संवाददाता : नई दिल्ली
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने 16 दिसंबर 2019 को भारत में ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (ईईएसएल) को देश में ऊर्जा दक्षता निवेशों का विस्तार करने के लिए 250 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए। इससे भारत में कृषि, आवासीय संस्थागत उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसके अलावा एडीबी के प्रशासन में स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष (सीटीएफ) से 46 मिलियन अमरीकी डॉलर का वित्तपोषण उपलब्ध कराया जाएगा।
इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा सेवा कंपनी, ईईएसएल को एडीबी ने 2016 में डिमांड साइड ऊर्जा दक्षता सेवा परियोजना के लिए 200 मिलियन अमरीकी डॉलर का ऋण मंजूर किया था। इस परियोजना में कुशल प्रकाश व्यवस्था और उपकरणों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इस परियोजना की विशेषता ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के उपयोग के लाभों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना भी है। इस जागरूकता अभियान में स्थानीय संगठनों को ज्ञान साझा करने और प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। बिजली वितरण, नियामक एजेंसियों और अन्य सरकारी निकायों के लिए भी क्षमता निर्माण किया जाएगा।
ऋण के साथ 2 मिलियन अमरीकी डॉलर की तकनीकी सहायता भी होगी जो इस परियोजनाओं को लागू करने में ईईएसएल की मदद करेगी। यह तकनीकी सहायता नई उप परियोजनाओं की पहचान और विकास करने के साथ-साथ कुछ प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने भी मदद करेगी। यह अनुदान स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष से मिलेगा। एडीबी एक समृद्ध, समावेशी, लचीला और सतत एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र का लक्ष्य अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैंक अत्यधिक गरीबी के उन्मूलन के लिए भी प्रयासरत है। 2018 में इस बैंक ने 21.6 बिलियन अमरीकी डॉलर राशि के नए ऋणों और अनुदानों की प्रतिबद्धता की थी।