शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

हर प्रखंड में बनेगा सभी सुविधाओं से लैस 'लीडर स्कूल'...

संवाददाता : रांची  झारखंड


      झारखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने झारखण्ड मंत्रालय में स्कूली शिक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट “साथ”  को लेकर एक समीक्षा बैठक की और राज्य के हर प्रखंड में एक लीडर स्कूल विकसित करने का निर्देश दिया । उन्होंने कहा कि लीडर स्कूल बुनियादी सुविधाओं से युक्त होंगे जहां उन्नत किताबी शिक्षा, अनुशासन के साथ हर स्तर पर खेल, संगीत, वाद-विवाद जैसी अन्य गतिविधयों का संचलान होगा ताकि ये स्कूल दूसरे स्कूलों के लिए एक मानक बन सके। इस प्रोजेक्ट के तहत दूसरे स्कूलों के छात्र-शिक्षक और अभिभावक भी वहां जाकर उसकी व्यवस्था को देखेंगे और प्रेरणा ले सकेंगे। लीडर स्कूलों में औपचारिक किताबी शिक्षा के साथ मानसिक क्रियाशीलता पर फोकस किया जाएगा। डॉ. तिवारी ने कहा कि ये वक्त की मांग है कि बच्चों का मानसिक स्तर और सामाजिक निपुणता बढ़ाकर उन्हें बेहतर नागरिक बनाया जाए।



“साथ-ई” की यह है योजना


“साथ-ई” के माध्यम से सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की उनके क्लास के मानक के अनुरूप अपग्रेड करना है। अभी तक के सर्वे में पाया गया है कि बच्चे कक्षा पांच में पढ़ रहे हैं, लेकिन ज्ञान का उनका मानसिक स्तर कक्षा तीन या दो का है। यह स्थिति खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में है। इन्हीं छात्रों को विभिन्न शैक्षणिक तकनीक के माध्यम से अपग्रेड करने का प्रयास “साथ-ई” के माध्यम से चल रहा है। 


कॉल सेंटर बनाएं, आउटगोइंग कॉल कर भी फीडबैक लें


मुख्य सचिव ने एक केंद्रीयकृत कॉल सेंटर बनाने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया। उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर के नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें, ताकि स्कूल से जुड़ी कोई भी सूचना अभिभावक, छात्र और आम लोग तत्काल दे सकें। वे बता सकें कि स्कूल समय पर खुला या नहीं। शिक्षक आए या नहीं। पढ़ाई-लिखाई में कोई दिक्कत तो नहीं । 


प्रोत्साहन के साथ दंड का भी प्रावधान रखें


मुख्य सचिव ने स्कूलों का प्रदर्शन सुधारने के लिए छात्रों-शिक्षकों के प्रोत्साहन की रणनीति पर काम करते हुए दंड का भी प्रावधान रखने का निर्देश दिया। शिक्षकों के वेतन, पदोन्नति आदि को उनके परफॉरमेंस से जोड़ने का निर्देश भी दिया गया है।इस दौरान स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए आम लोगों की सहभागिता पर भी चर्चा हुई।मुख्य सचिव ने स्कूलों की मॉनिटरिंग सिस्टम को डिजिटल बनाने की शिक्षा विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था विकसित करें, जो दूसरे राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक बन सके। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, स्कूली शिक्षा के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।