बुधवार, 16 अक्तूबर 2019

जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों में गंभीर गिरावट से निपटने के लिए भारत और नीदरलैंड को मिलकर काम करने की जरूरत : डॉ. हर्षवर्धन

संवाददाता: नई दिल्ली 


     मंगलवार को नई दिल्‍ली में डीएसटी-सीआईआई भारत-नीदरलैंड प्रौद्योगिकी सम्‍मेलन के 25वें संस्‍करण का नीदरलैंड के राजा विलेम-अलेक्जेंडर और केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पृथ्‍वी विज्ञान और स्‍वास्‍थ्‍य तथा परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उद्घाटन किया। उन्‍होंने दोनों देशों की बीच सफल सहयोग पर प्रसन्‍नता जाहिर की।


उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नीदरलैंड के राजा विलेम-अलेक्जेंडर ने कहा कि भारत भारत और नीदरलैंड प्रौद्योगिकी के मामले में एक-दूसरे के पूरक हैं और एक साथ मिलने पर वे महान टीम बनाते है। उन्होंने कहा कि नीदरलैंड के अनुसार भारत एक ऐसा भागीदार है जिस पर विश्‍वास किया जा सकता है। दोनों देश कृषि और खाद्य सुरक्षा, जल प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में एक साथ काम कर सकते हैं। दोनों देश सार्वजनिक निजी भागीदारी के रूप में अपने अनुभव और दृष्टिकोण को साझा कर सकते हैं।



उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने दोनों देशों के बीच साझा विरासत और आम धारणाओं पर प्रकाश डाला, जिसके कारण सहयोग को और अधिक मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे जैसे देशों को वैश्विक मुद्दों के बारे में दबाव डालने और स्थायी जवाब तलाशने के लिए सेनाओं को संयोजित करने की आवश्यकता है। इन मुद्दों में गरीबी, भुखमरी, रोजगार सृजन, ऊर्जा सुरक्षा, मानव अधिकार, लैंगिक असमानता शामिल हैं। साथ ही हमें जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बारे में भी मिलकर काम करने की जरूरत है।


भारत और नीदरलैंड के बीच सदियों पुरानी साझेदारी को याद करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि उनके बीच व्यापार की पारंपरिक वस्तुओं ने ही उच्च प्रौद्योगिकी वाला रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत और नीदरलैंड विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में 10 वर्षों के सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीदरलैंड कृषि क्षेत्र में जल प्रौद्योगिकी में सुधार करके किसानों की आय को दोगुना करने में भारत की मदद कर सकता है।


इनेके डेजेंत्जे हेमिंग, वीपी, नीदरलैंड उद्योग परिसंघ और नियोक्ता वीएनओ-एनसीडब्‍ल्‍यू ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों देश एक दूसरे के साथ ड्रेजिंग, कृषि और फूड प्रोसेसिंग और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों पर काम कर सकते हैं। उसने कहा कि उद्यमिता और प्रौद्योगिकी की कोई सीमा नहीं है और नीदरलैंड विकास की अपनी खोज में भारत के साथ  शामिल होने के लिए तैयार है।


शिखर सम्मेलन के दौरान क्रॉस-कटिंग, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी), जल, कृषि, स्‍वास्‍थ्‍य, उद्यमशीलता, प्रौद्योगिकी टेक्नोलॉजी, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, IoT, साइबरस्पेस, डिजाइन थिंकिंग, शिक्षा, जियो डेटा और अंतरिक्ष पर ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा।