शनिवार, 7 दिसंबर 2019

मुख्यमंत्री ने लांच किया पाठ्यक्रम,बाबा साहेब अम्बेडकर की सोच व चिंतन...

संवाददाता : नई दिल्ली 


      बाबा साहेब अम्बेडकर को सिर्फ दलितों के नेता बना कर उनके दायरे को बहुत संकुचित कर दिया गया है। बाबा साहेब इतनी बड़ी हस्ती थे और इतने महान व्यक्ति थे कि उन्हें सीमित दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। आज ही के दिन ( 6 दिसम्बर) हम बाबा साहेब का प्रति वर्ष महापरिनिर्वाण दिवस मनाते हैं। कई बार यह एक औपचारिकता मात्र बन कर रह जाती है। आज बाबा साहेब के बारे में पाठ्यक्रम लांच की जा रही है और आज से इसे  दिल्ली के सभी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है। बाद में सभी निजी स्कूल भी इसको अपनाएंगे। यह बहुत ही खुशी की बात है कि आज हम एक तरह से सच्चे तरीके से उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।



डा. भीमराव अम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में यह बात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहीं। इस दौरान दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के भारी संख्या में प्रिंसिपल, शिक्षक, बच्चे व अभिभावक मौजूद थें। इस दौरान डा. भीमराव अम्बेडकर पर एक शार्ट बायोग्राफी पुस्तिका को भी मुख्यमंत्री ने लांच किया, जिसे पाठ्यक्रम के तहत पढाया जाएगा। यह पाठ्यक्रम दिल्ली के स्कूलों में आज 6, 7 और 8 वीं के बच्चों को स्पेशल क्लास लगाकर पढ़ाया जाएगा। इसमें डा. भीमराव अम्बेडकर की जीवनी,सोच व काम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व समाज कल्याण मंत्री, राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थें।  

बाबा साहेब ने समाज के दबे, कुचले व अन्याय झेल रहे सभी वर्ग की बात उठाई - अरविंद केजरीवाल 

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहेब इतनी बड़ी हस्ती थे और इतने महान व्यक्ति थे कि उन्हें सीमित दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। हमने कहीं न कहीं सिर्फ दलितों के नेता बना कर उनके दायरे को बहुत संकुचित कर दिया है। बाबा साहब ने अपने जीवन मे दलितों की आवाज तो उठाई ही, वह खुद उस समाज से आते थे, जहां उन्हें  खुद अपने जिंदगी में बहुत संघर्ष करना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने समाज के हर उस वर्ग की आवाज उठाई जो समाज का वर्ग दबा हुआ था, कुचला हुआ था व अन्याय झेल रहा था। 

यह फर्स्ट ड्राफ्ट, फिर फीडबैक के आधार पर होगा बदलाव -  अरविंद केजरीवाल 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  डॉ अम्बेडकर ने देश को एक खूबसूरत संविधान दिया है। जब देश आजाद हुआ था, पूरे देश में छोटे-छोटे राजा-महाराजा होते थे। सरदार पटेल ने देश के अंदर घूम-घूम कर सारे देश को इकट्ठा किया। एक भारत बना। पूरी दुनिया को उस समय यह लग रहा था कि भारत ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। भारत टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा। इतनी विविधताएं थीं। इतने धर्म थे।  इतनी जातियां थीं। इतनी संस्कृतियां थीं।  उन सारे प्रदेश को सरदार पटेल जहां एक ओर इकट्ठा कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर बाबा अम्बेडकर ने ऐसा संविधान दिया कि आज 70 साल बाद भी भारत अलग होने की बजाय धीरे-धीरे एक होता गया। हम सारे लोग एक होते गए और यह इस संविधान की वजह से है। बाबा साहब ने इतना खूबसूरत संविधान लिखा, जिसमें सबकी एकता, बराबरी, जीने का अधिकार, आजादी व सबको बोलने के अधिकार की बात है। यह सारी बातें हमे अपने बच्चों को बतानी है। और इस तरह से बतानी है कि उनको इससे प्रेरणा मिल सके। मैं समझता हूँ की इस बुकलेट को हम फर्स्ट ड्राफ्ट के रूप में माने। 

बाबा साहेब के पाठ्यक्रम बच्चों को देशभक्ति सिखाने की दिशा में पहला ठोस कदम -  अरविंद केजरीवाल 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कुछ दिन पहले हमने इच्छा जाहिर की थी, कि हम अपने बच्चों में देशभक्ति कूट-कूट कर भरेंगे। हम बच्चों को स्कूल में देशभक्ति सिखाएंगे। मुझे लगता है कि वह देशभक्ति सिखाने की दिशा में यह पहला ठोस कदम है, जो हम बाबा साहब अम्बेडकर के बारे स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जा रहे हैं। हमें खुशी है कि अब हमारे बच्चों को बाबा साहब अम्बेडकर के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से बाबा साहब के पाठ्यक्रम को दिल से स्वीकार कर इसे लागू करने की अपील की। उन्होंने शिक्षकों से फीडबैक भी मांगे हैं। ताकि किताब को और बेहतर बनाया जा सके और सुधारा जा सके। 

दिल्ली सरकार ने डा. भीमराव अम्बेडकर के बहुयामी चरित्र को बुकलेट के माध्यम से दुनिया के सामने रखा है - राजेंद्र पाल गौतम 

समाज कल्याण मंत्री  राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि आज दिल्ली के बच्चों के सपनों को अरविंद केजरीवाल ने उड़ान दी है। जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो सोचता था कि डा. भीमराव अम्बेडकर के बारे में ज्यादा से ज्यादा क्यों नहीं पढ़ाया जाता है। हिंदू कोड बिल को लाने वाले, मजदूरों को उनका हक दिलाने वाले, अर्थशास्त्री को महज दलितों का नेता बना दिया गया। यह उनके बहुयामी चरित्र को कम कर दिखाना है। आज दिल्ली सरकार दिल्ली के स्कूलों में डा. भीमराव अम्बेडकर की बुकलेट के जरिए उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा बताने जा रही है। यह सच्ची श्रद्धांजली है। मुझे लगता है इससे पूरे देश मैसेज जाएगा और लोगों को डा. भीमराव अम्बेडकर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिलेगी।