शनिवार, 24 अगस्त 2019

राज्यपाल ने उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की बैठक ली...

संवाददाता: देहरादून उत्तराखंड 


*वीर नारियों तथा पूर्व सैनिकों के आश्रितों का हित सर्वोपरि-राज्यपाल
*पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति के मानक में शिथिलीकरण, अब 70 % की बजाय 50 % अंक का मानक।
*पूर्व सैनिकों के स्वरोजगार को प्रोत्साहन। ऋण के अनुदान में दो गुनी से अधिक वृद्धि। अधिकतम अनुदान 30हजार रूपये से बढ़ाकर 75 हजार रूपये।



राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की अध्यक्षता में गुरूवार को राजभवन में उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की प्रबंधन समिति की बैठक हुई।


राज्यपाल मौर्य ने कहा कि वीर नारियों के स्वरोजगार और आर्थिक स्वावलंबन को प्राथमिकता दी जाय। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में निवासरत वीर नारियों को महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाय। राज्यपाल मौर्य ने प्रदेश में रह रही वीर नारियों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे उनके लिए कोई जागरूकता शिविर एवं कौशल विकास सम्मेलन आयोजित किया जा सके। 



राज्यपाल मौर्य ने 1423 एकड़ में विस्तृत पत्थरचट्टा सैनिक फार्म के कुशल वित्तीय प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फार्म में फ्लोरिकल्चर और नकदी फसलों पर ध्यान दिया जाय। राज्यपाल ने पूर्व सैनिकांे तथा उनके आश्रितों के स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। राज्यपाल ने पर्वतीय क्षेत्रों में सैनिक आश्रितों के बच्चों हेतु कक्षा 11 से स्नातक तक दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए न्यूनतम अंकों के मानक को 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने मैदानी क्षेत्रों के लिए यह मानक 60 प्रतिशत करने के निर्देश दिए। इससे बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के आश्रितों को लाभ मिलेगा। 


बैठक में पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास हेतु लिए जाने वाले ऋण में दिये जाने वाले अनुदान में भी भारी वृद्धि का निर्णय लिया गया। पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार हेतु रू0 5 लाख तक के ऋण पर दस प्रतिशत अनुदान और 5 लाख से 10 लाख तक के ऋण पर 5 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय हुआ। अभी तक एक लाख तक ऋण पर 10 प्रतिशत और एक लाख से 5 लाख तक ऋण पर 5 प्रतिशत अनुदान था। इससे पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहन मिलेगा। 


बैठक में जूनियर हाईस्कूल पत्थरचट्टा के लिए भवन निर्माण हेतु 800 वर्ग मीटर भूमि उपयोग की स्वीकृति प्रदान की गई। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्रीय सैनिक बोर्ड और राज्य सरकार की संस्थाओं में कोऑर्डिनेशन होना चाहिए जिससे पूर्व सैनिकों को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले। 


राज्यपाल ने मुख्य सचिव को संस्था फार्म पत्थरचट्टा की 483 एकड़ कृषि भूमि के लीज के लंबित मुद्दे को शीघ्र सुलझाने के निर्देश दिये। राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति की नियमित बैठकें आयोजित की जायें। राज्यपाल ने सचिव सैनिक कल्याण को निर्देशित किया कि दैवीय आपदा हेतु सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता में कोई सैनिक परिवार छूटने न पाये।