संवाददाता: भोपाल मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मुंबई में मध्यप्रदेश भवन बनने के बाद प्रदेश से पर्यटन, व्यापार और चिकित्सा सुविधा के लिये आने वाले लोगों को लाभ होगा। साथ ही शासकीय कार्य से आने वालों को भी आवास सुविधा उपलब्ध होगी। नाथ आज मुंबई में मध्यप्रदेश के नए भवन मध्यलोक का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश हित में भवन के अधिकाधिक उपयोग किये जाने पर भी विचार किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तलाशने होंगे। युवा पीढ़ी से ही प्रदेश और देश का भविष्य सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि मध्यप्रदेश विकसित राज्य बनकर उभरे और महाराष्ट्र भी मध्यप्रदेश में अपने भवन का निर्माण करने के लिये प्रेरित हो। साथ ही अन्य राज्य भी मध्यप्रदेश में अपने-अपने भवन का निर्माण करें।
मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा मुम्बई में ''मध्यालोक'' भवन का लोकार्पण
सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह और पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहन्ती, रेरा के अध्यक्ष एंटोनी डिसा और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मध्यप्रदेश के प्रथम आवासीय आयुक्त श्री आई.सी.पी. केशरी ने मध्यालोक भवन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश की व्यवसायिक राजधानी में मध्यप्रदेश से विभिन्न कार्यों के लिए आने वालों की जरूरत देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने वाशी, नवी मुम्बई में नये मध्यप्रदेश भवन ''मध्यालोक'' का निर्माण किया है। लगभग 88.264 करोड़ रूपये लागत से यह भवन बनाया गया है। मध्यालोक का निर्माण मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के माध्यम से 9 प्रतिशत सुपर विजन चार्जेस देकर मेसर्स वायेन्टस सॉल्यूशन प्रा. लि., गुरूग्राम द्वारा किया है। मध्यालोक 3817.20 वर्ग मीटर प्लॉट एरिया में निर्मित है। भवन में दो वी.वी.आई.पी. सूट, तीन वी.आई.पी. सूट, 6 डीलक्स कक्ष, 18 स्टैंडर्ड कक्ष एवं दो डॉरमेट्री, आवासीय आयुक्त कक्ष और ऑफिस स्पेस का प्रावधान किया गया है।
भवन के तकनीकी कार्यों में इलेक्ट्रिकल पेनल ट्रांसफार्मर, एचटी पेनल, बीएमएस, एचवीएसी, डीजीसेट, फायरपम्प, एचटीपी, चिलिंगप्लांट, वाटर सॉफ्टनर प्लांट, वेन्टीलेशन सिस्टम, कूलिंग टावर, सोलर वाटर हीटर, चार लिफ्ट, ऑटो मेशन सिस्टम आदि का प्रावधान है। मध्यालोक में ऑडिटोरियम, मीटिंग हॉल, कान्फ्रेंस हॉल आदि का भी निर्माण किया गया है।