बुधवार, 13 नवंबर 2019

उपराष्ट्रपति ने युवाओं से आशंकाओं को दूर कर अंगदान करने का संकल्‍प लेने का आह्वान किया...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने युवाओं से अंगदान संबंधी अपनी आशंकाएं दूरकर अंगदान करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपराओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले युवा  अंगदान को एक मिशन बनाने के लिए समाज को तैयार कर सकता है।


अंगदान को एक नाजुक और संवेदनशील प्रक्रिया बताते हुए नायडू ने कहा कि नवीन और आकांक्षी भारत को अंधविश्वास छोड़ना होगा और सामाजिक संदर्भ के अनुसार हमारे आध्यात्मिक दृष्टिकोण को फिर से परिभाषित करना होगा।



 उपराष्‍ट्रपति नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित 'देहदानियां का उत्सव' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पिछले 22 वर्षों से अंग प्रत्यारोपण की सुविधा के लिए अंगदान दाताओं और मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों एवं अस्पतालों को एक साथ लाने के लिए दधीचि देहदान समिति की सराहना की।


आधुनिक जीवन शैली का हमारे स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव और इससे जुड़ी बीमारियों के खतरनाक दर से फैलने का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि लंबी अवधि में आधुनिक जीवन शैली हमारे अंगों को प्रभावित करती है जिससे हमें अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने अंगों के कई सिंथेटिक विकल्प विकसित किए हैं, फिर भी गुर्दे, हृदय, यकृत जैसे महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों के प्रत्यारोपण के लिए हम अब भी अंगदान पर निर्भर हैं।


 वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम अंग के विकास में 3-डी प्रिंटिंग जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल करने का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों की आशाजनक प्रकृति के बावजूद हमें अब भी अपनी क्षमता स्थापित करने के लिए लंबा रास्ता तय करना है।


उपराष्ट्रपति को बताया गया कि दधीचि देहदान समिति के तत्वावधान में 12000 से अधिक लोगों ने पहले ही अपने अंगों को दान करने का संकल्प लिया था और आज 500 लोग अंग दान का संकल्प ले रहे हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि दधीचि देहदान समिति द्वारा 294 शरीर दान और 864 कॉर्निया दान कराया गया है।


 इस अवसर पर दधीचि देहदान समिति के संरक्षक आलोक कुमार,  सफदरजंग अस्पताल के डॉ. रंजन वाधवा,  सफदरजंग अस्पताल और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज गुर्दा प्रत्यारोपण के नोडल अधिकारी डॉ. अनूप कुमार,  राष्‍ट्रीय अंग एवं ऊत्‍तक प्रत्‍यारोपण के निदेशक डॉ. वासंती रमेश और दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष श्री हर्ष मल्होत्रा और कई अन्य लोग उपस्थित थे।