शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में खुलेंगे निःशुल्क कोचिंग सेंटर, पूर्व सैन्य अधिकारी देेंगे प्रशिक्षण : सैनिक कल्याण मंत्री

संवाददाता : जयपुर राजस्थान 


       प्रदेश के सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में युवाओं को निःशुल्क कोचिंग के जरिए प्रशिक्षण देकर सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही इन कार्यालयों में सैनिकों के आश्रितों, आगन्तुकों के बैठने, स्वच्छ पेयजल, शौचालय जेसी आधारभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने गुरूवार को शासन सचिवालय के कांफे्रंस हॉल में प्रदेशभर के जिला कल्याण अधिकारियों की बैठक में ये निर्देश प्रदान किए।


खाचरियावास ने कहा कि सैनिक और शहीदों के परिवार पूरे सम्मान के अधिकारी है और उन्हें सैनिक कल्याण कार्यालय में प्रवेश करने पर यह सम्मान का भाव नजर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण कार्यालय को अन्य सरकारी कार्यालयों से अधिक संवेदनशील होना चाहिए। कार्यालय में आने वाले हर आगन्तुक को स्नेह से बिठाकर उनकी बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं माह में एक बार सैनिकों एवं शहीदों के आश्रितों की समस्याओं की सुनवाई करेंगे।  

 


 

खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश सेना भर्ती के मामले में पहले पायदान पर है, लेकिन आज कोचिंग सेंटर्स की भरमार और होड़ के बीच कई युवा प्रतिभाएं सेना भर्ती से वंचित रह जाती हैं। उनके बीच यह धारणा बनती जा रही है कि फौज में भर्ती के लिए कोचिंग सेंटर्स में प्रशिक्षण लेना जरूरी है। ग्रामीण परिवेश से आने वाले कई इच्छुक अभ्यर्थियेां के पास इन काेंंचिंग  सेंटर्स को देने के लिए फीस के पैसे तक नहीं होते। ऎसे में यदि उन्हें कोई मार्गदर्शक मिल जाए तो वे भी देशसेवा के लिए अपना योगदान दे सकते हैंं। एक पूर्व सैनिक से बढकर उनके लिए कोई मार्गदर्शक नहीं हो सकता। इसलिए सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में उनके लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। 

 

खाचरियावास ने कहा कि जिला सैनिक कल्याण कार्यालय अपने यहां अथवा स्थान नहीं होने पर स्थानीय कॉलेज-विद्यालय से टाइ-टप कर ये कोचिंग  प्रारम्भ कर सकते हैं। इसमें प्रशिक्षक के  रूप में पूर्व सैनिक का सहयोग निःशुल्क और सहर्ष मिल सकता है। एक बार प्रारम्भ होने पर संसाधनों की कमी के  लिए कई भामाशाह आगे आएंगे। स्थानीय विधायक भी इसके निर्माण में सहयोग सकते हैं। श्री खाचरियावास ने इस योजना के युद्ध स्तर पर क्रियान्वयन के लिए शीघ्र प्रस्ताव बनाने के लिए विभाग के अधिकारियेां केा निर्देश दिए। 

 

सैनिक कल्याण राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि शहीदों के ऎसे आश्रित जो समय बीत जाने के कारण सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए ओवर ऎज हो गए हैं उनकी ऎवज में पात्र अश्रित के निर्धारण में अत्यंत सावधानी बरती जानी चाहिए। जिससे कोई भी मामला किसी विवाद या कोर्ट केस में न उलझ जाए। प्रमुख शासन सचिव सैनिक कल्याण संजय मल्होत्रा ने सैनिकों के कल्याण के लिए अब तक प्रदेश में उठाए गए कदमों एवं ध्यान दिए जाने वाले पक्षों पर जानकारी दी। उन्होंने पात्र शहीद आश्रितों से आवेदन प्राप्त करने के निर्देश भी सम्बन्धित अधिकारियेां को दिए। बैठक में सैनिक कल्याण विभाग के डायरेक्टर बिग्रेडियर करण सिंह ने पूर्व सैनिकों की समस्याओं एवं अपेक्षाओं, शहीद आश्रितों की सहायता की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी। बैठक में शहीद आश्रितों के भूमि आवंटन सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण के लिए उपनिवेशन विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। 

 

खाचरियावास ने बताया कि सेना भर्ती में मेवाड़ क्षेत्र के युवाओं की रूचि कम हो रही है। ऎसे में उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर जिलों के युवाओं को सेना में भर्ती के प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। इन जिलों में वे स्वयं पहुंचेंगे और कैम्प कर युवाओं से सीधे संवाद करेंगे।  उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा और उनकी सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।

 

सैनिक कल्याण मंत्री खाचरियावास ने स्कूली पाठ्यक्रम में सेना भर्ती, सेना की रेंक्स, अब तक लडे़ गए युद्ध, अवार्ड प्राप्त करने वाले सेनिकों एवं शहीदों की गाथाएं एवं सेना सम्बन्धी अन्य जानकारियां शामिल किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंंने इसके लिए एक कमेटी गठित किए जाने के निर्देश दिए। 

 

खाचरियावास ने कहा कि विभाग शहीद आश्रितोें को सरकारी सेवा में भर्ती के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। कई पुराने मामले हैं जिनमें अभ्यर्थी वांछित उम्र पार कर चुके हैं। सभी पर संवेदनशीलता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पुलवामा  हमले के बाद शहीदों के पैकेज की राशि 25 लाख से बढाकर 50 लाख कर दी। साथ ही माता-पिता के लिए 3 लाख की सहायता, बच्चों को निःशुल्क शिक्षा एवं बसों में निःशुल्क यात्रा जैसी सुविधाएं प्रदान की हैंं।