आशुतोष ममगाई @ देहरादून उत्तराखंड
इन दिनों बरसात के कारण पूरे देश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसी ही कुछ हालत उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के आराकोट नामक स्थान की है। यहाँ कुछ दिन पहले बादल फट जाने के कारण सारा जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार पीड़ितों को हेलीकाप्टर सेवा के द्वारा रहत सामग्री पहुंचा रही है, तथा बीमार व्यक्तियों को हेली सेवाओं के द्वारा ही अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है तथा उनका उपचार करवाया जा रहा है।
आपदा सामाग्री पहुंचाने के दौरान शुक्रवार को एक और हेलीकाप्टर क्रैश होने से बच गया। ट्रॉली के तार सामने आने के कारण हेलीकाप्टर की नदी किनारे आपात लैंडिंग करवानी पड़ी। इस हादसे में पायलेट घायल हुए, जबकि इन्जीनियर सुरक्षित हैं। पिछले दिन 21 अगस्त को ही एक हेलीकाप्टर जो कि राहत सामाग्री पहुंचा कर वापस लौट रहा था लेकिन वह हेलीकाप्टर भी अचानक से दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दोनों पायलेट तथा एक इंजीनियर तीनो व्यक्तियों की मौत हो गयी। बताया जा रहा है की वह हेलीकाप्टर हेरिटेज एविएशन कंपनी का था।
इस हादसे की बाद हेली सेवाओं से राहत कार्य बंद कर दिया गया था। अगले दिन आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकाप्टर राहत सामग्री पहुँचाने की प्रक्रिया में तीसरा चक्कर मार रहा था, और ठीक दोपहर 12 बजे नाग्वाडा तिकोची नामक गाँव के पास पहुँचते ही बगीचे से सड़क तक सेब पहुँचाने वाली ट्रॉली तथा हेलीकाप्टर आमने सामने हो गये। पायलेट ने ट्रॉली की तारों से बचने के लिए हेलीकाप्टर को नदी के किनारे लैंड कर दिया। बोल्डरों के उपर लैंड करने के कारण पायलेट को सर और आँख में चोट लगी और खून बहने लगा जबकि इंजिनियर सही सलामत हैं। वहां की जनता के अनुसार पायलेट ने अपनी सूझ बुझ से हेलीकाप्टर को क्रैश होने से बचा लिया। सूचना मिलने पर बचाव दल की टीम भी समय पर पहुँच गयी,तथा पायलेट को आराकोट में प्राथमिक उपचार देकर सरकारी हेलीकाप्टर से देहरादून भेज दिया गया। पायलेट का वर्तमान में मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है।