संवाददाता : मुंबई महाराष्ट्र
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुंबई में “बिजनेस टुडे माइंडरश 2019” में भाग लिया। कार्यक्रम की विषय वस्तु थी, “ बाधित करो या मरो”
इस अवसर पर प्रधान ने उद्योग केन्द्रित, नवोन्मेषण प्रेरित, सरकार समर्थित मॉडल की अपील की। उन्होंने कहा “हमें अनिवार्य रूप से सम्पदा सृजन के एक उद्योग केन्द्रित, नवोन्मेषण प्रेरित, सरकार समर्थित मॉडल का निर्माण करना चाहिए। नवाचार संचालित, धन सृजन का राज्य समर्थित मॉडल। उद्योग, शिक्षाविद और नीति निर्धारकों को निश्चित रूप से नवाचार के माध्यम से समाज की समस्याओं को हल करने के लिए एक साथ आना चाहिए और समाज के लिए मूल्य उत्पन्न करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि बिना खुद के घर का कोई परिवार नहीं होना चाहिए, बिना नल जल आपूर्ति के कोई घर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा “ऊर्जा क्षेत्र में भी रचनात्मक व्यवधानों की आवश्यकता है। हमारे पास देश में खेतों, जंगलों और शहरों में 600एमटी गैर-जीवाश्म बायोमास उपलब्ध हैं। इस विशाल बायोमास को ऊर्जा में परिवर्तित करने के द्वारा हम देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा में सुधार कर पाएंगे। भारत में बायोमास को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए भारत में 5000 सीबीजी प्लांट विकसित किए जा रहे हैं और हमारी तेल विपणन कंपनियों ने उनकी खरीद की गारंटी दी है। हम हाइड्रोजन जैसे अधिक नए और पर्यावरण के अनुकूल वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत की खोज पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
भारत के आर्थिक परिवर्तन के बारे में चर्चा करते हुए, मंत्री ने कहा, “भारत एक विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र के रूप में रूपान्तरित हो रहा है। इस परिवर्तन के लिए सभी हितधारकों के बीच अधिक तालमेल की आवश्यकता होगी। हमें खुद में परिवर्तन के विचार को आत्मसात करना होगा और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नवीन भारत के विजन को एक जन आंदोलन बनाने की दिशा में प्रयास करना होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था को हमारी बौद्धिक क्षमता से जोड़ने की आवश्यकता है। श्री प्रधान ने कहा कि भारत का घरेलू बाजार, बौद्धिक कार्यबल और जोखिम उठाने की क्षमता न केवल हमारी घरेलू समस्याओं बल्कि कुछ वैश्विक समस्याओं का समाधान भी कर सकती है।