मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

उपराष्‍ट्रपति ने खनन उद्योग से सभी कर्मचारियों की सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और जीवन को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देने को कहा...

संवाददाता : नई दिल्ली


      उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज जोर देकर कहा कि खनन उद्योग को अपने यहां रोकथाम की संस्‍कृति विकसित कर सभी कर्मचारियों की सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और जीवन को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देनी चाहिए।


वर्ष 2015 और 2016 के लिए राष्‍ट्रीय सुरक्षा पुरस्‍कार प्रदान करने के बाद एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने सुझाव दिया कि खनन क्षेत्र को काम करने का एक सुरक्षित स्‍थान बनाया जाए और साथ ही वहां कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके कल्‍याण के सभी मानकों को बरकरार रखते हुए भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास का एक शक्तिशाली केन्‍द्र बनाया जाए।



उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि उद्योग को नंगी आंखों का इस्‍तेमाल करने की वर्तमान प्रणाली और अनुभव के साथ कार्य स्‍थल के खतरों की निरंतर निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी संबंधी साधनों और ई-शासन का बेहतर इस्‍तेमाल करना चाहिए। उन्‍होंने खनन क्षेत्र में मानव और कौशल आधारित गलतियों को समाप्‍त करने के लक्ष्‍य को हासिल करने के विकल्‍प पता लगाने का आह्वान किया।


उन्‍होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि खान सुरक्षा केवल मनुष्‍य तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि इसमें सभी सजीव वस्‍तुएं और प्राकृतिक प्रणाली भी शामिल होगी। पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्‍य है।


उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि खनन क्षेत्र ने देश के विकास में अत्‍यधिक योगदान दिया है। उन्‍होंने कहा कि खनन क्षेत्र का योगदान हमारे राष्‍ट्रीय जीडीपी में 2.6 प्रतिशत है और यह 10 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रोजगार प्रदान करता है (कोयला और प्रमुख धातु में 2 मिलियन और मामूली खनिजों में 8 मिलियन)।


आपदा और अन्‍य दुर्घटनाओं के कारण नुकसान को कम करने के लिए सभी खानों के लिए आपात तैयारी को मजबूत बनाने की आवश्‍यकता पर जोर देते हुए उपराष्‍ट्रपति ने खनन उद्योग और सरकार से कहा कि वह खानों में मॉक रिहर्सल करके जिला प्रशासन, बचाव सेवा, राज्‍य आपदा मोचन बल और अन्‍य की आपदा तैयारी की जांच करे।


इस अवसर पर श्रम और रोजगार राज्‍य मंत्री संतोष कुमार गंगवार, मंत्रालय में सचिव हीरालाल सामरिया, मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव सुश्री कल्‍पना राज सिंह, महानिदेशक आर. सुब्रह्मणयम मौजूद थे। जहां 90 से अधिक लोगों ने राष्‍ट्रीय सुरक्षा पुरस्‍कार प्राप्‍त किए।