सोमवार, 16 दिसंबर 2019

मालदीव गणराज्य के स्थायी सचिवों और महासचिवों के लिए राष्ट्रीय सुशासन केंद्र द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम संपन्न...

प्रजा दत्त डबराल @ नई दिल्ली


      केन्द्रीय राज्यमंत्री (कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज यहां कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र द्वारा आयोजित मालदीव गणराज्य के स्थायी सचिवों और महासचिवों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित किया।  उन्होंने इस अवसर पर प्रमाण पत्र भी प्रदान किए।



मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के मंत्र को अपनाया है और समाज में अंतिम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर नागरिक केंद्रित, पारदर्शिता और नागरिक-भागीदारी पर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने कई अप्रचलित नियमों और कानूनों को समाप्त कर दिया है। मंत्री ने प्रौद्योगिकी के अधिकतम और इष्टतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने आरटीआई पोर्टल सहित कई पोर्टलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस और पेपरलेस गवर्नेंस पर जोर दिया गया है, जिसने बहुत सी चीजों को आसान और सरल बना दिया है। उन्होंने कहा कि शासन की सुगमता से जीवन जीने में आसानी होती है।


डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा शिकायत निवारण तंत्र को त्वरित और सक्रिय बनाया गया है। इस तंत्र को अब संस्थागत रूप दे दिया गया है जिसमें पहले दर्ज की गई शिकायतों की संख्या 2 लाख से बढ़कर लगभग 16 लाख हो गई हैं। मंत्री ने कहा कि यह वृद्धि देश के लोगों द्वारा सरकार के शिकायत निवारण तंत्र में दिखाए गए विश्वास के कारण आई है। उन्होंने मनमानेपन से बचने के लिए पदोन्नति हेतु सरकार द्वारा अपनाई गई 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली के बारे में भी बताया। उन्होंने प्रशासन और शासन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया।


मालदीव सिविल सेवा आयोग के महानिदेशक और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख अब्दुल्ला सईद ने इस प्रशिक्षण के संचालन के लिए एनसीजीजी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी, नीति और अन्य क्षेत्रों में मिली सीख के बारे में बताया। उन्होंने अच्छे भारत-मालदीव संबंधों की कामना की।


डीएआरपीजी के अपर सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र द्वारा वर्ष 2019 में 4 क्षमता निर्माण कार्यक्रम संचालित किए गए हैं, जिसमें मालदीव गणराज्य के 100 अधिकारियों ने भाग लिया। वर्ष 2020 के लिए,  200 अधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु एक और 7 क्षमता निर्माण कार्यक्रम का खाका तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाग लेने वाले अधिकारियों द्वारा एनसीजीजी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की काफी सराहना की गई है और उन्होंने इसे उनके करियर की प्रगति के लिए बहुत लाभप्रद माना है।