शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2019

ऑड-ईवन के दायरे में होंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्री, केंद्रीय मंत्रियों को मिलेगी छूट :

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      दिल्ली में पड़ोसी राज्यों में जलाए जा रहे पराली से बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन स्कीम लागू किया जा रहा है। इसमें इस बार भी दो पहिया वाहनों को छूट रहेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को इससे छूट नहीं दी गई है। उन्हें भी ऑड-ईवन का पालन करना होगा। हालांकि दिल्ली के उप- राज्यपाल को इससे छूट दी गई है। साथ ही प्रधानमंत्री व केंद्रीय मंत्रियों को भी छूट मिली है। दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को छूट दी गई है लेकिन अन्य राज्यों के मंत्रियों को भी इसका पालन करना होगा। साथ ही स्कूली बसोंं वाले वाहन को भी छूट है। ऑड- ईवन सोमवार से शनिवार को ही लागू होगा। इसका पालन दूसरे राज्य से दिल्ली आने वाले वाहनों को भी करना होगा। रविवार को इससे छूट होगी। ऑड-ईवन सुबह 8 से शाम 8 बजे तक लागू होगा। इसका पालन न करने पर 4 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। यह जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। 

 

इन्हें ऑड-ईवन से छूट

 

- राष्ट्रपति

- उप राष्ट्रपति

- प्रधानमंत्री

- मुख्य न्यायाधीश 

- राज्यपाल 

- उप राज्यपाल दिल्ली

- केंद्रीय मंत्री

- राज्य व केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्री

- लोकसभा अध्यक्ष

- लोकसभा व राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष

- डिप्टी चेयरमैन राज्यसभा

- डिप्टी चेयरमैन लोकसभा

- सुप्रीम कोर्ट के जज

- सीएजी

- चेयरपर्सन यूपीएससी 

- दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व जज 

- पैरा मिल्ट्री फोर्स 

- एसपीजी सुरक्षा वाले वाहन

- लोकायुक्त 

- एंफोर्समेंट वाहन

- आपातकालीन सेवा वाहन

- पायलट व एस्कोर्ट 

- एंबेसी के सीडी नंबर वाहन

- राज्य चुनाव आयोग दिल्ली, चंडीगढ़

- चुनाव पर्यवेक्षक 

- चुनाव में लगे वाहन

- केवल महिलाएं या 12 साल के बच्चों के साथ 

- स्कूल ड्रेस में बच्चों वाले वाहन

- चुनाव आयुक्त 

- पुलिस विभाग 

- परिवहन विभाग 

- रक्षा मंत्रालय की गाड़ी

- मेडिकल वाहन

- सिर्फ महिलाओं वाले वाहन

- दिव्यांगों के वाहन

- स्कूली बच्चों की गाड़ी 

- दो पहिया

 

पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से बढ़ने लगा है प्रदूषण

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि पिछले 8-10 माह से दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम था लेकिन पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से प्रदूषण बढ़ने लगा। दिल्ली के आस-पास के राज्यों में पराली जलाई जा रही है। इस वजह से दिल्ली गैस चैंबर बन रहा है। सीएम की ओर से एक व्यापक पराली और शीतकालीन कार्य योजना बनाई गई। इसी के तहत ऑड-ईवन योजना की घोषणा की गई है। ऑड-ईवन योजना के तहत, सरकार सम विषम नंबर के वाहनों के उपयोग का दिन तय की है। सम तिथि के दिन सम नंबर वाले वाहन व विषम तिथि के दिन विषम नंबर वाले वाहन चलेंगे। यह कदम उस अवधि में हवा में वाहनों के उत्सर्जन को सीमित करने के उद्देश्य है । दिल्ली वर्षों से पराली के कारण आने वाले धुएं का सामना कर रही है। 

 


 

किसी की रिपोर्ट को गलत नहीं बता रहा लेकिन व पहले की हैं; सिर्फ दिल्ली के लोगों को दोष देना ठीक नहीं है; हमारा अपना प्रदूषण 25 % कम भी दिल्ली के लोगों ने ही किया है : CM

 

सीएम ने कहा प्रदूषण पर विशेषज्ञों की इज्जत करता हूं। मैं खूद इंजीनियर हूं। मैं किसी रिपोर्ट को गलत नहीं बता रहा हूं। मैं बस यह कह रहा हूं कि वह रिपोर्ट अलग अलग समय की है। कोई जून 2015 की रिपोर्ट बता रहा हैं। मेरे पास अगस्त 2018 का डाटा है। इसमें लिखा है कि सर्दी में 36 प्रतिशत प्रदूषण अपना है। गर्मी में यह 26 प्रतिशत हो जाता है। मैं यह कह रहा हूं कि पुरानी रिपोर्ट पर आज का आंकलन नहीं कर सकते। आज कोई एजेंसी नहीं बता सकती कि अभी दिल्ली में किन किन कारणों से कितना प्रदूषण हैं, यह कोई नहीं बता सकता। दिल्ली में आज अपना व बाहर का भी प्रदूषण है, लेकिन किसका कितना है, यह बता पाना संभव नहीं है। पिछले सप्ताह ही एक एजेंसी ने बताया पराली से 1 प्रतिशत है। दूसरी एजेंसी ने कहा 10 प्रतिशत है। दोनों में जब दस गुना का अंतर तो यह विज्ञान कहा हैं। मैं किसी के डाटा को गलत या सही नहीं बता रहा हूं। मैं इतना कह रहा हूं कि दिल्ली में प्रदूषण बाहर से भी है। इसे कोई इंकार नहीं कर रहा । जब तक इसपर रोक नहीं लगेगी, दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त नहीं कर सकते । दिल्ली के लोगों ने बहुत कठोर क़दमों का स्वागत किया है, बहुत मेहनत की है जिससे पिछले 4 सालों में प्रदूषण 25 फीसदी कम हुआ है। हम इससे संतुष्ट नहीं है, हमें इसे और भी कम करना है। लेकिन पूरे देश में दिल्ली ऐसा अकेला शहर है जहाँ प्रदूषण घटने लगा है। दिल्ली के लोग बधाई के पात्र है. सिर्फ दिल्ली के लोगों को दोष देना जायज़ नहीं हो सकता। जितनी शिद्द्त से दिल्ली के प्रदूषण पर चर्चा होती है, उतनी शिद्द्त से दिल्ली के बाहर से आनेवाले प्रदूषण को रोकने के जरूरत है, जो आज नहीं किया जा रहा है और इसका खामियाजा दिल्ली के लोग भुगत रहे हैं। हमारी साँसें हैं, हमारी जिंदगी है, हम अपनी तरफ से कई चीज़ें कर रहे हैं और करेंगे, लेकिन जब तक बाहर से आनेवाले पराली जलाने वाले प्रदूषण को नहीं रोक जाएगा, तब तक इस समस्या का हल हम नहीं निकाल पाएंगे।

 

1 अप्रैल 2020 से 4 घंटे के अंतराल में बता सकेंगे प्रदूषण के कारण

 

दिल्ली में रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट, जिससे की ये पता लगे की आज इस समय प्रदूषण किन कारणों से हो रहा है इसका न कोई डेटा है न इसे नाँपने का तरीका. लेकिन हम इस पर काम कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से टाइअप किया। 1 मार्च 2019 को सेटअप किया। एक साल से यह अध्ययन कर रहे हैं। 1 अप्रैल 2020 से हम चार घंटे के अंतराल में बताने की स्थिति में होंगे कि किस कारण कितना प्रदूषण है। मशीनें आ चुकी हैं। इंडिया गेट के पास डीटीसीसी के दफ्तर के पास वह अध्ययन कर रही हैं। 

 

दफ्तर टाइमिंग पर चल रही बात

 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि ऑड-ईवन के दौरान सार्वजनिक वाहनों पर एक समय दबाव न बने इसके लिए दफ्तरों के समय बदलने पर विशेषज्ञों से बात चल रही है। एक एजेंसी इसपर काम कर रही है। जल्द ही इसपर निर्णय होगा। 

 

कार पूलिंग को बढ़ावा देने की अपील

 

सीएम ने कहा कि ऑड इवन के दौरान कार पूलिंग को बढ़ावा दें। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कार पूलिंग करें। इससे प्रदूषण भी कम होगा और रिश्ते भी ठीक होंगे।