प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समोरोह 2019 के तीसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म बिरादरी के प्रमुख प्रतिनिधियों से मुलाकात की। विभिन्न विषयों पर चर्चाएं हुयीं जिनमें आईएफएफआई के स्वर्ण जयंती संस्करण में भागीदारी, "फिल्मांकन में आसानी" के सरकार का फोकस बढ़ाने की संभावना, सिंगल विंडो मंजूरी के रूप में फिल्म सुगमीकरण को बढ़ावा देने की हाल की पहलों और भारत के एम एंड ई सेक्टर के तहत विभिन्न क्षेत्रों की वृद्धि की संभावनाएं शामिल थीं।
चर्चाओं के दौरान, अमेरिका के हार्टलैंड अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह की प्रोग्रामिंग हेड हन्ना फिशर ने सुझाव दिया कि विदेशी भाषा श्रेणी के तहत 10 अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले महोत्सव के लिए भारत पर विशेष फोकस हो सकता है। फिशर ने कहा कि यह महोत्सव में प्रतिभागियों और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के बीच आईएफएफआई 2019 के स्वर्ण जयंती संस्करण की स्थिति निर्धारण को बढ़ाने में मदद करेगा।
भारतीय शिष्टमंडल ने न्यूपोर्ट बीच फिल्म फेस्टिवल के सीईओ / सह-संस्थापक - ग्रेग श्वेनेक से मुलाकात की। बैठक में एम एंड ई क्षेत्र की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए व्यापार के अवसरों और सहयोग उपक्रमों की खोज के साथ पूरे उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में भारतीय फिल्म की उपस्थिति बढ़ाने की संभावना पर चर्चा की गई।
ग्लोबल गेट एंटरटेनमेंट के वरिष्ठ प्रतिनिधियों- विलियम फ़िफ़र और सुश्री मेग थॉम्पसन के साथ चर्चा में भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत- विशेष रूप से भारत में फिल्मांकन की सरलता के संदर्भ में फिल्मों की नीतिगत रूपरेखा पर ध्यान केंद्रित किया गया। शूटिंग में आसानी के लिए भारत सरकार की पहल की सराहना करते हुए फ़िफ़र ने सुझाव दिया कि यदि प्रोत्साहन की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाए तो यह संरचना और ढांचे को मूल्य प्रदान करेगा, जो भारत में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने में मदद करेगा। उन्होंने आईएफएफआई 2019 के बारे में प्रतिभागियों को जागरूक करने के लिए भी सहमति व्यक्त की और प्रसिद्ध निर्देशकों, फिल्म निर्माताओं, निर्माताओं और अभिनेताओं के नाम उपलब्ध कराने का सुझाव दिया, जिन्हें इस वर्ष आईएफएफआई में आमंत्रित किया जा सकता है।
न्यूजीलैंड फिल्म कमीशन के इंटरनेशनल स्क्रीन एट्रैक्शन की प्रमुख फिलिप मोसमैन और इज़राइल फिल्म फंड के प्रतिनिधियों ने समारोहों को आयोजित करने का सहयोग; दोनों समारोहों में भारत के "फोकस देश" बनने एवं सह-निर्माण समझौतों में तेजी लाने की संभावनाओं पर चर्चा की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जिब्राल्टर एंड पाल्मे के प्रेसीडेंट/सीईओ मस राडो और दिलानी रबींद्रन के साथ भी मुलाकात की, जिनके साथ आईएफएफआई के 50वें संस्करण में भाग लेने की संभावना पर चर्चा की गई।