प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली
कहा जाता है '' पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है " इस संसार में कोई भी जन्म से न ही प्रतिभावान,गुणवान और न ही बुद्धिमान होता है,मनुष्य कड़ी मेहनत और अपनी सच्ची लगन से किए गये अपने कार्यो को इतना अधिक ऊंचा कर लेता है कि समाज में उसे और उसके काम को मान-सम्मान और ख्याति तो मिलती ही है, साथ ही वो दूसरे लोगों के लिए प्रेरक भी बन जाते हैं।
ऐसी ही शख्यितों में एक नाम सामने उभरकर आता है ,कोलकाता के निर्देशक तन्मय सेनगुप्ता का जिन्होंने लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि सच्ची लगन और कठोर परिश्रम ही सफलता की कूंजी है।
हाल ही में तन्मय सेनगुप्ता के निर्देशन में यूट्यूब चैनल में हिन्दी रोमांटिक सांग "कब से" रिलीज हुआ है। एक नये उभरते गायक शुभायु का यह पहला हिंदी गाना है। इस अत्यंत मधुर गाने को राजीव दत्ता द्वारा लिखा गया है और स्वरबद्ध किया है स्वयं शुभायु और उनके साथ गौतम ने इस म्यूजिक वीडियो कि शूटिंग कोलकाता शहर के पास बक्खाली नामक जगह मे किया गया । इसे गाने को 01 नवम्बर को एस्के बॉलीवुड द्वारा उनके यूट्यूब चैनल में रिलीज़ किया गया है।
इस वीडियो के कैमरामैन बापोन मंडल है और कलाकार है शुभायु एवं राजश्री, कॉस्ट्यूम डिज़ाइन किया है प्रोसेनजीत ने,एडिटिंग और DI किया कमलेश और आनंद ने।
निर्देशन के क्षेत्र में वेस्ट बंगाल मे अपनी बहुमुखी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके तन्मय सेनगुप्ता जमीन से जुड़े हुये निर्देशक है ,जिन्होंने कड़ी मेहनत करके आज निर्देशन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। तन्मय सेनगुप्ता ने निर्देशन के क्षेत्र में एक लंबा सफर तय किया है।
तन्मय सेनगुप्ता ने शुरू मे अलग-अलग निर्देशकों के साथ बतौर सहायक निर्देशक के रूप काम किया,अलग अलग निर्देशकों ने भी उनके अंदर छिपी निर्देशन की प्रतिभा को पहचाना,तन्मय सेनगुप्ता ने सहायक निर्देशक के रूप मे पहली सीढी बंगोली फिल्म "एक टुकरो चाँद " डायरेक्टर नैशनल अवार्ड प्राप्त पिनाकी चौधुरी से शुरू किया।
एक ताजा बातचीत में तन्मय सेनगुप्ता ने प्रजा टुडे के पत्रकार को बताया की मेरी शुरुआत फिल्म से हुई और लगभग हर चैनलो के लिये धारावाहिकों में उन्होंने अपना निर्देशन दिया।
एक बड़ा ब्रेक किसी की दुनिया कैसे बदल सकता है यह हम सब अच्छी तरह जानते हैं,टीवी और फिल्म जगत में तन्मय सेनगुप्ता की कड़ी मेहनत और अपनी सच्ची लगन से अपनी अलग पहचान बना दी । तन्मय सेनगुप्ता ने हिन्दी फिल्म फ़िल्म - मॉर्निंग वाक ,जिसके मुख्य कलाकार शर्मीला टैगोर, अनुपम खेर, राजित कपूर, दिव्या दत्ता, सायन मुंशी थे, में भी अपने निर्देशन को नया आकाश दिया।
उनका मानना है जिस तरह पतछड़ के बाद बसंत ऋतु आती है ,वैसे ही मेहनत भी एक समय के बाद अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं और ऐसा ही हो रहा है। आज तन्मय सेनगुप्ता विज्ञापनों, धारावाहिकों एवं फिल्मों में अपने कैरियर को नई उंचाई दे रहे हैं। यही उनकी सफलता का मूलमंत्र है, जिसके चलते वह निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं ,मतलब आने वाला समय तन्मय सेनगुप्ता के लिये बेहतर समय होगा, जहां बरसों से उनके वजूद की तलाश को नई फ्हचान मिलेगी ।
मिलनसार हंसमुख स्वभाव के तन्मय सेनगुप्ता बताते हैं की अपनी मेहनत और अपने माता पिता और अपनी पत्नी का विशेष योगदान मानते है। वह मानते है की किसी भी क्षेत्र में फैमिली के स्पोट के बिना सफल होना संभव नहीं होता और मेरी फैमिली नें मुझे पूरा सपोर्ट किया है।
प्रजा टुडे के ओर से उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बेस्ट विशेज।