शनिवार, 21 दिसंबर 2019

केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्‍द्र तोमर ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण का उद्धाटन किया...

संवाददाता : नई दिल्ली


      केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण तथा पंचायती राज मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने नयी दिल्‍ली में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के अवसर पर अलग से पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण का उद्धाटन किया।


पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण का उद्देश्य 2019-20 से 2024-25 की अवधि के लिए कुल 1,25,000 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण कर इनके जरिए ग्रामीण बसावट को कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और अस्पतालों से जोड़ना है। इन सड़कों के निमार्ण पर कुल 80250 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत आएगी। इसमें केन्‍द्र का हिस्‍सा 53,800 करोड़ रुपये होगा। परियोजना के लिए वित्‍त पोषण में केन्‍द्र की हिस्‍सेदारी 60 प्रतिशत और राज्‍यों की 40 प्रतिशत होगी। पूर्वोत्‍तर और हिमालय क्षेत्र के राज्‍यों के लिए यह अनुपात 60:10 का होगा।  



तोमर ने उद्धाटन अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएमजीएसवाई देश के लिए एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम है। उन्‍होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब लोग गांवों में अच्‍छी सड़कों की कल्‍पना भी नहीं कर सकते थे क्‍योंकि यह एक दुरुह कार्य था। केन्‍द्रीय मंत्री ने गांवों को बेहतर सड़कों से जोड़ने की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भविष्‍य की सोच की सराहना करते हुए कहा कि वह इस दुरुह कार्य को हर हाल में पूरा करना चाहते थे। उनकी इस प्रतिबद्धता का ही नतीजा है कि आज देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख किलोमीटर से ज्‍यादा सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। उन्‍होंने गांवों को सशक्‍त बनाने तथा उनके सर्वांगीण विकास में सड़कों के महत्‍व को रेखांकित किया। 


तोमर ने जोर देकर कहा कि राज्‍यों को सड़कों का नियमित रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए ताकि सड़कों की गुणवत्‍ता बनी रहे। उन्‍होंने आगे कहा कि पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण के शुरू होने के साथ ही राज्‍य सरकारों को इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने की तैयारी आरंभ कर देनी चाहिए। श्री तोमर ने 16 दिसंबर 2019 तक देश में पीएमजीएसवाई योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 153491 सड़कों का काम पूरा हो जाने और इनके जरिए 97.27 प्रतिशत ग्रामीण बसावट के जुड़ने पर प्रसन्‍नता व्‍यवक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि इन सड़कों में से 36063 किलोमीटर सड़कों के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल किया गया है।


राष्‍ट्रीय कार्यशाला में विभिन्‍न राज्‍यों और तकनीकी संस्‍थानों के प्रतिनिधियों तथा विशेषज्ञों ने भाग लिया और विभिन्‍न विषयों पर अपनी प्रस्‍तुतियां दीं। कार्यशाला में ग्रामीण सड़कों के रखरखाव, सड़कों की गुणवत्‍ता बनाए रखने, अनुबंध प्रबंधन, ग्रामीण सड़कों का इस्‍तेमाल यातायात बढ़ाने में करने,सड़क सुरक्षा, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण में आने वाली चुनौतियों तथा ग्रामीण सड़कों के निर्माण में प्‍लास्टिक कचरे के इस्‍तेमाल जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।