रविवार, 17 नवंबर 2019

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अहमदाबाद के निरमा विश्वविद्यालय में आयोजित लॉ कॉन्क्लेव को संबोधित किया...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      नये भारत के साथ पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी. एन. शेषन के विशेष लगाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) के सेंटर फॉर कॉरिकुलम डेवलपमेंट में चुनावी अध्ययन के अंतर-विषयी दृष्टिकोण पर एक विजिटिंग चेयर स्थापित करने और उसके वित्त पोषण का निर्णय लिया है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी इस चेयर के संरक्षक होंगे।



मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने आज अहमदाबाद के निरमा विश्वविद्यालय के विधि संस्थान में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते  हुए इसकी घोषणा की। इस अवसर पर निरमा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. के. करसनभाई पटेल, चुनाव आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा, कुलपति डॉ. अनूप सिंह, विधि संकाय संस्थान की निदेशक डॉ. पूर्वी पोखरियाल और बड़ी संख्या में छात्रा उपस्थित थे। अरोड़ा को विश्वविद्यालय द्वारा प्रसिद्ध संविधान विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री एवं न्यायविद नानी पालखीवाला की स्मृति में आयोजित लॉ कॉन्क्लेव के अवसर पर आमंत्रित किया गया था।


इस अवसर पर बोलते हुए अरोड़ा ने कहा, 'भारत की चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं में संभावना, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा में टी एन शेषन के स्थायी योगदान ने उनके नाम को दुनिया भर में सर्वोत्तम चुनावी प्रथाओं का पर्याय बना दिया है। उनकी स्मृति में भारतीय चुनाव आयोग इस चेयर की स्थापना करेगा। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि अगले शैक्षणिक सत्र अगस्त-सितंबर 2020 के दौरान यह चेयर पूरी तरह काम करना शुरू कर दे।' महासचिव उमेश सिन्हा, आईआईआईडीईएम के महानिदेशक धर्मेंद्र शर्मा और ईसीआई की निदेशक मोना श्रीनिवास इस चेयर की स्थापना के विस्तृत तौर-तरीके निर्धारित करेंगे और उसे 15 मार्च, 2020 तक आयोग के सामने पेश किया जाएगा। विजिटिंग चेयर कार्यक्रम के तहत चुनाव अध्ययन से संबंधित क्षेत्रों में दमदार ट्रैक रिकॉर्ड वाले युवा शिक्षाविदों को लक्षित किया जाएगा।


उम्‍मीद की गई है कि चेयर चुनाव अध्‍ययन के विशिष्ट पहलुओं पर एक राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी भी आयोजित करेगा। इसके अलावा विजिटिंग चेयर आईआईआईडीईएम में प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के लिए अंतर-विषयी पाठ्यक्रम/ मॉड्यूल के डिजाइन और विकास की निगरानी भी करेगा।