शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

प्रदेश में 1.57 लाख बन्दरों की नसबन्दी की गई : वन मंत्री

संवाददाता : शिमला हिमाचल


      हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने यहां  'हयूम्न वाईल्ड लाईफ काॅन्फलिकट' (मानव-वानर) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में मानव और वानर के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया।

 


 

वन, परिवहन एवं युवा खेल मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है। प्रदेश में वानरों की समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। नगर इकाइयों के माध्यम से इन प्रयासों को लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

 

उन्होंने कहा कि किसानों को बन्दरों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए इस समस्या का कारगर तरीका नसबंदी है। प्रदेश के आठ वानर नसबन्दी केन्दों में वन विभाग अब तक एक लाख 57 हजार वानरों की नसबन्दी कर चुका है। वन विभाग बन्दरों को पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों को भी उचित प्रशिक्षण देगा। उन्होंने कहा कि बन्दरों को पकड़ने के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रति बन्दर दिया जाएगा।

 

वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश की 548 पंचायतें बन्दरों के लिए अति संवेदनशील हैं और इन पंचायतों में भी इस प्रकार की बैठकों का आयोजन किया जाए ताकि लोगों को बन्दरों को पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जा सके।  

 

उन्होंने प्रधानमंत्री की स्वच्छता की सोच को आगे बढ़ाने की दिशा में भी कार्य करने को कहा क्योंकि इससे काफी हद तक बन्दरों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जंगलों में फलदार वृक्ष लगाके हम बन्दरों को जंगलों में ही आहार की सुविधा प्रदान कर सकते हंै और इस प्रकार बन्दर जंगलों को छोड़ शहरांे की तरफ नहीं आएंगे।

 

अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला से मिलने वाले सुझावों पर वन्य प्राणी प्रभाग विचार करेगा ताकि बन्दरों की समस्या से निपटने के लिए और ठोस कदम उठाए जा सकें।  

 

इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल डाॅ. सविता ने बताया कि मानव व वानर संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग प्रयासरत है और यह कार्यशाला इसी कड़ी में आयोजित की गई। प्रदेश में 1100 वानर हाॅट स्पाॅट की पहचान की गई है। वन विभाग समय-समय पर गणना के माध्यम से बन्दरों की संख्या पर निगरानी रख रहा है। अब बन्दरों की संख्या घटकर लगभग दो लाख रह गई है। हिमाचल प्रदेश की 91 तहसीलों/उप-तहसीलों व नगर निगम शिमला में एक वर्ष की अवधि के लिए वर्मिन घोषित किया गया है, साथ ही बन्दरों की नसबंदी के लिए आठ नसबंदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

 

कार्यशाला में महापौर कुसुम सदरेट, उप-महापौर राकेश शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह भी उपस्थित थे।