संवाददाता: नई दिल्ली
कश्मीर में हटाये गए धारा पर प्रश्न के साथ जवाब भी...
सवाल : अनुच्छेद 370 को क्या पूरी तरह हटा दिया गया है?
जवाब : अनुच्छेद 370 का खंड लागू रहेगा। अन्य प्रतिबंध हटा दिए हैं। मतलब इसके तहत कश्मीर को जो स्वायत्तता मिलती थी, जो अलग अधिकार मिलते थे, वे सब हट गए हैं।
जवाब : अनुच्छेद 370 का खंड लागू रहेगा। अन्य प्रतिबंध हटा दिए हैं। मतलब इसके तहत कश्मीर को जो स्वायत्तता मिलती थी, जो अलग अधिकार मिलते थे, वे सब हट गए हैं।
सवाल : क्या अनुच्छेद 370 पर फैसला तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है?
जवाब : धारा 370 का शिथिलीकरण तो राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के साथ ही तुरंत लागू हो गया है। हालांकि इस पर सरकार संकल्प लेकर आई है। इसे भी संसद से मंजूरी सामान्य बहुमत के आधार पर मंजूरी मिलना तय है।
जवाब : धारा 370 का शिथिलीकरण तो राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के साथ ही तुरंत लागू हो गया है। हालांकि इस पर सरकार संकल्प लेकर आई है। इसे भी संसद से मंजूरी सामान्य बहुमत के आधार पर मंजूरी मिलना तय है।
सवाल : क्या अनुच्छेद 35ए भी खत्म हो गया है?
जवाब : हां, अनुच्छेद 370 के रद्द होने से अनुच्छेद 35 ए स्वत: अमान्य हो जाएगा। इस तरह भूमि, कारोबार और रोजगार पर वहां के लोगों के विशेषाधिकार भी खत्म हो जाएंगे।
जवाब : हां, अनुच्छेद 370 के रद्द होने से अनुच्छेद 35 ए स्वत: अमान्य हो जाएगा। इस तरह भूमि, कारोबार और रोजगार पर वहां के लोगों के विशेषाधिकार भी खत्म हो जाएंगे।
सवाल : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने की क्या प्रक्रिया होगी?
जवाब : अमित शाह ने धारा 370 संबधी संकल्प के अलावा राज्य पुनर्गठन विधेयक भी पेश किया। यह बिल राज्यसभा और लोकसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कानून की शक्ल ले लेगा। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश कहलाएंगे। बिल इसी हफ्ते पारित होने की संभावना है।
जवाब : अमित शाह ने धारा 370 संबधी संकल्प के अलावा राज्य पुनर्गठन विधेयक भी पेश किया। यह बिल राज्यसभा और लोकसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कानून की शक्ल ले लेगा। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश कहलाएंगे। बिल इसी हफ्ते पारित होने की संभावना है।
सवाल : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की चुनाव प्रक्रिया में क्या कोई बदलाव होगा?
जवाब : नहीं। जम्मू-कश्मीर को दिल्ली और लद्दाख को चंडीगढ़ की तर्ज पर देख सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया सामान्य ही रहेगी। जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल होगा और लद्दाख में प्रशासक होगा।
जवाब : नहीं। जम्मू-कश्मीर को दिल्ली और लद्दाख को चंडीगढ़ की तर्ज पर देख सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया सामान्य ही रहेगी। जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल होगा और लद्दाख में प्रशासक होगा।
सवाल : जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब कराए जा सकते हैं?
जवाब : इसी साल अक्तूबर में चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है।
जवाब : इसी साल अक्तूबर में चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है।
सवाल : पीओके को लेकर क्या पहले जैसी स्थिति ही बनी रहेगी?
जवाब : जम्मू-कश्मीर के संविधान में पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है। इसमें कोई अंतर नहीं होगा।
जवाब : जम्मू-कश्मीर के संविधान में पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है। इसमें कोई अंतर नहीं होगा।
बस अब यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और भारत का अभिन्न हिस्सा कहलाएगा।