शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में जल संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा की...

संवाददाता : रांची झारखंड


      मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने भविष्य में पेयजल की आपूर्ति के लिए जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया है कि वह लगभग बन कर तैयार रैसा तथा लतरातू डैम का पानी पाइप लाइन से वहाँ के स्थानीय इलाके के साथ राजधानी क्षेत्रों सहित दूरगामी क्षेत्रों में जल संचरण की योजना पर कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में सौ-दो सौ किलोमीटर दूर से भी पानी लाना कठिन कार्य नहीं है।


वहीं तजना डैम से स्थानीय और दूरगामी क्षेत्रों में पानी लाने को लेकर भी अध्ययन करने का निर्देश जल संसाधन विभाग को दिया। इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने पुनासी और भैरवा जलाशय योजना जो पूरी हो गयी है, से सिंचाई के चल रहे चालू योजना के कार्य तथा जल संसाधन विभाग के अन्य चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।



चेक डैम बनाने से पहले किसानों की सहमति और सेटेलाइट मैपिंग जरूरी


मुख्य सचिव ने बड़ी सिंचाई योजनाओं के खर्च और उसकी उपयोगिता की निरन्तर समीक्षा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं को पूरे राज्य में समान तरीके से लागू करने की जगह वहां क्रियान्वित करें, जहां कम बारिश होती है तथा पानी का अभाव रहता है। वहीं चेकडैम निर्माण के पहले वहां के किसानों से उसकी उपयोगिता को लेकर सहमति ली जाए और सेटेलाइट की जीआइसी मैंपिंग कर उसकी सफलता का आकलन किया जाए।


सभी सरकारी भवनों में वाटर रिचार्ज पर फोकस करें


मुख्य सचिव ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया कि वह सभी सरकारी भवनों में वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाने पर प्राथमिकता के आधार पर फोकस करे। जलाशय विकसित करने तथा क्वालिटी कंट्रोल व मॉनिटरिंग सिस्टम मजबूत करने पर बल दिया। वहीं इंजीनियरिंग एकेडमी की स्थापना में बढ़-चढ़ कर भूमिका निभाने को कहा। उन्होंने नीट, क्लीन और स्मार्ट वर्किंग के लिए अपने एसेट का भी डाटाबेस तैयार करने को कहा। इसके लिए इस्टेट ऑफिसर की नियुक्ति का निर्देश दिया। वहीं कहा कि वैसे कर्मियों को चिह्नित करें, जो विभाग पर बोझ हैं। उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्देश दिया। उन्होंने जल संसाधन विभाग के सभी डिविजनों का युक्तिकरण करते हुए अधिकारियों-कर्मियों को पदस्थापित करने का भी निर्देश दिया। वहीं भवन आदि के नये निर्माण की जगह वहां की जमीन को मोनेटाइज कर पीपीपी मोड पर निर्माण करने पर बल दिया।


बैठक में ये थे मौजूद


मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न समीक्षा बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।