संवाददाता : भोपाल मध्यप्रदेश
राज्य सरकार ने अपने वचन-पत्र में प्रदेश में वायु सेवाओं का विस्तार करने का वादा किया था। वादे के मुताबिक राज्य सरकार पहले साल ही भोपाल और इंदौर विमानतल को 'कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट'' घोषित कराने में सफल रही। वर्ष 2019 में इंदौर से विस्तारा एयरलाइंस और ट्रू-जेट एयरलाइन द्वारा हवाई उड़ानें शुरू की गईं। इन एयरलाइंस द्वारा दिल्ली-अहमदाबाद-हैदराबाद के लिये अतिरिक्त उड़ान सेवा इंदौर को मिली।
भोपाल से वर्ष 2019 में इंडिगो एयरलाइंस और स्पाइस जेट एयरलाईन ने उड़ान सेवा शुरू की। इसमें इंडिगो एयरलाइंस द्वारा भोपाल से हैदराबाद, दिल्ली, मुम्बई और बैंगलुरू की सेवाएँ दी जा रही हैं। स्पाइस जेट एयरलाईन द्वारा भोपाल से दिल्ली, मुम्बई, जयपुर और उदयपुर के लिए उड़ान सेवाएँ दी जा रही हैं। इन्दौर विमानतल कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित होते ही यहाँ से दुबई के लिये अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो रही हैं।इस एयरपोर्ट पर कार्गो सेवा भी चालू हो गई है। भोपाल हवाई अड्डा कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित होते ही कस्टम विभाग एवं गृह मंत्रालय द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया और शीघ्र ही नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है।
रीवा, दतिया, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, छिंदवाड़ा, उमरिया एवं बालाघाट स्थित शासकीय हवाई पट्टियां पायलट प्रशिक्षण तथा अन्य उड्डयन गतिविधियाँ संचालित करने, एयरो स्पोर्टस गतिविधियां संचालित करने तथा एयरक्रॉफ्ट रिसाइक्लिंग, हेलीकॉप्टर अकादमी तथा एयरो स्पोर्टस आदि सुविधाएँ विकसित करने के लिए निर्धारित शुल्क पर आवंटित की गई हैं। इसी प्रकार अन्य हवाई पट्टियों को भी निर्धारित शुल्क पर दिये जाने की कार्य-योजना है।
वर्तमान में रीजनल कनेक्टिविटी योजना में निजी वैमानिक संस्थाओं द्वारा ग्वालियर-इन्दौर-ग्वालियर, ग्वालियर-दिल्ली, बैंगलुरू-ग्वालियर-बैंगलुरू, कोलकाता-ग्वालियर-कोलकाता, ग्वालियर-जम्मू-ग्वालियर तथा हैदराबाद-ग्वालियर- हैदराबाद रूट पर हवाई सेवाएँ संचालित हो रही हैं। भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना (आर.सी.एस) के तहत रीवा-भोपाल एवं रीवा-झाँसी रूट विस्तारित किये गये हैं।
रीजनल कनेक्टिविटी योजना 4.0 में प्रदेश की बिरवा, छिंदवाड़ा, दतिया, मण्डला, नीमच, पचमढ़ी, रीवा, सतना एवं उमरिया हवाई पट्टियों को शामिल करने के लिये विमानन विभाग की ओर से भारत सरकार को पत्र लिखा गया है।
अब प्रदेश में विमान सेवाओं के विस्तार के जरिए पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोग कम समय में लंबी दूरी तय कर अपना समय बचा सकेंगे। इसी के साथ, बीमारी की दशा में भी लोगों को समय रहते इलाज मिल सकेगा।