गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019

दिल्ली सरकार के संघर्ष को केंद्र सरकार ने लगाई मुहर, हम चाहते हैं जल्द प्रारंभ हो रजिस्ट्री : अरविंद केजरीवाल

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अवैध कालोनियों को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार बनने के बाद ही तत्काल दिल्ली सरकार ने अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए थें। दिल्ली सरकार ने 12 सुझाव के साथ केंद्र सरकार को मसौदा भेज दिया था। उसके बाद ही आज केंद्रीय कैबिनेट ने उसे मंजूरी दी है। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। साथ ही आग्रह किया कि जल्द से जल्द नोटिफिकेशन कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाए। जिससे लोगों को तत्काल मालिकाना हक मिले। उन्होंंने कहा कि केंद्र सरकार से सारी प्रक्रिया पूरी होने के अगले दिन से ही दिल्ली सरकार कैंप लगाकर रजिस्ट्री प्रारंभ कर देगी।




12 नवंबर 2015 को दिल्ली सरकार ने भेजा था प्रस्ताव

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 1797 कच्ची कालोनियों को नियमित करने का केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय स्वागत योग्य है। मैं केंद्र सरकार का दिल्ली की जनता के ओर से धन्यवाद करता हूं। पहले की सरकारे चुनाव से पहले वोट के लिए अवैध कालोनियों को वैध करने का वादा करती थीं। दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद 12 नवंबर 2015 को  तत्काल ही दिल्ली सरकार ने कच्ची कालोनियों को वैध करने का प्रस्ताव भेजा। आज कालोनियों को नियमित करने का निर्णय  लिया गया है। हम स्वागत करते हैं। जुलाई 2019 में केंद्र सरकार ने हमें ड्राफ्ट बनाकर भेजा था। 24 जुलाई को हमने प्रस्ताव में 12 सुझाव के साथ उसे तत्काल ही केंद्र सरकार को भेज दिया। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के सभी प्रस्ताव को भी मान लिया था। यह लंबा संघर्ष था। अब लोग घर खरीद पाएंगे, रजिस्ट्री करा पाएंगे। लोन ले पाएंगे। हम चाहते हैं कि तत्काल लोगों के हाथ में रजिस्ट्री आ जाए। दिल्ली सरकार नोटिफिकेशन आते ही रजिस्ट्री खोल देगी।

दिल्ली सरकार बनते ही प्रारंभ हो गया था विकास कार्य सीएम ने कहा कि पहले कच्ची कालोनी में लोगों का जीना दुभर था। हमने सरकार बनते ही 6 हजार करोड़ खर्च कर पानी, नाली, सीवर व बिजली की व्यवस्था कर दी। कच्ची कालोनियों में स्ट्रीट लाइट पर भी नियम बना दिया गया है। अब सभी स्ट्रीट लाईट के रखरखाव की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार करेगी।

जीएसडीएल के आधार पर  नक्शे हो पास

सीएम ने कहा कि हमारा अब भी मानना है कि नक्शे को जीएसडीएल के आधार पर बने नक्शा के आधार पर रजिस्ट्री प्रारंभ हो जाए। डीडीए को नक्शा बनाने में समय लगेगा। मेरा मानना है कि सेटलाइट के आधार पर नक्शा पास कर रजिस्ट्री कराई जाए। जिससे चुनाव से पहले लोगों के हाथ में रजिस्ट्री हो। हमारे पास सेटलाइट के आधार पर नक्शे है। हमें इजाजत मिल जाए, हम चाहते हैं इस बिल को तत्काल नोटिफाइड किया जाए। जिससे रजिस्ट्री खुल जाए। हम यह भी चाहते थे कि कहीं वन विभाग या एएसआई की जमीन है तो उस छोटे से टुकड़े को छोड़कर अन्य जमीन पर बसी आबादी की रजिस्ट्री करने की अनुमति दी जाए। सीएम ने कहा कि मसौदा आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के किन किन प्रस्ताव को माना है। सीएम ने कहा हमने सुना है लोकसभा में शीतकालीन सत्र में  केंद्र सरकार बिल लाएंगे। हम चाहते हैं तत्काल उसे पास कर रजिस्ट्री खोल दी जाए। दिल्ली की सरकार ने जो मसौदा बनाया हे, उसे ही केंद्र सरकार ने पास किया है

मसौदा आते ही रजिस्ट्री के रेट तय हो जाएंगे लेकिन वह बेहद मामूली होगा

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस दिन अपनी प्रक्रिया पूरी कर लेगी, उसके अगले दिन ही रजिस्ट्री का रेट तय कर दिया जाएगा। रजिस्ट्री का रेट बहुत मामूली होगा। जिसका मसौदा आते ही रेट तय हो जाएगा।

मुख्यमंत्री की ओर से केंद्र सरकार को कच्ची कालोनी पर भेजे गए 12 सुझाव

1)  केंद्र सरकार द्वारा 50% बिल्डअप एरिया वाली शर्त जो कि 1 जनवरी 2015 तक रखी गई है, उसे बढ़ाकर 31 मार्च 2019 तक कर दिया जाए।

2)  30 जून 2019 तक जितने लोगों ने अपनी जीपीए करा ली है, उन सभी जीपीए को वैध माना जाए और उसी के आधार पर मालिकाना हक दिया जाए।

3) 1 जुलाई 2019 तक जितनी कच्ची कॉलोनियां दिल्ली में बन चुकी हैं, उनकी एक सूची बनाकर दूसरे चरण में उन सभी को पक्का घोषित किया जाए।
 
 4)भविष्य में दिल्ली में कोई नई कच्ची कॉलोनी बनती है तो संबंधित एसडीएम, एसएचओ एवं एमसीडी अधिकारी को बर्खास्त किया जाए।
 
5) तीन कॉलोनियों सैनिक फार्म, महेंद्रू एनक्लेव तथा अनंत राम डेरी केंद्र सरकार ने पक्का करने के दायरे से बाहर रखी हैं, यह आर्टिकल 14 का उल्लंघन है। इन तीनों कॉलोनियों को भी अन्य कॉलोनियों के साथ रेगुलराइज किया जाए।

6) इन कॉलोनियों को रेगुलराइज करते समय जो ज़मीन की और पेनाल्टी की कीमत अदा करनी होगी, उसके लिए बैंक से लोन की सुविधा की जाए ताकि गरीब लोग आसानी से इस राशि को जमा करा सकें।

7) डीडीए के नक्शे बनाने का इंतजार करने की बजाय, विभिन्न आरडब्ल्यू और दिल्ली सरकार के जीएसडीएल विभाग द्वारा सेटेलाइट के जरिये बनाए गए मौजूदा नक्शों के आधार पर तुरंत रजिस्ट्रियां खोल दी जाएं।

8) यमुना बांध के अंदर जो कॉलोनियां आ रही हैं उन्हें रेगुलराइज ना किया जाए। यमुना बांध के बाहर वाली कॉलोनियों को रेगुलराइज कर दिया जाए।

9) इन कच्ची कॉलोनियों में जो सरकारी जमीनें हैं वह दिल्ली सरकार को द्वितीय कैटेगरी के मूल्य पर स्कूल, अस्पताल एवं अन्य सुविधा की चीजें बनाने के लिए हस्तांतरित कर दी जाएं।

10) कच्ची कॉलोनियों को नजदीकी कालोनियों में जो सबसे निम्न स्तर की कैटेगरी की कॉलोनी है उससे भी नीचे माना जाए।

11) जिन कालोनियों में फॉरेस्ट का पैच, एएसआई का पैच है, उसको छोड़कर बाकी कॉलोनी को रेगुलराइज़ कर दिया जाए।
 
12) इन कच्ची कॉलोनियों में लोगों ने दुकानें भी खोल रखी हैं, इन कालोनियों की जमीन को "मिक्स यूज़ लैंड" घोषित किया जाए।