संवाददाता : नई दिल्ली
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा आयोजित पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुखों का 37वां राष्ट्रीय परिसंवाद नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इसका उद्घाटन कल भारत सरकार की लोकपाल सदस्य, मुख्य अतिथि श्रीमती अर्चना रामासुंदरम ने किया। दो दिवसीय परिसंवाद की विषय-वस्तु थी, 'साझाकरण और नेटवर्किंग के माध्यम से संसाधनों का इष्टतम उपयोग'।
मुख्य अतिथि ने क्षमता निर्माण और भारतीय पुलिस को आकार देने में बीपीआर एंड डी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने पुलिस के लिए वार्षिक भर्ती नीति की मूलभूत आवश्यकता को रेखांकित किया जिससे कि राज्य या संगठनात्मक स्तर पर उनके प्रशिक्षण की बेहतर ढंग से योजना बनाई जा सके। विलंबित और भारी संख्या में छिटपुट भर्ती मौजूदा प्रशिक्षण अवसंरचना और प्रशिक्षकों पर अत्यधिक बोझ डालती है।
मुख्य अतिथि द्वारा भारतीय पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की एक निर्देशिका जारी की गई जिसमें पूरे देश के लगभग 300 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के संसाधनों की जानकारी है। संशोधित पुलिस ड्रिल मैनुअल और रेप, हत्या आदि जैसे गंभीर मामलों में ट्रायल कोर्ट के निर्णयों का संकलन भी जारी किया गया। मुख्य अतिथि ने आईपी विश्वविद्यालय से एमबीए में प्रथम स्थान प्राप्त करने के द्वारा स्वर्ण पदक जीतने के लिए बीपीआरएंडडी के डीआईजी शशि कान्त उपाध्याय को सम्मानित भी किया।
समापन सत्र के दौरान कौमुदी ने बताया कि 37वें परिसंवाद के प्रस्तावों को अनुवर्ती कार्रवाई के लिए राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों/सीएपीएफ/सीपीओ को भेजा जाएगा। उन्होंने समान संसाधनों और सर्वोत्तम प्रचलनों को साझा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और बताया कि बीपीआरएंडडी पूरे देश में प्रशिक्षण संस्थानों के लिए एक हब के रूप में काम कर रहा है।
इस दो दिवसीय परिसंवाद में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों/केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों/केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों, शिक्षाविदों और संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।