शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

राज्‍य की 2.6 एलएमटी यूरिया की अतिरिक्‍त मांग को भी पूरा किया जायेगा : गौड़ा

संवाददाता : नई दिल्ली


      केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने मध्य प्रदेश में यूरिया कमी की आशंका को आधारहीन बताया है।कुछ ऐसी खबरें आई है कि मध्‍य प्रदेश के कुछ हिस्‍से में यूरिया की कमी है। यूरिया की कमी की बात वास्‍तविक आंकड़ों से मेल नहीं खाती है। उन्‍होंने नई दिल्‍ली में कहा कि चालू रबी मौसम के दौरान हमने मध्‍य प्रदेश सहित पूरे देश में यूरिया की पर्याप्‍त मात्रा की उपलब्‍धता सुनिश्चित की है।


मध्‍य प्रदेश के किसान कल्‍याण और कृषि विकास, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री सचिन सुभाष यादव ने गौड़ा से मुलाकात की और उन्‍हें केन्‍द्र सरकार द्वारा यूरिया की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने में निरंतर सहयोग के लिए धन्‍यवाद दिया।



गौड़ा ने कहा कि कल मैंने मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री से इस संबंध में बात की और उन्‍हें बताया कि राज्‍य में यूरिया की पर्याप्‍त मात्रा उपलब्‍ध कराई गई है। मैंने उन्‍हें आश्‍वस्‍त किया कि अगले 2-3 दिनों में 15 यूरिया रेक मध्‍य प्रदेश पहुंचेंगे। इससे मांग पूरी की जा सकेगी।


गौड़ा ने कहा कि वर्तमान संकट जमीनी स्‍तर पर वितरण नेटवर्क में समस्‍या की वजह से हो सकता है। हाल में राज्‍य सरकार ने 80 प्रतिशत यूरिया का वितरण कोऑपरेटिव के जरिये करने का निर्णय लिया है और शेष 20 प्रतिशत वितरण निजी डीलर नेटवर्क के जरिये किया जा रहा है। पहले यह अनुपात 50:50 था। हो सकता है कि इस निर्णय के कारण राज्‍य मार्कफेड विक्रेता केन्‍द्रों में खरीदारों की भीड़ बढ़ गई और इसे ही यूरिया कमी के रूप में बताया जा रहा है।


गौड़ा ने कहा कि राज्‍य के अंदर यूरिया का वितरण राज्‍य कृषि विभाग की जिम्‍मेदारी है। उर्वरक विभाग राज्‍य स्‍तर पर उपलब्‍धता सुनिश्‍चित करता है। हम राज्‍य सरकार के साथ मिलकर कार्य करते रहेंगे, ताकि किसानों को समय पर यूरिया की पर्याप्‍त मात्रा उपलब्‍ध हो।


मंत्री गौड़ा ने कहा कि मध्‍य प्रदेश में यूरिया की उपलब्‍धता सामान्‍य है। राज्‍य सरकार के प्रतिनिधियों ने साप्‍ताहिक वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमारे विभाग के अधिकारियों को यह बात कही है। 


चालू रबी 2019-20 सीजन (अक्‍टूबर, 2019 से मार्च, 2020 तक) के दौरान मध्‍य प्रदेश की यूरिया आवश्‍यकता 15.40 एलएमटी (0.4 एलएमटी का आरक्षित आवंटन) है, जैसा कि 11 सितम्‍बर, 2019 को आयोजित जोनल सम्‍मेलन के दौरान मध्‍य प्रदेश की राज्‍य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श कर कृषि सहयोग एवं कल्‍याण विभाग द्वारा आकलित किया गया है।


मध्‍य प्रदेश में वर्तमान रबी सीजन की शुरुआत 5.96 एलएमटी के संतोषजनक आरंभिक स्‍टॉक के साथ हुई {जहां राज्‍य की कुल सीजनल आवश्‍यकताओं का एक तिहाई से भी अधिक हिस्‍सा है (स्रोत : उर्वरक विभाग का डैशबोर्ड www.eurvarak.nic.in)}। अब तक 10.12 एलएमटी की यूरिया आवश्‍यकता की तुलना में उर्वरक विभाग (डीओएफ) द्वारा अभी तक  सुनिश्चित की गई उपलब्‍धता 14.23 एलएमटी की है।


चालू माह के दौरान चरम यानी पीक मांग पूरी करने के लिए उर्वरक विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि माह के शुरू होने से काफी पहले ही दिसम्‍बर के लिए आपूर्ति योजना जारी कर दी जाए। उर्वरक कंपनियों को समानुपातिक आधार पर यूरिया को भेजना सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है, ताकि फील्‍ड यानी क्षेत्र की ओर से आ रही मांग को पूरा किया जा सके। बंदरगाह से यूरिया की ढुलाई के लिए रेलवे को प्राथमिकता दी गई है। जहां तक मध्‍य प्रदेश का सवाल है, संयंत्रों एवं बंदरगाहों से लगभग 85 यूरिया रेक को रवाना कर दिया गया है।


वर्तमान रबी सीजन के दौरान उर्वरक विभाग काफी पहले से ही मासिक आपूर्ति योजनाएं जारी करता रहा है और कंपनियों को स्‍वीकृत आपूर्ति योजना के अनुरूप ही उर्वरकों की आपूर्ति करने के लिए समय-समय पर सलाह दी जाती रही है। उर्वरक विभाग नियमित रूप से मध्‍य प्रदेश के कृषि विभाग के साथ सम्‍पर्क में है और इसके साथ ही वह प्रतिदिन यूरिया की उपलब्‍धता पर करीबी निगाह रखता रहा है। पूरे रबी सीजन के दौरान मध्‍य प्रदेश हर रोज संवाद के दौरान, विशेषकर साप्‍ताहिक वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के दौरान यूरिया की संतोषजनक  उपलब्‍धता के बारे में जानकारी देता रहा है।