करने के लिए अनेक व्यक्ति दान देने के इच्छुक रहते हैं। परंतु वह दान कहाँ दें, इसके लिए कोई उपयुक्त व्यवस्था वर्तमान में विद्यमान नहीं है। संकुल स्तर पर गठित इन पंजीकृत समितियों से दान स्वीकार करने और शालाओं में सुधार के कार्यों को मूर्तरूप देने की उपयुक्त व्यवस्था स्थापित हो सकेगी।


बैठक में जिला शिक्षा केन्द्र, विकासखण्ड स्रोत केन्द्र कार्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति प्रथमत: आउटसोर्स आधार पर या संविदा से करने पर सहमति दी गई। संविदा पर कार्यरत अमले के यात्रा भत्तों के पुनरीक्षण और विशेष परिस्थितियों में एक से अधिक बार स्थान परिवर्तन के प्रस्ताव का समिति ने अनुमोदन दिया। बैठक में सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक-शिक्षा से सबंधित योजनाओं की समीक्षा और उनके आगामी क्रियान्वयन संबंधी निर्णय लिए गए।


जानकारी दी गई कि इस वर्ष सभी शिक्षकों को परिचय पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे। राज्य तथा प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर कैरियर मार्गदर्शन और काउंसलिंग शिविर लगाए जायेंगे। प्रदेश की 574 शालाओं में व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। एससीआरटी के सहयोग से शालाओं में स्पोर्टस करिकुलम लागू होगा। प्रदेश की प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शालाओं में पुस्तकालय स्थापित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।


एक परिसर एक शाला के अन्तर्गत 35113 शालाओं का व्यवस्थापन 16076 परिसरों में किया गया। इससे अधिक विद्यार्थियों को बेहतर अधोसंरचना व प्रबंधन का लाभ प्राप्त हुआ। प्रदेश की 99 प्रतिशत शालाओं में एक ही दिन पालक-शिक्षक संघ की बैठकें आयोजित की गईं जिनमें 34 लाख पालकों की उपस्थिति रही। विद्यार्थियों में आत्म-विश्वास, तार्किक सोच विकसित करने के लिए क्रियान्वित उमंग लाईफ स्किल एजुकेशन में 1874 शालाओं के 5 लाख 62 हजार विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया। बैठक में नेशनल एचीवमेंट सर्वे के निष्कर्ष, दक्षता उन्नयन, शिक्षकों की एक्सपोजर विजिट, शाला सिद्धि योजना, मिशन 1000, शाला दर्पण योजनाओं की जानकारी भी दी गयी।


प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव अनुसूचित जनजाति कल्याण दीपाली रस्तोगी, आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र आयरिन सिंथिया, आयुक्त महिला-बाल विकास एम.बी. ओझा उपस्थित थे।