संवाददाता: भोपाल मध्यप्रदेश
प्रदेश में वन्य-जीव क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ाने और संबंधित विषयों पर ठोस रणनीति बनाने के लिए राज्य-स्तरीय समिति बनाई जायेगी। इसमें राष्ट्रीय उद्यानों में संचालित रिसॉर्ट मालिकों, हितग्राहियों, अपर मुख्य सचिव वन, प्रमुख वन संरक्षक-वन्य जीव और प्रमुख सचिव पर्यटन शामिल होंगे। यह समिति मुख्यमंत्री कमल नाथ को 15 सितम्बर तक अपनी रिपोर्ट देगी।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने यहाँ मंत्रालय में राष्ट्रीय उद्यानों के संचालकों, पर्यटन विशेषज्ञों, वन्य-जीव विशेषज्ञों, रिसॉर्ट मालिकों, वन क्षेत्रों में पर्यटन सेवा संचालित करने वाली संस्थाओं के संचालकों और यात्रा संचालकों की संयुक्त बैठक ली। बैठक में वन्य-जीव पर्यटन, राष्ट्रीय उद्यानों की पर्यटन क्षमता, उपलब्ध पर्यटन सुविधाएँ, जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों की एडवांस बुकिंग करने के बाद निरस्त करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। इससे ब्लेकमार्केटिंग की संभावना बनती है। इसे हतोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों में जिम्मेदार और शैक्षणिक पर्यटन बढ़ाने पर जोर देना होगा। राष्ट्रीय उद्यानों के बफर जोन में इको पर्यटन की भरपूर संभावनाएँ हैं। उन्होंने विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे बताये कि किस प्रकार की पर्यटन गतिविधियों से अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे। उन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों के प्रवेश द्वारों के आस-पास एटीएम मशीन लगाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राष्ट्रीय उद्यान संचालकों से कहा कि वे राज्य शासन को भेजे जाने वाले हर प्रस्ताव उन्हें भी भेजे, जिससे उन पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। कमल नाथ ने कहा कि टाइगर स्टेट का दर्जा पुन: प्राप्त करना गौरव की बात है। इस स्थिति का आर्थिक रूप से फायदा उठाने के लिये जरूरी है कि पर्यटन बढ़ें। उन्होंने विशेषज्ञों से आग्रह किया कि इस विशेष स्थिति की ब्रांडिंग कर पर्यटन को आगे बढ़ाये। इसके साथ आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी और छोटे स्तर पर अधिक रोजगार का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है।
बैठक में पार्क प्रवेश शुल्क, टाइगर सफारी, जिप्सी वाहन और ज्यादा सीटों वाले वाहनों के संचालन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने पचमढ़ी में पर्यटन गतिविधि बढ़ाने और रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में वन मंत्री उमंग सिंगार, पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल, पूर्व मंत्री अजय सिंह, मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, रिसार्ट संचालक एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।